नगर निगम के निजीकरण का विरोध

5 जुलाई, 2012 को दैनिक ट्रिब्यून में प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार, 4 जुलाई, 2012 को पंजाब के जिला जालन्धर में नगर निगम की यूनियनों ने संयुक्त बैठक में नगर-निगम के कूड़ा-करकट हटाने के काम के निजीकरण का विरोध किया है। बैठक में निगम सफाई मजदूर यूनियन, स

5 जुलाई, 2012 को दैनिक ट्रिब्यून में प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार, 4 जुलाई, 2012 को पंजाब के जिला जालन्धर में नगर निगम की यूनियनों ने संयुक्त बैठक में नगर-निगम के कूड़ा-करकट हटाने के काम के निजीकरण का विरोध किया है। बैठक में निगम सफाई मजदूर यूनियन, सीवरमैन इम्पलाइज यूनियन, ड्राईवर एंड टैक्नीकल वर्कर्स इम्पलाइज यूनियन सहित नगर निगम ग्रेड-4 महा यूनियन ने भाग लिया।

विदित रहे कि पंजाब सरकार द्वारा सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्रोजेक्ट के तहत कूड़ा कर्कट उठाने के लिए एक प्राइवेट कंपनी को ठेके पर दिया गया है। यूनियनों ने पंजाब सरकार को चेतावनी भी दी कि यदि सरकार ने ऐसा किया तो जलन्धर शहर में सीवरेज, पानी और सफाई का काम ठप्प कर दिया जाएगा।

उन्होंने कहा कि पंजाब में कूड़ा कर्कट को हटाने के काम को निजी कंपनियों को देने का मतलब है नागरिकों पर आर्थिक बोझ को बढ़ाना। इससे हरेक घर पर 50 से 500 रुपये, प्रति दुकान, अस्पताल, ढाबा, रेस्तरा, बारात घर और होटल पर 1 हजार से 5 हजार रुपये प्रति महीना कूड़ा टैक्स लग जायेगा। इसकी उगाही निजी कम्पनी करेगी।

विदित रहे कि 31अक्तूबर, 2011को पंजाब के मुख्यमंत्री ने नगर निगमों और कौंसिलों की यूनियनों के प्रतिनिधियों की बैठक के दौरान यह निर्णय किया था कि दरवाजे-दरवाजे कूड़ा उठाने का कार्य नगर निगम खुद करेंगे।

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