21 दिसम्बर, 2011 को मुंबई में टाटा की मालिकी की कंपनी, वोल्टास के मुख्य कार्यालय पर एक गेट मीटिंग की गई। यह मजदूरों की, अपने अधिकारों की हिफाजत में लगातार भूख हड़ताल का 200 वां दिन था।
21 दिसम्बर, 2011 को मुंबई में टाटा की मालिकी की कंपनी, वोल्टास के मुख्य कार्यालय पर एक गेट मीटिंग की गई। यह मजदूरों की, अपने अधिकारों की हिफाजत में लगातार भूख हड़ताल का 200 वां दिन था।
हिन्दोस्तान की कम्युनिस्ट ग़दर पार्टी, लोक राज संगठन, पुरोगामी महिला संगठन, ऑल इंडिया लोको रनिंग स्टाफ एसोसियेशन (ए.आई.एल.आर.एस.ए.) और सीटू के नेताओं ने मजदूरों को समर्थन दिया। प्रबंधकों के मजदूर विरोधी रवैये की निंदा करते हुए बहुत से पोस्टर गेट पर लगे हुये थे।
वोल्टास एंप्लाईज यूनियन के का. रवि नांबियर और का. पाटिल ने सभा को संबोधित किया। लोक राज संगठन के प्रतिनिधि का मंच पर स्वागत किया गया। उन्होंने देश के सबसे बड़े पूंजीपतियों में गिने जाने वाले, टाटा का मुकाबला करने के लिये वोल्टास के बहादुर मजदूरों को सलाम किया। उन्होंने वोल्टास के मजदूरों के संघर्ष को पूरे मजदूर वर्ग का संघर्ष बताया।
सीटू के का. सैयद अहमद ने यह सवाल पूछा कि वोल्टास के शेयर धारकों को क्यों 200 प्रतिशत डिविडेंट दिया जा रहा है, जबकि मजदूरों की मांगें पूरी नहीं की जा रही हैं।
पुरोगामी महिला संगठन के प्रतिनिधि ने कहा कि पूंजीपति वर्ग ठेके पर काम करवाकर मजदूरों के अधिकारों को छीन रहा है।
ए.आई.एल.आर.एस.ए. के प्रतिनिधि का. भारद्वाज ने बताया कि महाराष्ट्र विधान सभा ने चल रहे शीत सत्र में एक कानून पास किया है कि सरकारी क्षेत्र में जो भी हड़ताल करेगा, उसे जेल में बंद कर दिया जायेगा।
आजकल भ्रष्टाचार पर बहुत शोर मचाया जा रहा है। मजदूर वर्ग की लूट सबसे बड़ा भ्रष्टाचार है। उन्होंने पंचतंत्र की कहानी का उदाहरण दिया, कि सारे पंक्षी जाल में फंसे थे, तो मिलकर ताकत लगाने पर वे सब जाल को उठा सके और मुक्त हो सके थे।
हिन्दोस्तान की कम्युनिस्ट ग़दर पार्टी के सदस्य ने बताया कि वोल्टास के मजदूरों का संघर्ष इजारेदार पूंजीपतियों व वित्त अल्पतंत्र के खिलाफ़ सारी दुनिया में चल रहे संघर्ष का हिस्सा है। मजदूर वर्ग को बड़े पूंजीपतियों के शासन को चुनौती देनी होगी।
मजदूर एकता लहर वोल्टास के मजदूरों के संघर्ष का पूरा समर्थन करती है।