आज पाकिस्तान के राज्य और लोगों को सबतरफा अमरीकी साम्राज्यवादी दबाव और ब्लैकमेल का सामना करना पड़ रहा है, जिसकी वजह से उस देश के अस्तित्व को ही खतरा है। यह दबाव और ब्लैकमेल बहुत बढ़ गया है, क्योंकि पाकिस्तान ने अफगानिस्तान और सीमावर्ती इलाकों में अमरीका के ''आतंकवाद पर जंग'' में सहयोग करने से इंकार किया है।
आज पाकिस्तान के राज्य और लोगों को सबतरफा अमरीकी साम्राज्यवादी दबाव और ब्लैकमेल का सामना करना पड़ रहा है, जिसकी वजह से उस देश के अस्तित्व को ही खतरा है। यह दबाव और ब्लैकमेल बहुत बढ़ गया है, क्योंकि पाकिस्तान ने अफगानिस्तान और सीमावर्ती इलाकों में अमरीका के ''आतंकवाद पर जंग'' में सहयोग करने से इंकार किया है।
जब से पाकिस्तान को 2001 में अफगानिस्तान के खिलाफ़ ''आतंकवाद पर जंग'' में शामिल होने को मजबूर किया गया था, तब से उसकी संप्रभुता पर भारी दबाव रहा है। अमरीका और हिन्दोस्तान, दोनों से खतरे का सामना करते हुये, पाकिस्तान उस जंग में भाग लेने को तैयार हो गया था और उसने अपने वायुसैनिक अवें को अमरीका को लीज़ पर दे दिया था।
यह याद रखा जाये कि हाल के कुछ वर्षों में अमरीकी साम्राज्यवाद ने ड्रोन हमलों के द्वारा, बड़ी हेकड़बाजी के साथ पाकिस्तान की संप्रभुता का हनन किया है, सैकड़ों बेकसूर पाकिस्तानियों को मौत के घाट उतारा है। इससे उत्तर-पश्चिम पाकिस्तान के लोग बहुत खफा हैं। सच तो यह है कि पाकिस्तान के सीमावर्ती इलाकों और अफगानिस्तान के लोग एक ही लोग हैं, संस्कृति, भाषा, इतिहास और परिवार के संबंधों से जुडे हुये हैं। साथ ही साथ, ''आतंकवाद पर जंग'' के नाम पर, पाकिस्तानी समाज के सभी तबकों के लोगों को अमरीका, ब्रिटेन तथा दूसरे यूरोपीय देशों द्वारा उत्पीड़ित किया गया है। पाकिस्तान को आतंकवाद का स्रोत बताया गया है, क्योंकि पाकिस्तानी लोग अफगानिस्तान और उस इलाके में अमरीकी साम्राज्यवाद की हमलावर हरकतों के खिलाफ़ जोरदार संघर्ष कर रहे हैं। उस इलाके पर अपना प्रभुत्व जमाने की अमरीकी साम्राज्यवाद की योजनाओं में पाकिस्तानी लोगों ने कोई मदद देने का विरोध किया है।
बीते वर्ष के दौरान, पाकिस्तान के शासकों और अमरीका के शासकों के बीच अंतर्विरोध काफी तेज हो गये हैं। कुछ समय पहले जब इस्लामाबाद में किसी सी.आई.ए. एजेंट ने एक पाकिस्तान नौजवान का दिन-दहाड़े कत्ल कर दिया था, तो अमरीका के खिलाफ़ लोगों का गुस्सा भड़क उठा। इसके बाद अबोटाबाद में हवाई बमबारी के द्वारा ओसामा बिन लादेन की तथाकथित हत्या की गई। उस हमले के बाद पाकिस्तान की सरकार ने अमरीकी सेनाओं को पाकिस्तान के वायुसैनिक अड्डों का इस्तेमाल करने से रोक दिया। हाल में अमरीकी वायुसेना ने सीमावर्ती इलाके में पाकिस्तानी सेनाओं पर मिसाइल हमले किये, जिनमें कई अफसर और लोग मारे गये। इन सबकी वजह से पाकिस्तानी लोगों का गुस्सा बहुत ही तेज हो गया है। इस समय पाकिस्तानी राज्य अफगानिस्तान में अमरीकी राज्य की योजनाओं में मदद करने से इंकार कर रहा है।
बड़ी क्रूरता से पाकिस्तान की संप्रभुता का हनन करने के बाद, अमरीका जोर-शोर से प्रचार कर रहा है कि पाकिस्तानी राज्य आतंकवादियों को प्रश्रय दे रहा है। इसकी एक वजह यह है कि पाकिस्तानी राज्य अब अफगानिस्तान के खिलाफ अमरीकी जंग को समर्थन नहीं दे रहा है। इसकी दूसरी वजह यह है कि अमरीका पाकिस्तानी राज्य और चीन के साथ उसके निकट संबंध को कमजोर करना चाहता है, ताकि चीन को और पूरी तरह घेरा जा सके।
बीते महीने के दौरान, अमरीकी सरकार के विभिन्न संस्थान पाकिस्तान की स्थिति को असंतुलित करने के उद्देश्य से तरह-तरह की हरकतें कर रहे हैं और पाकिस्तानी राज्य के विभिन्न खंडों को आपस में लड़ते हुए दिखाने की कोशिश कर रहे हैं। तरह-तरह की अफवाहें फैलायी जा रही हैं, कि पाकिस्तानी सेना तख्तापलट करने की साजिश बना रही है, जबकि सभी पाकिस्तान के लोग जानते हैं कि यह सच नहीं है। पाकिस्तान के राष्ट्रपति के खिलाफ़ भ्रष्टाचार के इल्जाम लगाये गये हैं। एक ऐसी अफवाह फैलायी जा रही है कि पाकिस्तानी सरकार ने अमरीकी सेनाध्यक्ष को एक तथाकथित पत्र लिखा था जिसमें पाकिस्तानी सेना द्वारा तख्तापलट के प्रयास से बचने की ''मदद'' मांगी गई थी, और यह सूचना जान-बूझकर व सोच-समझकर अमरीका को बतायी गई थी। इन सब के पीछे पाकिस्तानी राज्य को असंतुलित करने का इरादा है।
जब तक पाकिस्तान राज्य ''आतंकवाद पर जंग'' में अमरीका की मदद कर रहा था, तब तक अमरीका हमेशा उसे अपना ''मित्र'' बताता रहा। पाकिस्तान के लोग और राज्य अब पूरी तरह समझते हैं कि अमरीका उनका दुश्मन है जो उनके देश और लोगों के अस्तित्व को ही मिटा देना चाहता है। घटनाक्रम से एक ऐसी परिस्थिति पैदा हुई है जिसमें पाकिस्तान में जो भी सत्ता में है या आना चाहता है, वह अमरीका-परस्त रुख़ नहीं ले सकता है। इसीलिये अमरीकी साम्राज्यवादी पाकिस्तान की स्थिति को असंतुलित करने की अपनी कोशिशें और तेज कर रहे हैं।
हमारी पार्टी पाकिस्तानी राज्य और लोगों के अपनी संप्रभुता की हिफाजत करने के संघर्ष को पूरा समर्थन देती है। हमारे लिये यह असूल का मामला है।