चेन्नई में स्थित अपोलो अस्पताल, एम.एम.एम. अस्पताल तथा फोर्टिस मलार अस्पताल की 2000से भी अधिक नर्सें व पराचिकित्सकीय कर्मचारी एक बार फिर अपने मेहनती काम के लिये उचित वेतन की मांग को लेकर सड़कों पर उतरे।
चेन्नई में स्थित अपोलो अस्पताल, एम.एम.एम. अस्पताल तथा फोर्टिस मलार अस्पताल की 2000से भी अधिक नर्सें व पराचिकित्सकीय कर्मचारी एक बार फिर अपने मेहनती काम के लिये उचित वेतन की मांग को लेकर सड़कों पर उतरे।
इन मांगों के लिये ही, इन नर्सों ने मार्च के पहले सप्ताह में आंदोलन किया था। आज तक, इन अस्पतालों के प्रबंधन ने मांगों की अनसुनी की थी परन्तु इस सबसे हाल की हड़ताल की वजह से तीनों अस्पतालों के प्रबंधनों को उनकी मांगों को मानना पड़ा है।
इस हड़ताल ने कोयम्बटूर स्थित पी.एस.जी. मेडीकल अस्पताल की 450 नर्सों को प्रेरणा दी है। वे भी ऐसी ही मांगों को लेकर हड़ताल पर उतरी हैं और कई सप्ताहों से संघर्ष पर हैं। परन्तु अभी तक अस्पताल का प्रबंधन टस से मस नहीं हुआ है और कह रहा है कि नर्सों की किसी भी मांग पर तभी विचार होगा जब वे हड़ताल पूरी तरह वापस लेंगी।
इस बीच चेन्नई की वोलंटरी हेल्थ सर्विस (वी.एच.एस.) की नर्सें भी बेहतर वेतन और काम की शर्तों के लिये हड़ताल पर हैं। उनके संघर्ष को एक महीने से ज्यादा हो चुका है। इसके बाद विजया अस्पताल की नर्सें भी बेहतर वेतन की मांग को लेकर हड़ताल पर उतरी हैं।
अपोलो, एम.एम.एम., फोर्टिस मलार और विजया अस्पतालों के प्रबंधन बहुत अधिक मुनाफा कमाते हैं, फिर भी वे अपनी नर्सों को बहुत कम वेतन देते हैं। नर्सों को दिन-रात काम पर रहना पड़ता है और अक्सर उन्हें लगातार 12 घंटे से अधिक की पारी में, आपात्काल की स्थिति में, काम करना पड़ता है और ऐसे होस्टलों में रहना पड़ता है जो क्षमता से ज्यादा भरे होते हैं।
अपने देश में नर्सों की कठिन सामाजिक स्थिति का फायदा उठाकर उनका अतिशोषण किया जाता है। आम तौर पर नर्सें कामकाजी महिलायें हैं, जो अक्सर रोजगार की खोज में अपने घरों से दूर जाने को मजबूर होती हैं। प्रबंधक हर तरह की कोशिश करते हैं कि नर्सें अपने अधिकारों के बचाव के लिये यूनियनों में संगठिन न हों। ऐसी परिस्थिति में तमिलनाडु में अलग-अलग अस्पतालों की नर्सों का यूनियनों में संगठित होना और अपनी जायज़ मांगों के लिये संघर्ष करना एक सकारात्मक उभार है।
बेहतर वेतन व काम की हालतों की नर्सों की जायज मांगों का मज़दूर एकता लहर समर्थन करती है।