प्रिय संपादक,
नव वर्ष 2012 पर कामरेड लाल सिंह का लेख पढ़ा। पढ़कर हमें ताकत के साथ-साथ दिशा निर्देश भी मिला। पिछले वर्षों में पार्टी के कार्य क्षेत्र को आगे बढ़ाने और मजदूरों-किसानों की राज सत्ता स्थापित करने के लिए सभी कार्यकर्ता संघर्ष करते रहे हैं।
मजदूर वर्ग को पूंजीवादी लोकतंत्र से मुक्ति दिलाने के लिये, श्रमजीवी लोकतंत्र स्थापित करने की दिशा में आगे बढ़ेंगे।
प्रिय संपादक,
नव वर्ष 2012 पर कामरेड लाल सिंह का लेख पढ़ा। पढ़कर हमें ताकत के साथ-साथ दिशा निर्देश भी मिला। पिछले वर्षों में पार्टी के कार्य क्षेत्र को आगे बढ़ाने और मजदूरों-किसानों की राज सत्ता स्थापित करने के लिए सभी कार्यकर्ता संघर्ष करते रहे हैं।
मजदूर वर्ग को पूंजीवादी लोकतंत्र से मुक्ति दिलाने के लिये, श्रमजीवी लोकतंत्र स्थापित करने की दिशा में आगे बढ़ेंगे।
मेरा मानना है पार्टी को आने वाले दिनों में लोक राज समितियों का विस्तार करने की जरूरत है। समितियों के माध्यम से अपने काम से मजदूरों के बीच जागरुकता लानी होगी और उन्हें जगाना होगा। पूंजीपतियों को राज सत्ता छोड़कर भागने के लिए मजबूर करना होगा।
इन्हीं सब बातों के साथ, मैं कामरेड लाल सिंह से कहना चाहूंगा कि पार्टी के सभी कार्यकर्ताओं को समय-समय पर संदेश के द्वारा मार्ग दर्शित करते रहें।
इंकलाब जिन्दाबाद!
नादान, नई दिल्ली