असम गैस प्लांट मज़दूरों का संघर्ष

ब्रह्मपुत्र क्रेकर एण्ड पॉलीमर लिमिटेड निर्माण श्रमिक यूनियन के झंडे के तले संगठित मज़दूरों ने 5 जनवरी, 2011 से डिब्रूगढ़ के समीप लेपेटकाटा परियोजना स्थल पर अपनी मांगों के समर्थन में हड़ताल की। मज़दूरों ने ध्यान दिलाया है कि ब्रह्मपुत्र क्रेकर एण्ड पॉलीमर लिमिटेड (बी.सी.पी.एल.), इं

ब्रह्मपुत्र क्रेकर एण्ड पॉलीमर लिमिटेड निर्माण श्रमिक यूनियन के झंडे के तले संगठित मज़दूरों ने 5 जनवरी, 2011 से डिब्रूगढ़ के समीप लेपेटकाटा परियोजना स्थल पर अपनी मांगों के समर्थन में हड़ताल की। मज़दूरों ने ध्यान दिलाया है कि ब्रह्मपुत्र क्रेकर एण्ड पॉलीमर लिमिटेड (बी.सी.पी.एल.), इंजीनियर्स इंडिया लिमिटेड (ई.आई.एल.), हिन्दोस्तानी सरकार द्वारा नियुक्त किये गये परियोजना सलाहकारों, केन्द्रीय सहायक श्रम आयुक्त के दफ्तर और डिब्रुगढ़ जिला प्रशासन जैसे विभिन्न प्राधिकरण उनके द्वारा उठाये गये वेतन असमता जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों को संबोधित करने में असफल रहे हैं।
कंपनी अपेक्षित न्यूनतम वेतन से कम दे रही थी और खास तौर पर वह असम के मज़दूरों को दूसरे राज्य के मज़दूरों के मुकाबले कम वेतन दे रही थी। यूनियन ने ध्यान दिलाया कि इस तरह वह मज़दूरों के बीच जानबूझकर फूट डाल रही थी।
यूनियन ने इस बात पर भी ध्यान दिलाया कि कंपनी आवास सुविधायें दिलाने में असफल रही है जबकि उसने इसके बारे में वचन दिया था। यूनियन ने मज़दूरों के लिये सुरक्षा उपकरणों, सभी रविवारों और राष्ट्रीय अवकाशों के दिन वेतन के साथ छुट्टी, 12 प्रतिशत बोनस, 20 प्रतिशत आवास किराया भत्ता तथा वेतन का भुगतान हर महीने की 7 तारीख तक, की भी मांग की।

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