संपादक महोदय,
संपादक महोदय,
मज़दूर एकता लहर के दिसम्बर 16-31, 2010 के अंक में ”राडिया टेप्स से किस बात का पर्दाफाश हुआ? पूंजीवादी इजारेदार घरानों की हुक्मशाही ही बहु-पार्टीवादी प्रतिनिधित्व वाले लोकतंत्र की हकीक़त है” शीर्षक के सुविस्तृत व सूचनापूर्ण लेख को छापने के लिये मेरा धन्यवाद।
जबकि पूंजीपतियों द्वारा नियंत्रित लिखित व इलेक्ट्रॉनिक प्रसार माध्यमों में किसी भी ‘खबर‘ पर उत्तेजना तथा तूफान खड़ा कर देना और इस या उस व्यक्ति का नाम घसीट कर अफवाहें व कीचड़ उछालना आम बात होती है, इनमें इन घटनाओं के होने के कारणों को समझाने की कोई कोशिश नहीं होती है। ऐसा भ्रम फैलाया जाता है कि ये सब घटनायें स्वयंस्फूर्त ढंग से किसी व्यक्ति विशेष या गुट द्वारा होती हैं। इसकी तुलना में, हिन्दोस्तान की कम्युनिस्ट ग़दर पार्टी का विश्लेषण साफ दिखाता है कि इन घोटालों के पीछे बड़ा सुनियोजित तरीका है और समय-समय पर होने वाला ऐसा हरेक घोटाला कोई आकस्मिक घटना नहीं है बल्कि पूंजीवादी व्यवस्था का अनिवार्य हमसफर है।
इस बात को बिना किसी शक के स्थापित किया जा चुका है कि राज्य इजारेदारी पूंजीवाद के तले, मैदान में भिड़े बड़े खिलाड़ियों के पास ऐसे दांवपेंचों के सिवाय और कोई तरीके नहीं होते। रौब जमाने और सीधे रिश्वत, घूस और चोरी के जरिये, इस देश के महिलाओं और पुरुषों के विशाल संसाधनों को लूटा जाता है और उत्पादन व वितरण के साधनों को, नयी तकनीकों तथा बाजारों को हथिया कर अधिकाधिक मुनाफा बनाया जाता है। प्रतिनिधित्व की प्रस्थापित व्यवस्था, जिसमें लोगों की भूमिका सिर्फ वोट डालने की ही है, पूंजीपति वर्ग को इस रास्ते पर आसानी से चलने देने में सहायक है।
लेख ने अपने आप को कम्युनिस्ट कहलाने वाले उन सब के बारे में बहुत ही महत्वपूर्ण सच्चाई पर ध्यान दिलाया है जो इस अमानवीय व्यवस्था का पर्दाफाश करने की जगह इसके बारे में भ्रम फैलाते हैं कि इस व्यवस्था को किसी तरह से लोगों के भले के लिये सुधारा जा सकता है। इससे उलट, लेख में कहा है कि ”… कम्युनिस्टों का फ़र्ज है देश के मजदूरों, किसानों और बुध्दिजीवियों के सामने वर्तमान आर्थिक और राजनीतिक व्यवस्था की सच्चाई का पर्दाफाश करना और यह स्पष्ट करना कि मेहनतकश जनसमुदाय को अपने हाथों में राज्य सत्ता लेने तथा उसे चलाने के लिये क्या करना होगा।” लेख में यह भी बताया गया है कि समय के साथ-साथ, पूंजीवादी लोकतंत्र और भी ज्यादा भ्रष्ट और दमनकारी होता जायेगा। इस तरह सच्चाई को सामने रखने में पहलकदमी के लिये मैं फिर एक बार हिन्दोस्तान की कम्युनिस्ट ग़दर पार्टी को धन्यवाद देता हूं।
भवदीय,
ए. नारायण, बंगलूरू