पंजाब में बिजली कर्मचारियों की हड़ताल 22 जुलाई को
9 जुलाई, 2020 को पीएसईबी ज्वाइंट फोरम के बुलावे पर, पंजाब के अलग-अलग मंडलों, बठिंडा, मलोट, फजिल्का, रायकोट, जलालाबाद आदि में स्थित बिजली दफ़्तरों पर बिजली कर्मचारियों ने अपनी-अपनी यूनियनों के बैनर के तले पावरकॅाम प्रबंधन व पंजाब सरकार के खि़लाफ़ प्रदर्शन किया।
पीएसईबी ज्वाइंट फोरम ने ऐलन किया है कि पंजाब राज्य बिजली कारपोरेशन लिमिटेड (पावरकॉम) के प्रबंधन ने पीएसईबी ज्वाइंट फोरम के साथ किए गए समझौते को लागू नहीं किया है। इसके विरोध में मज़दूर हर कार्यालय पर काले झंडे के साथ प्रदर्शन करेंगे। साथ ही, 22 जुलाई को पंजाब में हड़ताल की जाएगी।
पंजाब के बिजली कर्मचारी वेतन वृद्धि की मांग कर रहे हैं। इसके साथ-साथ उन्होंने नव नियुक्त मज़दूरों के प्रोबेशन पीरियड को घटाने, मृतकों के आश्रितों को नौकरी दिए जाने, ठेका कर्मचारियों को नियमित किये जाने, बकाया महंगाई भत्ता दिए जाने, कोरोना महामारी की हालातों में काम करने के लिए मज़दूरों को 50 लाख रुपये का सामूहिक बीमा दिए जाने तथा मज़दूरों के लिए अन्य लाभों की मांग की है।
इसके अलावा, अन्य मांगें भी उठाई गईं जैसे कि बठिंडा और रोपड़ थर्मल प्लांट के बंद पड़ी यूनिटों को चलाया जाये, रोपड़ थर्मल प्लांट में सुपर क्रिटिकल प्लांट लगाया जाये, बठिंडा थर्मल प्लांट में सोलर प्लांट और पराली से चलने वाला प्लांट लगाया जाये, बठिंडा थर्मल प्लांट की लगभग 1760 एकड़ बेशक़ीमती ज़मीन न बेची जाये।
पंजाब में पी.डब्ल्यू.डी. मज़दूरों का प्रदर्शन
9 जुलाई, 2019 को पंजाब पी.डब्ल्यू.डी. के वाटर सप्लाई और सीवरेज विभाग के मज़दूरों ने अपनी मांगों को लेकर अलग-अलग जिलों, मोगा, नवांशहर, फजिल्का, आनंदपुर साहिब आदि में धरना देकर प्रदर्शन किया। यह प्रदर्शन पी.डब्ल्यू.डी. फील्ड एंड वर्कशाप वर्कर यूनियन की अगुवाई में हुआ।
इससे पहले 7-9 जुलाई को कार्यकारी इंजीनियर के कार्यालय के समक्ष धरना देकर एच.ओ.डी. को मांगपत्र दिया गया था। यूनियन ने विभाग के उच्चाधिकारियों के नाम कार्यकारी इंजीनियर को ज्ञापन भी सौंपा।
प्रदर्शनकारी मज़दूरों ने पंजाब व केंद्र सरकार की मज़दूर-विरोधी नीतियों के खि़लाफ़ नारे लगाए।
मज़दूरों की मुख्य मांगें हैं कि निजीकरण व ठेकेदारी व्यवस्था ख़त्म की जाए, न्यूनतम वेतन लागू किया जाए, मृतक मज़दूरों के पदों पर उनके परिवार के सदस्य को नौकरी दी जाये, रुके हुए प्रमोशन जल्द से जल्द लागू किये जायें और सभी मज़दूरों को पुरानी पेंशन योजना का लाभ प्राप्त हो।