लोगों के हाथ में राजनीतिक सत्ता नहीं है!

15 जुलाई, 2012 को पूर्वी दिल्ली के शशी गार्डन में हिन्द नौजवान एकता सभा और लोक राज संगठन के तत्वाधान में 'प्रतिभा विकास प्रतियोगिता' आयोजित की गयी। इसमें नौजवान युवक-युवतियों ने बढ़चढ़ कर हिस्सा लिया।

15 जुलाई, 2012 को पूर्वी दिल्ली के शशी गार्डन में हिन्द नौजवान एकता सभा और लोक राज संगठन के तत्वाधान में 'प्रतिभा विकास प्रतियोगिता' आयोजित की गयी। इसमें नौजवान युवक-युवतियों ने बढ़चढ़ कर हिस्सा लिया।

''भगत सिंह और उनके विचार'', इस शीर्षक पर नौजवानों ने निबंध लेखन और चित्रकला की प्रतियोगिताओं में अपना कौशल दर्शाया। ''वर्तमान लोकतंत्र में क्या प्रभुसत्ताा लोगों के हाथ में है?'', इस विषय पर नौजवानों ने वाद-विवाद में भाग लिया।

मजदूर एकता लहर के संवाददाता भी इस कार्यक्रम में उपस्थित थे।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुये हिन्दोस्तान की कम्युनिस्ट ग़दर पार्टी के वक्ता ने नौजवानों और उनके द्वारा बहादुरी से प्रकट किये गये विचारों की सराहना की। नौजवानों ने वाद-विवाद में अपने जीवन के तमाम उदाहरणों से बताया कि किस तरह यह पूरी व्यवस्था चंद मुनाफाखोरों के हित में काम करती है और मजदूर-मेहनतकशों के अधिकारों को नकारती है। चाहे कोई भी पार्टी की सरकार हो, वे बड़े-बड़े देशी-विदेशी पूंजीपतियों के हित में ही काम करती हैं और लोगों के विरोध को बलपूर्वक कुचलती हैं। पार्टी के वक्ता ने कहा कि लोगों को न तो अपना प्रतिनिधि चुनने का अधिकार है और न ही उसे जवाबदेह ठहराने या वापस बुलाने का या अपने हित में कोई कानून प्रस्तावित करने का। इससे स्पष्ट है कि संप्रभुता लोगों के हाथ में नहीं है। उन्होंने नौजवानों से आह्वान किया कि हमें संगठित होकर इस व्यवस्था को जड़ से उखाड़ फेंकना होगा और मजदूर-मेहनतकश का राज लाना होगा, ताकि प्रभुसत्ताा वास्तव में लोगों के हाथ में हो।

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