राजकीय आतंक के खिलाफ पत्रकार एकजुट

मणिपुरमणिपुर के पत्रकारों ने सनालिबक दैनिक के संपादक ए. मोबी सिंह के सशस्त्र गुटों के साथ सम्बन्ध होने के आरोप पर गिरफ्तार किये जाने के खिलाफ़ 29 दिसम्बर, 2010 को हड़ताल कर दी। ए.

मणिपुरमणिपुर के पत्रकारों ने सनालिबक दैनिक के संपादक ए. मोबी सिंह के सशस्त्र गुटों के साथ सम्बन्ध होने के आरोप पर गिरफ्तार किये जाने के खिलाफ़ 29 दिसम्बर, 2010 को हड़ताल कर दी। ए. मोबी सिंह अखिल मणिपुर पत्रकार यूनियन के उपाध्यक्ष हैं और उसके प्रवक्ता भी हैं।
2 जनवरी, 2010 को एक सभा में यह फैसला लिया गया कि मोबी सिंह की गिरफ्तारी के विरोध में सभी मंत्रियों, सत्ताधारी
पार्टी के विधायकों और पार्टियों – जिसमें कांग्रेस पार्टी और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी शामिल है, इनसे सम्बंधित सभी समाचारों का अनिश्चितकाल के लिए बहिष्कार किया जायेगा। पत्रकारों ने ऐलान किया कि पत्रकारों को सशस्त्र गुटों और राज्य के सशस्त्र बलों दोनों ही निशाना बना रहे हैं और मोबी सिंह को गिरफ्तार करने वाले सशस्त्र गुटों की पोषाक पहन कर आये थे।
अरुणाचल प्रदेश — दो महिला पत्रकारों पर स्थानीय विधायक के सुरक्षाकर्मियों द्वारा हमले के खिलाफ 16 दिसम्बर, 2010 को अरुणाचल प्रदेश के पत्रकारों ने संघर्ष छेड़ दिया। हड़ताल तभी खत्म की गयी जब आरोपियों ने खुद को न्यायालय के सामने आत्मसमर्पण किया। पत्रकारों ने प्रदर्शन के अलग-अलग रूप इस्तेमाल किये जैसे अख़बारों के कुछ हिस्सों पर काली स्याही छापना, प्रदर्शन और अंत में पेन-डाउन हड़ताल।
अरुणाचल प्रदेश यूनियन ऑफ़ वर्किंग जर्नलिस्ट और अरुणाचल प्रेस क्लब द्वारा जारी बयान में कहा गया कि एक महीने के लिए सभी पत्रकार सरकारी प्रेस रिलीज़, और कार्यक्रमों का बहिष्कार करेंगे। आरोपियों को जमानत पर छोड़े जाने की इन दोनों संगठनों ने निंदा की।

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