22 सितम्बर, 2011 को मारूती-सुजुकी के मजदूरों के संघर्ष के समर्थन में मजदूर एकता कमेटी, लोक राज संगठन सहित कई अन्य संगठनों के सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने संयुक्त रूप से दिल्ली स्थित मंडी हाऊस से लेकर हरियाणा भवन तक जोरदार रैली निकाली और प्रदर्शन किय
22 सितम्बर, 2011 को मारूती-सुजुकी के मजदूरों के संघर्ष के समर्थन में मजदूर एकता कमेटी, लोक राज संगठन सहित कई अन्य संगठनों के सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने संयुक्त रूप से दिल्ली स्थित मंडी हाऊस से लेकर हरियाणा भवन तक जोरदार रैली निकाली और प्रदर्शन किया।
हरियाणा भवन के गेट पर प्रदर्शनकारियों ने -‘हुडा सरकार, प्रबंधकों का साथ देना बंद करो!’, ‘गैर-कानूनी तालाबंदी खत्म करो!’, ‘एक पर हमला, सभी पर हमला!’, ‘हरियाणा की कांग्रेस सरकार की मजदूर-विरोधी नीति मुर्दाबाद!’, ‘केन्द्र और राज्य सरकार मारूती-सुजुकी के मजदूरों के संघर्ष को कुचलना बंद करो!’ – नारे बुलंद किये।
विदित है कि मारूती-सुजुकी के मजदूरों ने अपने यूनियन बनाने के अधिकार को लेकर जून माह में मानेसर स्थित प्लांट में 13 दिन तक संघर्ष किया। प्रबंधक नहीं चाहते हैं कि मजदूरों का कोई यूनियन बने। समझौते के बाद, यूनियन पंजीकरण के लिए आवेदन किया गया। इसी बीच प्रबंधन ने हुडा सरकार के साथ मिलकर, तकनीकी कमियां निकालकर पंजीकरण को रद्द करवा दिया। मजदूर नेताओं को झूठे आरोप में फंसाया गया।
29 अगस्त, 2011 से प्लांट में प्रबंधन ने तालाबंदी की घोषणा कर दी। सभी मजदूरों के लिए ‘बांड’ पर हस्ताक्षर करना जरूरी कर दिया गया है। यह बांड, मजदूरों के हरेक अधिकार को दरकिनार करके प्रबंधक की मनमानी स्थापित करने का कानूनी दस्तावेज़ है। मारूती-सुजुकी इंप्लाईज यूनियन ने इस नाजायज़ बांड पर हस्ताक्षर करने से इनकार किया है।
धरने के दौरान विभिन्न छात्र, नौजवान, मजदूर संगठनों व ट्रेड यूनियनों के प्रतिनिधियों ने मारूती-सुजुकी के मजदूरों के समर्थन में बात रखी।
हिन्दोस्तान की कम्युनिस्ट ग़दर पार्टी के प्रवक्ता और मजदूर एकता कमेटी के सचिव प्रकाश राव ने सभा को संबोधित करते हुए दो मुख्य बातें रखी।
उन्होंने बताया कि मारूती-सुजुकी के मजदूरों पर जो हमला हो रहा है, यह देश के तमाम मजदूरों और उनके अधिकारों पर हमला है। यह एक निर्णायक लड़ाई है। एक तरफ सुजुकी के जापानी मालिक, केंद्र सरकार, हरियाणा की राज्य सरकार तथा देशी-विदेशी इजारेदार कोशिश कर रहे हैं कि इस संघर्ष को कुचलकर देश भर में मजदूरों के अधिकार पर जबरदस्त हमला करें।
दूसरी तरफ, देश और दुनिया के मजदूर दिल और जान से चाहते हैं कि हम जीतें, ताकि तमाम मजदूरों के अधिकारों का संघर्ष आगे बढ़े। मानेसर गुड़गाँव क्षेत्र के मजदूरों ने रोज सड़क पर निकलकर यह साबित कर दिया कि वे पूरी तरह से इस बात से जागरूक हो चुके हैं कि एक पर हमला सब पर हमला है, एक की जीत हम सब की जीत है।
अब वक्त है देश के तमाम मजदूर संगठनों को अपने काम से यह साबित करना। मुझे आज के प्रदर्शन से बहुत उत्साह मिला है। इसमें छात्र-छात्रायें शामिल हैं और पूरे होश व जोश के साथ इस संघर्ष में हिस्सा ले रहे हैं। यह एक प्रतीक है कि भविष्य उज्ज्वल है, बेशक आज हमें कितनी भी मुश्किलों का सामना क्यों न करना पड़े।
बात को आगे बढ़ाते हुए, उन्होंने कहा कि हमारी निगाह अर्जुन की तरह अपने निशाने पर टिकी होनी चाहिए। इतिहास गवाह है कि हम अपना निशाना भूलकर आपस में एक-दूसरे पर निशाना लगाने लगते हैं, इससे बहुत नुकसान हुआ है। हमारा निशाना इस वक्त केन्द्र सरकार और राज्य है। मारूती-सुजुकी को झुकाना और अपने अधिकार के लिए संघर्ष में कामयाबी पाना यह हमारा फौरी लक्ष्य है।
धरने के अंत में, विभिन्न संगठनों का एक प्रतिनिधिमंडल हरियाणा भवन के आयुक्त से मिला और मुख्य मांग रखी कि 1. सभी कर्मचारियों और नेताओं की बर्खास्तगी और निलंबन को खत्म करके, बिना शर्त काम पर वापस लिया जाये 2. गैर-कानूनी तालाबंदी को खत्म किया जाये तथा गैर-कानूनी बांड वापस लिया जाये 3. मारूती-सुजुकी इंपलाइज़ यूनियन को मान्यता दी जाये व पंजीकृत किया जाये।