कोचीन पोर्ट के मज़दूरों ने जीती वेतनवृध्दि

कोचीन पोर्ट में काम करने वाले मज़दूर 30 नवम्बर, 2010 से पांच दिन के लिये हड़ताल पर उतरे। कोचीन में डी.पी.

कोचीन पोर्ट में काम करने वाले मज़दूर 30 नवम्बर, 2010 से पांच दिन के लिये हड़ताल पर उतरे। कोचीन में डी.पी. वर्ल्ड की मालिकी में इंडिया गेटवे टर्मिनल के कर्मचारी अपने वेतन में वृध्दि की मांग कर रहे थे। हड़ताल की कार्यवाई से कंटेनरों का यातायात ठप्प हो गया जिससे क्रिसमस और नये साल का माल टर्मिनल में ही अटक गया। मज़दूरों की कार्यवाई की वजह से कंटेनरों से भरे एक जहाज का रास्ता बदल कर उसे नये मेंगलोर पोर्ट पर भेजना पड़ा।

अंत में, चर्चा के जरिये ट्रेड यूनियनों की समन्वय समिति, ऑल इंडिया पोर्ट एण्ड डॉक वर्कर्स फेडरेशन, जो हड़ताल का नेतृत्व कर रही थी और मालिकों की संस्था के बीच समझौता हुआ। दो साल के इस समझौते में मज़दूरों को 31 प्रतिशत वेतनवृध्दि मिलेगी और 18 प्रतिशत दूसरे भत्तों में बढ़ोतरी होगी।

कोचीन पोर्ट स्टाफ एसोसियेशन के एक कार्यकर्ता के अनुसार : ”मज़दूरों की एकता होने से वेतन में काफी अच्छी बढ़ोतरी मिली है – एक मज़दूर जिसे 10,000 रु. का विशेष भत्ता मिलता था, उसे दिसम्बर माह से 13,100 रु. का विशेष भत्ता मिलेगा।”

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