ज्वाइंट ऐक्शन कमेटी ऑफ एम्प्लोईज़, टीचर्स, वर्कर्स एण्ड पेंशनर्स (जे.ए.सी.) द्वारा हैदराबाद में आयोजित प्रदर्शन में पूरे आन्ध्र प्रदेश से आ रहे शिक्षकों को पुलिस ने, नाकाबंदी करके, वहां पहुंचने से रोका। हजारों हड़तालियों को पुलिस द्वारा हिरासत में लेने के बावजूद, हैदराबाद में एक विशाल प्रदर्शन हुआ।
ज्वाइंट ऐक्शन कमेटी ऑफ एम्प्लोईज़, टीचर्स, वर्कर्स एण्ड पेंशनर्स (जे.ए.सी.) द्वारा हैदराबाद में आयोजित प्रदर्शन में पूरे आन्ध्र प्रदेश से आ रहे शिक्षकों को पुलिस ने, नाकाबंदी करके, वहां पहुंचने से रोका। हजारों हड़तालियों को पुलिस द्वारा हिरासत में लेने के बावजूद, हैदराबाद में एक विशाल प्रदर्शन हुआ।
जे.ए.सी. की 11 बिंदुओं की योजना है जिसमें शामिल हैं, राज्य भर में 4,00,000 सरकारी रिक्त पदों पर नियुक्ति, शिक्षकों को बाहरी स्रोत से लगाना (आऊटसोर्सिंग) पर रोक और शिक्षकों के नौसिखिया (अप्रेंटिस) प्रणाली, जिसके तहत शिक्षकों को थोड़े वक्त के लिये बहुत कम वेतन पर नौकरी दी जाती है, उसको बन्द करना।
आन्ध्र प्रदेश विश्व बैंक की नीतियों के परीक्षण का मैदान है। यहां की सरकार ने उसका ढांचागत सुधारों का नुस्खा अपनाया है जिसके तहत जनसुविधाओं में कटौतियां की जा रही हैं और शिक्षा का पूरा खर्चा विद्यार्थियों से वसूलने की शुरुआत की जा रही है। ऐसी ही आर्थिक सहायता में कटौतियों और व्यापार के उदारीकरण के कारण राज्य में किसानों के परिवारों व बच्चों को कष्ट हो रहा है और हजारों किसान खुदकुशी के लिये मजबूर हो रहे हैं क्योंकि खेती से उनका गुजारा नहीं हो रहा है। इस दौरान, जनसेवाओं में कम खर्चे की वजह से शिक्षकों को बहुत ही बुरी परिस्थिति में काम करना पड़ रहा है।
इन सब समस्याओं के खिलाफ़ शिक्षक और दूसरे सरकारी कर्मचारी संघर्ष में उतरे हैं।