साक्षात्कार – राजवीर सिंह, नॉर्दन रेलवे मेंस यूनियन के अध्यक्ष

राजवीर सिंह : रेलवे में आज मुख्य समस्या निजीकरण की है। इसमें सारा काम ठेके पर दिया जा रहा है। इससे रेलवे की सुरक्षा बहुत ही असफल हो रही है, क्योंकि जो आदमी काबिल नहीं है, जो प्रशिक्षित नहीं है, यदि उसको रेल सुरक्षा के काम में लगा देंगे तो इससे रेलवे की सुरक्षा खतरे में होगी, उससे नुकसान हो सकता है। रेलवे में कोई भी आदमी जब भर्ती होता है तो उसकी टे्रनिंग करवाई जाती है। उसे का

राजवीर सिंह : रेलवे में आज मुख्य समस्या निजीकरण की है। इसमें सारा काम ठेके पर दिया जा रहा है। इससे रेलवे की सुरक्षा बहुत ही असफल हो रही है, क्योंकि जो आदमी काबिल नहीं है, जो प्रशिक्षित नहीं है, यदि उसको रेल सुरक्षा के काम में लगा देंगे तो इससे रेलवे की सुरक्षा खतरे में होगी, उससे नुकसान हो सकता है। रेलवे में कोई भी आदमी जब भर्ती होता है तो उसकी टे्रनिंग करवाई जाती है। उसे काम में दक्ष बनाया जाता है। तब उसको वह डयूटी दी जाती है। लेकिन ठेके पर, आज सुरक्षा जैसे पेचीदा काम दिये जा रहे हैं, इससे साफ नजर आता है कि रेल मंत्रालय सुरक्षा के प्रति कितना संवेदनशील है।

म.ए.ल. : तो खास तौर पर आपकी क्या मांगें हैं?

राजवीर सिंह : हमारी मांगें हैं कि भर्ती पर लगी रोक तुरंत हटायी जाये। खाली पदों को जल्द से जल्द भरा जाये। ठेका प्रथा को तुरंत बंद कर दिया जाये। काम करने के समय को निर्धारित किया जाये, क्योंकि स्टाफ कम हैं और काम ज्यादा हो गया है। एक आदमी पर दो-तीन आदमियों के काम का कार्यभार है। उसको ठीक करने के लिये भर्ती शुरू की जाये, और मजदूरी के समय को नियत किया जाये।

म.ए.ल. : मजदूर वर्ग के लिये आगे का रास्ता क्या है?

राजवीर सिंह : इस समय सत्ताधारी पार्टी, कांग्रेस पार्टी है। सभी राजनीतिक पार्टी के यूनियन एक मंच पर इकट्ठे होकर मजदूरों के साथ आये हैं। वे यूनियन इस फैसले पर आये हैं कि जब सरकार उदारीकरण और निजीकरण के लिये कुछ भी कर सकती है तो मजदूरों के लिये क्यों नहीं कर सकती है। देश के लोग महंगाई से त्रस्त हैं। सरकार विजय माल्या की कंपनी किंगफिशर को बेल आउट पैकेज़ देने के लिये, उसको ऊपर उठाने के लिये काम कर रही है।

म.ए.ल. : क्या मजदूर वर्ग को राज्य सत्ता अपने हाथों में लेनी चाहिये या नहीं?

राजवीर सिंह : बिल्कुल लेनी चाहिये। जब तक राज्य सत्ता मजदूर वर्ग के हाथों में नहीं आयेगी तब तक हमारे देश का मजदूर ऐसे ही त्रस्त रहेगा। उसकी सुनने वाला कोई नहीं होगा। मजदूर वर्ग की सत्ता होनी चाहिये।

म.ए.ल. : इसके लिये क्या काम करने की जरूरत है?

राजवीर सिंह : मजदूर संगठनों को एक होना चाहिये, सभी संगठनों को एक मंच पर आना चाहिये। अपनी ताकत का प्रदर्शन करना चाहिये। लोगों को बताना चाहिये कि मजदूर वर्ग के साथ क्या हो रहा है, किसान के साथ क्या हो रहा है, आम आदमी के साथ क्या हो रहा है, यह सरकार क्या कर रही है।

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