हमारे पाठकों से : भारतीय रेल का निजीकरण

संपादक महोदय,

मजदूर एकता लहर द्वारा प्रकाशित लेख, ‘भारतीय रेल का निजीकरण’ भाग 1 और भाग 2 में बहुत ही बारीकी और महत्वपूर्ण जानकारी पेश की है, जिससे आम लोगों तक इस जागरूकता को फैलाया जा सकता है कि भारतीय रेल के निजीकरण की असली वजह को छुपाया जाता रहा हैI असली वजह देशी-विदेशी पूंजीपतियों को आर्थिक संकट से बाहर निकालना और उन्हें ज्यादा से ज्यादा मुनाफ़ा पहुचाना हैI पूंजीपति भारत में मजदुर की सस्ती श्रम शक्ति का शोषण तथा भूमि और बुनियादी ढांचों का अधिग्रहण कर रहे हैंI भारतीय रेल भारतीय लोगो की रीढ़ की हड्डी है, वह मजदूर वर्ग के खून पसीने से निर्मित सरकारी उपक्रम है जिसका मुख्य ध्येय मुनाफ़ा बनाना नहीं बल्कि लोगों को देश के कोने कोने में सुविधाएँ प्रदान करना करना होना चाहियेI देशी तथा विदेशी पूंजीपति, कभी सहयोग कर तो कभी स्पर्धा कर, अब इससे अधिक से अधिक मुनाफा कमाना चाहते हैं I देशी-विदेशी पूंजीपतियों के मंसूबो को पूरा करने के लिए सत्ता में आई प्रत्येक सरकार ने निजीकरण की तरफ लगातार कदम बढ़ायें हैंI

देशी-विदेशी पूंजीपतियों के अपने लालच व् मुनाफाखोरी के मंसूबो के चलते ऐसा कोई भी क्षेत्र शेष नहीं रहा जहाँ पूंजीपतियों ने कब्ज़ा न किया हो, चाहे वह कोयला क्षेत्र हो या बिजली का क्षेत्र या हों कच्चे तेल और खाद्यान उद्द्योग| हर क्षेत्र में पूंजीपतियों के लोकहित विरोधी मंसूबो को पूरा करनेवाली नीतियाँ चलाई हैं और उन्हें ऐसे समय में लागू किया जारहा है जब पूरे देश में लोग बेरोजगारी, भूख और कोरोना संकट से जूझ रहे हैं और घरों में कैद हैंI हालत इतने भयानक है कि लोग मर मर कर जी रहे हैंI हमारी देश की शासन व्यवस्था लोगों को सुख-सुरक्षा देने में नाकाम है, वहीँ दूसरी ओर इस महामारी के संकट के समय भी चुनावी रैलियां की जा रही हैं, जिस कारण इन राज्यों में हजारों की संख्या में चुनावी कार्यकर्त्ता के रूप में नियुक्त शिक्षक व् अन्य लोगो की मौत भी हुई हैI

हमारे देश के राज्य करने वाले आम लोगों की सुख-सुरक्षा की परवाह किये बगैर रेलवे का निजीकरण कर रहे हैंI हम सभी इस बात को अच्छी तरह परख चुके हैं कि जिस भी किसी क्षेत्र में निजीकरण हुआ है, वहां देश की सामान्य जनता की सुख -सुविधाओं व सुरक्षा की कोई गारंटी नहीं होती हैI निजीकरण सिर्फ पूंजीपति वर्ग के मुनाफे को बढ़ाने के लिए किया जाता हैI जो सुविधाएँ देश की सामान्य जनता की मूलभूत आवयश्कता व अधिकार हैं, उन्ही को निजीकरण के बाद महंगे दामों पर उपलब्ध किया जायेगा I

इन लोकविरोधी नीतियों व निजीकरण के मंसूबो को असफल बनाने के लिए हमें एकजुट होकर इस निजीकरण का विरोध करना चाहिए I

मीना, मुंबई

Share and Enjoy !

Shares

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *