ऑल मणिपुर हिल्स टीचर्स एसोसियेशन (ए.एम.एच.टी.ए.) के सदस्यों ने, काऊंसिल ऑफ टीचर्स एसोसियेशन (सी.ओ.टी.ए.) के झंडे तले 18 दिन पहले शुरू की गयी, अध्यापकों की हड़ताल को समर्थन देने के लिये एक अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल करने और 3 दिसम्बर को जेल भरने की धमकी दी।
ऑल मणिपुर हिल्स टीचर्स एसोसियेशन (ए.एम.एच.टी.ए.) के सदस्यों ने, काऊंसिल ऑफ टीचर्स एसोसियेशन (सी.ओ.टी.ए.) के झंडे तले 18 दिन पहले शुरू की गयी, अध्यापकों की हड़ताल को समर्थन देने के लिये एक अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल करने और 3 दिसम्बर को जेल भरने की धमकी दी।
सी.ओ.टी.ए. के दफ्तर में किये गये एक प्रेस सम्मेलन को संबोधित करते हुये, ए.एम.एच.टी.ए. के अध्यक्ष, कीशमपट ने समझाया कि प्रारंभिक से लेकर उच्चतर माध्यमिक स्तर के सरकारी स्कूलों के अध्यापक सी.ओ.टी.ए. की हड़ताल का समर्थन कर रहे हैं। क्योंकि सरकार अध्यापकों की मांगों पर कोई सकारात्मक कदम उठाने में असफल रही है, ए.एम.एच.टी.ए., सी.ओ.टी.ए. के साथ हाथ मिला कर जारी हड़ताल को और तीव्र कर रहा है।
पिछली बार छठे वेतन आयोग को लागू करने के लिये मणिपुर के सरकारी कर्मचारियों की हड़ताल में सी.ओ.टी.ए. ने सहभाग लिया था। सी.ओ.टी.ए. की हड़ताल को तब स्थगित किया गया था जब मुख्यमंत्री ने अपने कर्मचारियों के लिये संशोधित छठे वेतन आयोग को लागू करने के लिये और पिछले छ: महीनों की बकाया रकम देने के लिये सहमति प्रकट की थी।
उस वक्त, मुख्यमंत्री ने कर्मचारियों के वेतन को अंतिम रूप देने के लिये 45 दिन की मोहलत मांगी थी। अब छ: महीने से भी ज्यादा हो गया है और कई मौकों पर कर्मचारियों के निकाय और सरकार के बीच चर्चा होती रही है, परन्तु सरकार ने अभी तक अध्यापकों के वेतन को अंतिम रूप नहीं दिया है।
सी.ओ.टी.ए. और अध्यापकों के दूसरे निकायों ने इस बात पर जोर डाला है कि विद्यार्थियों के हित को ध्यान में रखते हुये वे किसी भी तरह की हड़ताल नहीं करना चाहेंगे। परन्तु उनकी मांगों पर सरकार की निष्क्रियता की वजह से उनके पास हड़ताल शुरू करने के सिवाय और कोई चारा नहीं बचा।