मारूती-सुजुकी के मजदूरों और प्रबंधकों के बीच समझौता

14 दिन के लंबे संघर्ष के उपरांत मारूती-सुजुकी इंप्लाइज यूनियन और उनके समर्थन में उतरी सुजुकी पावरट्रेन इंप्लाईज यूनियन तथा सुजुकी मोटरसाईकिल इंप्लाईज यूनियन के साथ, प्रबंधन को 20 अक्तूबर, 2011 को हरियाणा सरकार की मध्यस्थता में समझौता करना पड़ा।

14 दिन के लंबे संघर्ष के उपरांत मारूती-सुजुकी इंप्लाइज यूनियन और उनके समर्थन में उतरी सुजुकी पावरट्रेन इंप्लाईज यूनियन तथा सुजुकी मोटरसाईकिल इंप्लाईज यूनियन के साथ, प्रबंधन को 20 अक्तूबर, 2011 को हरियाणा सरकार की मध्यस्थता में समझौता करना पड़ा।

पिछले 14दिन से मारूती-सुजुकी और इस प्लांट पर निर्भर 200 इकाईयों में उत्पादन पूरी तरह ठप्प था। इस क्षेत्र के हजारों-हजारों मजदूर इस संघर्ष के समर्थन में उतर पड़े। सरमायदारों ने केन्द्र और राज्य सरकार पर इसमें हस्तक्षेप करने का दबाव डाला।

समझौते के मुख्य बिंदू इस प्रकार हैं:

  1. मारूती-सुजुकी से अब तक जिन 94मजदूरों को निकाला गया है, उनमें से 64वापस लिये गये हैं। निलंबित 30मजदूरों (अधिकांश नेतृत्वकारी) पर अनुशासनात्मक कार्यवाही की जायेगी। इन मजदूरों को जांच प्रकिया से गुजरना होगा।
  2. मजदूरों को प्लांट तक पहुंचाने और छोड़ने वाली बस सेवाओं को फिर से बहाल किया जायेगा।
  3. मानेसर प्लांट में मजदूरों की मारूती-सुजुकी इंप्लाईज यूनियन ही एकमात्र प्रतिनिधित्वकारी यूनियन होगी।
  4. मजदूरों और प्रबंधकों के बीच समन्वय स्थापित करने के लिए शिकायत निवारण कमेटी और श्रमिक कल्याण कमेटी बनायी जायेगी। इन कमेटियों में प्रबंधन तथा श्रमिकों की ओर से बराबर के सदस्य होंगे। इन द्विपक्षीय कमेटियों की अगुवाई राज्य सरकार की ओर से नियुक्त श्रम अधिकारी करेगा।

इसके अलावा, सुजुकी पावरट्रेन इंप्लाईज यूनियन के साथ प्रबंधकों के समझौते के मुताबिक, 18 मजदूरों को बाहर निकाल दिया गया था, उनमें से 15 मजदूरों को बहाल कर दिया गया है और 3 मजदूरों के खिलाफ़ अनुशासनात्मक कार्यवाही जारी रहेगी।

सुजुकी मोटरसाईकिल के मजदूरों पर अनुशासनात्मक कार्यवाही को वापस लिया गया। 15 के 15 मजदूरों को काम पर वापस ले लिया गया।

लंबे संघर्ष के बाद उपरोक्त समझौता हुआ है। मारूती-सुजुकी के मजदूरों और क्षेत्र के मजदूरों ने दिखा दिया है कि वे अपने अधिकारों के लिए जी-जान से लड़ेंगे और प्रबंधन, राज्य और केन्द्र सरकार को एक चेतावनी दी।

इस संघर्ष को पूरे देशभर के मजदूरों से समर्थन मिला है। यह लाज़ीमी है कि मारूती-सुजुकी प्रबंधन तथा सरकार मिलकर पूरी कोशिश करेंगे कि कैसे मजदूरों की एकता को तोड़ें व दबायें। मारूती-सुजुकी प्रबंधन के अपने पिछले रिकार्ड ने ‘कुत्ते की दुम कभी सीधी नहीं होती’ वाली कहावत को सच साबित करके दिखाया है।

मजदूर एकता लहर मारूती-सुजुकी के मजदूरों सहित सुजुकी पावरट्रेन, सुजुकी मोटरसाईकिल के मजदूरों के संघर्ष की सराहना करती है।

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