पूंजीपतियों के भ्रम पर विश्वास न करें!

प्रिय संपादक महोदय,

पाक्षिक पत्रिका मजदूर एकता लहर के ग्रथ 26 अंक 1 (जनवरी 1-15, 2012) में प्रकाशित पार्टी महासचिव की कामरेडों को नव वर्ष की बधाई एवं शुभ कामनाएं मुझे काफी अच्छी लगी।

प्रिय संपादक महोदय,

पाक्षिक पत्रिका मजदूर एकता लहर के ग्रथ 26 अंक 1 (जनवरी 1-15, 2012) में प्रकाशित पार्टी महासचिव की कामरेडों को नव वर्ष की बधाई एवं शुभ कामनाएं मुझे काफी अच्छी लगी।

उन्होंने जिस ढंग से कामरेडों को शुभ कामनाओं सहित पार्टी के दिशा निर्देशों, कम्युनिज्म के सैध्दांतिक विचारों का उल्लेख किया है, वह अति प्रशंसनीय है। इनके विचार हम कम्युनिस्टों को मजदूरों की सत्ता प्राप्ति की ओर निरंतर अग्रसर होने की प्रेरणा देते हैं।

आज के ''प्रजातांत्रिक'' भारत में हो रहे उथल-पुथल में हमारी पार्टी द्वारा किये कार्यों के द्वारा, श्रमजीवी वर्ग को राज सत्ता हासिल करने के रास्ते का चित्रण उन्होंने सुस्पष्ट शब्दों में वर्णित किया है।

कामरेडों द्वारा मार्क्सवादी-लेनिनवादी विज्ञान पर आधारित तर्क किस तरह से आगे की ओर अपने लक्ष्य की प्राप्ति का माध्यम बन सकता है, यह उन्होंने अपने संदेश में प्रस्तुत किया है। कम्युनिस्ट को किसी भी स्थिति में पूंजीपतियों के मित्रवत रूप या भ्रम पर विश्वास कभी नहीं करना चाहिए। हमें लगातार मजदूरों में सही चेतना ले जानी चाहिए और इंकलाब की रुकावटों से टक्कर लेकर, रास्ता साफ करना चाहिए।

उनके संदेश में कामरेडों के दिल में जोश भरते हुये, इस पार्टी के उत्थान के लिए एक सशक्त एवं सफल मजदूर वर्ग के राज के स्वप्न को साकार करने का विचार एवं नव वर्ष के शुमकामनाओं की भावना भी स्पष्ट रूप से झलकती है।

उनके इन विचारों, तथ्यों एवं शुभकामनाओं के लिये उन्हें हार्दिक धन्यवाद।

इंक़लाब जिंदाबाद!

रंगीला, नई दिल्ली

Share and Enjoy !

Shares

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *