आओ अधिकारों के लिए मिलकर संघर्ष करें!

16 अक्तूबर, 2011 को लोक राज समिति संजय कालोनी की अगुवाई में, पानी और शौच जैसे बुनियादी अधिकारों पर समिति द्वारा की गई कार्यवाहियों पर प्रकाश डालने के लिए, दक्षिणी दिल्ली के ओखला औद्योगिक क्षेत्र में स्थित संजय कालोनी में सार्वजनिक सभा आयोजित की

16 अक्तूबर, 2011 को लोक राज समिति संजय कालोनी की अगुवाई में, पानी और शौच जैसे बुनियादी अधिकारों पर समिति द्वारा की गई कार्यवाहियों पर प्रकाश डालने के लिए, दक्षिणी दिल्ली के ओखला औद्योगिक क्षेत्र में स्थित संजय कालोनी में सार्वजनिक सभा आयोजित की गई।

मंच को सुंदर बैनरों से सजाया गया था, जिन पर ये नारें लिखे हुए थे – ‘रोजी-रोटी और आवास हमारा जन्मसिद्ध अधिकार है!’, ’पूंजीतंत्र को मिटाना है, लोक राज लाना है!’, ‘विकास का रास्ता हम खुद तय करेंगे!’, ‘जनप्रतिनिधियों को वापस बुलाने का अधिकार लोगों के हाथों में हो! स्थानीय निवासियों में इस बात को लेकर काफी उत्सुकता थी कि उनके द्वारा किये जा रहे अनथक संघर्ष और कार्यवाहियों को अगले स्तर पर ले जाने के लिए क्या कदम उठाये जायेंगे। यह जानने के लिए वे भारी संख्या में सभा में आये। इसमें आसपास की रिहायशी कालोनियों के निवासियों – मजदूरों, महिलाओं, नौजवानों तथा उन कालोनियों की लोक राज समितियों के कार्यकर्ताओं ने भी भाग लिया।

रंगभूमि नाट्य समूह के नौजवान साथियों के क्रांतिकारी गीत से सभा की शुरूआत हुई।

 संजय कालोनी लोक राज समिति के सचिव, लोकेश कुमार ने समिति द्वारा संपन्न किये गए कार्यों का उल्लेख करते हुए सभा को बताया कि समूची व्यवस्था लोगों के अधिकार बतौर बुनियादी सुविधाओं को मान्यता देने से इंकार करती है। कांग्रेस पार्टी और भाजपा जैसी पार्टियां बुनियादी अधिकारों को अधिकार बतौर मान्यता न देकर भीख के रूप में दिये जाने वाले टुकड़े जैसे मानती हैं। पीने के पानी का अधिकार, जिसके लिए हम संघर्ष कर रहे हैं, इसके बारे में भी यही सच है। यही वजह है कि दिल्ली की बहुत सी कालोनियों के लोग पानी का कनेक्शन, सीवर, सड़क, आदि, जो बुनियादी और जरूरी नागरिक अधिकार है, से वंचित हैं।

उन्होंने आगे कहा कि निवास स्थान की कानूनी परिभाषा इस तरह दी जाती है ताकि लोग अपने अधिकार बतौर इन सेवाओं के लिए मांग न कर सकें। बहुसंख्यक आबादी जिन निवास स्थानों – कच्ची कालोनियों और बस्तियों में रहती है, कानून की परिभाषा के मुताबिक उन्हें ‘अवैध’ करार किया जाता है और सरकार कहती है कि यहां ये सेवाएं दिलाने को वह बाध्य नहीं है। उन्होंने कहा कि हमारी कालोनी में दिल्ली जल बोर्ड के कागजों में कई बोरिंग चालू हैं। जब समिति ने पुष्टि हेतु जांच की तो उसने पाया कि अधिकतर बोरिंग बंद पड़े हैं। जल बोर्ड और कांग्रेस पार्टी-भाजपा के नेताओं की मिलीभगत में हो रही इन धांधलियों के कई मामले उन्होंने उजागर किये।

समिति द्वारा आमंत्रित हिन्दोस्तान की कम्युनिस्ट ग़दर पार्टी के दिल्ली सचिव ने समिति को उसके काम के लिए बधाई दी। उन्होंने नौजवानों को मजदूर वर्ग के नेता बतौर आगे आकर इस जन संघर्ष को अगुवाई देने के लिए बहुत सराहा।

उन्होंने बताया कि हमारे देश में ऐसी राजनीतिक व्यवस्था है कि सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों की पार्टियों के नेता वही कहते हैं, जो लोग सुनना चाहते हैं, परंतु वही करते हैं जो बड़े-बड़े उद्योगपति चाहते हैं। इस वर्तमान व्यवस्था में लोगों के हाथ में सत्ता नहीं है। लोगों के हाथ में सत्ता लाने के लिये, लोक राज समितियां एक साधन हैं। इन्हें मजबूत करना चाहिये और इनका तेजी से विस्तार करना चाहिये। हमें ऐसे तंत्र विकसित करने होंगे जहां हम नागरिक मिलकर फैसला करेंगे कि किस चीज़ पर कितना पैसा खर्च किया जाये और किस चीज़ की लोगों को सबसे अधिक जरूरत है। हमारे हाथ में सत्ता तभी होगी जब लोग अपने उम्मीदवारों का चयन करने में सक्षम होंगे और कानून प्रस्ताव करने में सक्षम होंगे।

लोक राज संगठन के सर्व हिन्द अध्यक्ष श्री राघवन ने समिति को संसदीय पार्टियों की बंटवारे की राजनीति से दूर रहकर, लोगों की एकता बनाने और  लोगों के अधिकारों के लिए संघर्ष को तेज़ करने का संदेश दिया।

उन्होंने प्रशांत भूषण पर हमले को सरकार की साजि़श बताया और उसकी कड़ी निंदा की। ज़मीर का अधिकार, निडरता से अपने विचार रखने का हर व्यक्ति का अधिकार समाज की प्रगति के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। लोगों को ज़मीर के अधिकार की हिफाज़त में संघर्ष के लिए सदैव तैयार रहना चाहिए, यह उन्होंने आह्वान किया।

लोक राज संगठन के दिल्ली सचिव, बिरजू नायक ने सदस्यों से आह्वान किया कि लोक राज समिति को राजनीतिक विचारों के आधार पर लोगों को न बांटने बल्कि सांझे उद्देश्यों के लिए लोगों की एकता बनाने के असूल पर रहना होगा। लोक राज समिति किसी भी व्यक्ति की विचारधारा, लिंग, क्षेत्र, इत्यादि के आधार पर, उसके अधिकार के हनन को जायज़ नहीं ठहरा सकती है बल्कि हम सभी व्यक्तियों के मूल अधिकारों की हिफाज़त के लिए एकजुट संघर्ष करते हैं।

सदस्य मीरा देवी ने संसदीय पार्टियों की गंदी और संकीर्ण राजनीति के अपने पूर्व अनुभवों को सभा में बांटा।

न्यू संजय कैंप की लोक राज समिति के सचिव ने भी इस संघर्ष के समर्थन में अपनी बात रखी।

समिति के वरिष्ठ सदस्य संतोष कुमार ने अपने वक्तव्य से समिति के सदस्यों का उत्साह बढ़ाया।

संजय कालोनी लोक राज समिति के सक्रिय सदस्य चिरंजीत शाह ने नौजवानों से संगठन में जुड़ने का आह्वान दिया।

संजय कालोनी लोक राज समिति के अध्यक्ष अशोक गुप्ता ने अपने समापन भाषण में कार्यकर्ताओं से समिति की सदस्यता बढ़ाने की अपील की।

भांगड़ा नृत्य के साथ देर रात तक चलने वाली इस सभा का समापन हुआ।

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