तेहरान में गुट-निरपेक्ष आंदोलन की बैठक:

ईरान को अलग करके सज़ा देने की कोशिश का सख्त विरोध

सितम्बर, 2012 के आरंभ में तेहरान में गुट-निरपेक्ष आंदोलन की 16वीं शिखर बैठक शांतिपूर्वक संपन्न हुई। इसमें 100 से अधिक सदस्य देशों ने भाग लिया और कई देशों की सरकारों के प्रधान वहां प्रतिनिधि बतौर उपस्थित थे। इस्राइली प्रधानमंत्री ने बड़ी कोशिश की थी कि संयुक्त राष्ट्र संघ के मुख्य सचिव पर शिखर बैठक में उपस्थित न ह

ईरान को अलग करके सज़ा देने की कोशिश का सख्त विरोध

सितम्बर, 2012 के आरंभ में तेहरान में गुट-निरपेक्ष आंदोलन की 16वीं शिखर बैठक शांतिपूर्वक संपन्न हुई। इसमें 100 से अधिक सदस्य देशों ने भाग लिया और कई देशों की सरकारों के प्रधान वहां प्रतिनिधि बतौर उपस्थित थे। इस्राइली प्रधानमंत्री ने बड़ी कोशिश की थी कि संयुक्त राष्ट्र संघ के मुख्य सचिव पर शिखर बैठक में उपस्थित न होने का दबाव डाला जाये, परंतु ये कोशिशें नाकाम रहीं।

गुट-निरपेक्ष आंदोलन की 16वीं बैठक ऐसे समय पर हुई जब बर्तानवी-अमरीकी साम्राज्यवादियों और उनकी इस्राइली मित्रों ने सीरिया और ईरान, दोनों देशों में सत्ता परिवर्तन करने के लिए सैनिक दखलंदाजी करने की पूरी तैयारियां कर रखी हैं। ईरान की भारी चैतरफा सैनिक, आर्थिक और कूटनीतिक घेराबंदी का सामना करते हुए इतने सारे देशों के प्रतिनिधियों ने शिखर बैठक में भाग लिया, यह इस्राइल समेत बर्तानवी-अमरीकी साम्राज्यवादियों और उनके मित्रों के मुंह पर एक बड़ा तमाचा था।

बर्तानवी-अमरीकी साम्राज्यवादी और उनके मित्र चिल्ला-चिल्लाकर कह रहे हैं कि ईरान द्वारा परमाणु ऊर्जा का विकास करना विश्व शांति के लिए खतरनाक है। सच तो यह है कि परमाणु हथियारों के सबसे बड़े भंडार अमरीकी साम्राज्यवादियों के पास हैं। उन्होंने ही बहुत से देशों की संप्रभुता को पांव तले रौंद दिया है और अफगानिस्तान, इराक, लीबिया, पाकिस्तान तथा दूसरे राष्ट्रों पर मौत और तबाही बरसाई है। इस्राइली सरकार, जिसने फिलिस्तीनी लोगों को विस्थापित किया और उन पर भयानक अत्याचार किये हैं, वह भी अमरीकी साम्राज्यवादियों के पूरे समर्थन के साथ, परमाणु हथियारों से पूरी तरह लैस है। गुट-निरपेक्ष आंदोलन की 16वीं शिखर बैठक द्वारा ऐलाननामा (’तेहरान ऐलाननामा’) में परमाणु हथियारों की कड़ी निंदा की गई है, उन्हें बेहद अमानवीय हथियार बताया गया है और यह कहा गया है कि परमाणु निशस्त्रीकरण पर एक सब-तरफा अधिवेशन करना बेहद जरूरी है।

ईरान की सरकार बार-बार यह कहती आयी है कि शांतिपूर्ण काम के लिए परमाणु ऊर्जा विकसित करना उसका संप्रभु अधिकार है। जबकि बर्तानवी-अमरीकी साम्राज्यवादी और इस्राइल समेत उनके मित्र ईरान को परमाणु ऊर्जा विकसित करने से रोकने की पूरी कोशिश करते आये हैं और अपनी तरफ से ईरान पर एकतरफा आर्थिक प्रतिबंध थोप रखे हैं, तो सूचनाओं के अनुसार संयुक्त राष्ट्र संघ के मुख्य सचिव ने तेहरान में ईरान के राष्ट्रपति महमूद अहमदिनिजाद के साथ एक बैठक में कहा है कि शांतिपूर्ण काम के लिए परमाणु ऊर्जा का इस्तेमाल करने का ईरान को अधिकार अवश्य है। शिखर बैठक की समाप्ति के समय जारी किये गये ‘तेहरान ऐलाननामा’ में कहा गया है कि “सभी राज्यों को, कोई अपेक्षा किये बिना, शांतिपूर्ण काम के लिए परमाणु ऊर्जा विकसित करने, उस पर शोध करने, उसका उत्पादन और प्रयोग करने का मूल तथा अलंघनीय अधिकार होना चाहिए।“ ऐलाननामा में न सिर्फ शांतिपूर्ण परमाणु ऊर्जा के प्रयोग के ईरान के अधिकार पर जोर दिया गया है, बल्कि यूरेनियम के समृद्धिकरण करने के उसके अधिकार को भी मान्यता दी गई है। यह कहा गया है कि “परमाणु प्रौद्योगिकी के शांतिपूर्ण प्रयोग और परमाणु ईंधन के संपूर्ण चक्र की नीतियों के क्षेत्र में ईरान इस्लामी गणराज्य समेत सभी राज्यों की पसंद और फैसलों को मान्यता दी जानी चाहिए”। बर्तानवी-अमरीकी साम्राज्यवादी और उनके मित्र परमाणु ऊर्जा विकसित करने की जुर्रत करने के लिए ईरान को अलग करके उसे सज़ा देने की जो मांगें इतने जोर-शोर से करते आ रहे हैं, यह ऐलाननामा उसका सख्त विरोध करता है।

गुट-निरपेक्ष आंदोलन की शिखर बैठक में फिलिस्तीनी लोगों के राष्ट्रीय अधिकारों के पक्ष में बलपूर्वक बयान दिया गया और तेहरान ऐलाननामा में कहा गया कि “किसी भी समाधान के लिए यह जरूरी है कि कब्ज़ाकारी ताकत, इस्राइल द्वारा कब्ज़ा, अपराधों और उल्लंघनों को खत्म किया जाये, आत्मनिर्धारण के फिलिस्तीनी लोगों के अलंघनीय अधिकार को वापस दिया जाये तथा स्वतंत्र एवं स्थायी फिलिस्तीनी राज्य की स्थापना की जाये।… उस इलाके में समानता पर आधारित, सबतरफा और स्थायी शांति की स्थापना के लिए फिलिस्तीनी लोगों के लिए राष्ट्रीय अधिकारों को वापस दिलाना एक मूल पूर्वशर्त है”।

आज की दुनिया में बहुत से देश बर्तानवी-अमरीकी साम्राज्यवादियों और उनके मित्रों द्वारा पैदा की गई परिस्थिति से खुश नहीं हैं, क्योंकि यह शांति और संप्रभुता के लिए बहुत खतरनाक है और विभिन्न देशों व लोगों के खुद को अपनी पसंद के तरीके से शासन करने और विकसित करने के अधिकार का हनन है। अब अगले तीन वर्षों के लिए ईरान गुट-निरपेक्ष आंदोलन की अध्यक्षता संभालेगा, जिसके बाद वेनेजुएला इसकी अध्यक्षता करेगा, जिसकी वर्तमान सरकार भी अमरीकी साम्राज्यवाद का कट्टर दुश्मन है। यह उम्मीद की जा सकती है कि बर्तानवी-अमरीकी साम्राज्यवादियों और उनके मित्रों द्वारा पैदा की गई खतरनाक स्थिति का विरोध करने वाली ताकतें विश्वशांति के सामने खतरों का मुकाबला करने तथा सभी बड़े व छोटे राष्ट्रों की संप्रभुता की रक्षा करने के लिए हर मौके का पूरा इस्तेमाल करेंगे।

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