17 दिसम्बर, 2010 को हरियाणा के जिला सिरसा में, राजकीय अध्यापक संघ की अगुवाई में, सैकड़ों अध्यापकों ने अनुबंधित अध्यापकों को नियमित करने की मांग को लेक
17 दिसम्बर, 2010 को हरियाणा के जिला सिरसा में, राजकीय अध्यापक संघ की अगुवाई में, सैकड़ों अध्यापकों ने अनुबंधित अध्यापकों को नियमित करने की मांग को लेकर जिला शिक्षा अधिकारी के कार्यालय पर धरना देकर राज्य की सरकार के खिलाफ़ नारेबाजी की।
अपनी उपरोक्त मांग व अन्य मांगों को लेकर हरियाणा के अध्यापक पूरे राज्य में संघर्ष कर रहे हैं।
इस संदर्भ में 19 दिसम्बर, 2010 को सर्व कर्मचारी संघ के जेल भरो आंदोलन में भी शामिल हुये।
19 दिसम्बर, 2010 को हरियाणा के जिले रोहतक में सर्व कर्मचारी संघ की अगुवाई में, सरकार की वायदा खिलाफी के विरोध में जोरदार विरोध प्रदर्शन किया गया। राज्य के विभिन्न जिलों से हजारों की संख्या में पुरुष व महिला श्रमिक अपने-अपने वाहनों, राज्य परिवहन की बसों या रेल के माध्यम से अपनी ताकत दिखाने के लिए पहुंचने शुरू हो गये और पूरे शहर में श्रमिक ही श्रमिक दिखाई दे रहे थे, जिसके कारण प्रशासन द्वारा लगाई गई धारा 144 का कहीं पर भी अता-पता नहीं लगा।
इस प्रदर्शन में, शिक्षाकर्मी, ठेके श्रमिक, सफाई- सीवरमेन-मलेरिया स्प्रे श्रमिक, सिंचाई विभाग के श्रमिक, सचिवालय व फील्ड मिनिस्ट्रीयल श्रमिक, परिवहन विभाग के चालक-परिचालक, आशा श्रमिक, जन स्वास्थ्य विभाग व पंचायतों व उपायुक्तों के श्रमिक, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, ग्रामीण चौकीदार, इत्यादि शामिल थे।
विदित रहे कि हरियाणा राज्य के कर्मचारी काफी लंबे समय से अपनी मांगों – ग्रेड पे में की गई कटौती को बहाल करने, केन्द्र के समान वाहन-शिक्षा-मकान किराया भत्ता-जोखिम भत्ता व बोनस देने, पी.पी.पी. माडल लागू न करने, पुरानी पेंशन व एक्सग्रेसिया नीति बहाल करने, समायोजित छंटनीग्रस्त कर्मचारियों को पिछली सेवा का लाभ देने, आंगनवाड़ी वर्कर-हैल्पर, ग्रामीण चौकीदार व ग्रामीण सफाई कर्मचारियों को सरकारी कर्मचारी का दर्जा देने आदि – के लिए संघर्ष कर रहे हैं। इस संबंध में, 24 अगस्त, 2009 व 17 जून, 2010 को हरियाणा सरकार के साथ हुई बैठकों में स्वीकार की गई मांगों को सरकार द्वारा लागू न करने को लेकर हरियाणा के श्रमिक बहुत क्रोधित हैं।
कर्मचारियों के पूर्व घोषित सामूहिक गिरफ्तारियां देकर जेल भरो आंदोलन के कार्यक्रम से घबराकर हरियाणा सरकार ने एक दिन पहले 18 दिसम्बर, 2010 को वार्ता के लिए बुलाया। इस बैठक में, राज्य के कर्मचारियों की कुछ मांगों पर सहमति बनने और कुछेक नीतिगत मांगों पर आगामी 12 जनवरी को राज्य के मुख्यमंत्री के साथ बैठक तय होने के बाद सर्व कर्मचारी संघ ने अपने कार्यक्रम में फेरबदल कर दिया। राज्यभर से गिरफ्तारियां देने पहुंचे हजारों कर्मचारियों को स्थानीय छोटू राम स्टेडियम में एकत्रित कर इस कार्यक्रम को विशाल प्रदर्शन का रूप दे दिया गया।
कर्मचारी नेताओं ने स्टेडियम में हजारों-हजारों कर्मचारियों की रैली को संबोधित करते हुए कहा कि श्रमिक वर्ग पर निरंतर बढ़ रहे हमलों को रोकने व संघर्षों के बल पर पूर्व में हासिल सुविधाओं को छीनने से बचाने के लिए विभिन्न श्रमिक संगठनों को एकजुट होकर सांझा संघर्ष शुरू करना चाहिये। उन्होंने यह बताया कि आगामी 21 दिसंबर को शिक्षा सचिव और 30 दिसंबर को मुख्यमंत्री के साथ आंदोलनरत अनुबंधित अध्यापकों के संगठन की बैठक तय हुई है। उन्होंने यह भी स्पष्ट कर दिया कि यदि सरकार ऐसा करने में विफल रही तो उसे राज्य के कर्मचारियों के एकजुट तीखे आक्रोश व आंदोलन का सामना करना पड़ेगा।