मजदूर वर्ग के हाथ में राज्य सत्ता – वक्त की मांग!

संपादक महोदय,

कामरेड लाल सिंह की नये साल की शुभकामनाओं को हमने पढ़ा। यह हमें प्ररेणा देता है श्रमजीवी क्रांति के लिये। पूरी दुनिया में पूंजीवाद घोर संकट में फंसा हुआ है और इससे निकलने के लिये वह संकट का बोझ श्रमजीवी वर्ग पर डाल रहा है और साम्राज्यवादी जंग फैला रहा है। यह साम्राज्यवाद पूरी तरह से फासीवादी तरीका अपना रहा है और अपने साम्राज्य को फैलाने में व्यस्त है।

संपादक महोदय,

कामरेड लाल सिंह की नये साल की शुभकामनाओं को हमने पढ़ा। यह हमें प्ररेणा देता है श्रमजीवी क्रांति के लिये। पूरी दुनिया में पूंजीवाद घोर संकट में फंसा हुआ है और इससे निकलने के लिये वह संकट का बोझ श्रमजीवी वर्ग पर डाल रहा है और साम्राज्यवादी जंग फैला रहा है। यह साम्राज्यवाद पूरी तरह से फासीवादी तरीका अपना रहा है और अपने साम्राज्य को फैलाने में व्यस्त है।

कम्युनिस्ट ग़दर पार्टी ने पूरे आन्दोलन के सामने सवाल रखा है कि 'मजदूर वर्ग को अपने हाथों में राज्य सत्ता' लेना होगा। कोई और पार्टी इसकी बात नहीं कर रही है। जबकि यह वक्त की मांग है कि मजदूर वर्ग को राज्य सत्ता अपने हाथों में लेना होगा और उनको वही पार्टी मार्गदर्शित करेगी जो मार्क्सवाद और लेनिनवाद से लैस होकर एक हिरावल पार्टी की भूमिका को अदा करेगी।

ऐसे में हमारी पार्टी की भूमिका बहुत ज्यादा बढ़ जाती है, श्रमजीवी वर्ग को लामबंध करने और श्रमजीवी क्रांति की तैयारी करने में। इसके साथ-साथ हम पूरे श्रमजीवी वर्ग को मार्क्सवाद और लेनिनवाद से लैस करें ताकि वह सरमायदार के जाल में न फंस सके।

सभी क्रांतिकारी कम्युनिस्टों को आशावादिता और दृढ़ता के साथ सभी कम्युनिस्टों और मजदूरों में यह चर्चा चलानी चाहिये कि इंकलाब ही एक रास्ता है मजदूर वर्ग की हुकुमशाही को स्थापित करने के लिये और उसके लिये पूरे श्रमजीवी वर्ग को लामबंध करना होगा।

इंक़लाब ज़िन्दबाद!

हिन्दोस्तान की कम्युनिस्ट ग़दर पार्टी जिन्दाबाद

घोष, नई दिल्ली

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