हमारे पाठकों से : वो कितने कायर हैं …

वो कितने कायर हैं हर एक की, हर एक आवाज़ से डरते हैं
वो डरते हैं कि कोई एक चिंगारी आग न बन जाये
वो डरते हैं कि लहरें सैलाब न बन जायें!
वो कितने कायर हैं …

जो फकत फ़ौजी दस्तों की आड़ में रहते हैं
जो आधी रात में मजलूमों पर लाठी चार्ज करते हैं
जो डरते हैं लोगों के हुजूम से, और इंटरनेट बंद करवाते हैं
वो कितने कायर हैं …

जब लोग अपने हक़ और अधिकार की मांग करते हैं
वो हर वक्त धर्म-जात और देशभक्ति का स्वांग करते हैं
वो डरते हैं लोगों की एकता से, और झूठे प्रचार करते हैं
वो कितने कायर हैं …

वो अख़बारों में ट्रैक्टर को टैंक दिखाते हैं
आवामी संघर्षो को आतंक बताते हैं
वो सामाजिक मसलों का, निजी हित में फ़रमान सुनाते हैं
वो कितने कायर हैं …

जब भी बहादुरी और निडरता के किस्से होंगे, मज़दूरों-किसानों का संघर्ष अव्वल होगा,
जब भी ज़िक्र होगा जुल्म और क़ायरता का इतिहास में, नाम तुम्हारा दर्ज होगा,
कि वो कितने कायर हैं

-परिवर्तन

 

Share and Enjoy !

Shares

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *