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1. केन्द्रीय समिति द्वारा पेश की गई रिपोर्ट पर सहमति
वर्ग संघर्ष को अगुवाई देने के दौरान पार्टी का निर्माण करने और मज़दूर वर्ग की अगुवाई में क्रांतिकारी संयुक्त मोर्चे का निर्माण करने के काम पर केन्द्रीय समिति द्वारा पेश की गई रिपोर्ट पर चर्चा करने के बाद, और
हिन्दोस्तान व दुनिया की वर्तमान हालत के विश्लेषण को मार्क्सवाद-लेनिनवाद और पार्टी की आम कार्य दिशा के अनुसार समझते हुए,
हम, अक्तूबर 2010 को हिन्दोस्तान की कम्युनिस्ट ग़दर पार्टी के चौथे महाअधिवेशन में इकट्ठे हुये प्रतिनिधि
इस रिपोर्ट को स्वीकार करने का प्रस्ताव करते हैं और केन्द्रीय समिति से आह्वान करते हैं कि इसे सभी लोगों और देश के कोने-कोने में प्रसारित करने के लिये प्रकाशित किया जाए।
2. कम्युनिस्ट आंदोलन में खतरनाक धाराओं का मुकाबला करना और उन्हें हराना
यह समझते हुये कि वर्ग संघर्ष के वर्तमान पड़ाव पर क्रांति के आगे बढ़ने के रास्ते में सबसे बड़ी रुकावट कम्युनिस्ट आंदोलन की दो खतरनाक धाराओं – ”समाजवाद के शान्तिपूर्ण और संसदीय रास्ते” पर चलने वाले और माओ त्से तुंग विचारधारा पर चलने वाले – इनके द्वारा मार्क्स-लेनिनवाद को तोड़-मरोड़ कर पेश करना है,
हम, अक्तूबर 2010 को हिन्दोस्तान की कम्युनिस्ट ग़दर पार्टी के चौथे महाअधिवेशन में इकट्ठे हुये प्रतिनिधि
आने वाले समय में कम्युनिस्ट आन्दोलन में मार्क्स-लेनिनवाद के असूलों को स्थापित करने और इन दो खतरनाक धाराओं के गैर वैज्ञानिक सार का पर्दाफाश करने की पार्टी की कार्य योजना के मुख्य विषय की पूरी हिमायत करते हैं।
3. कम्युनिस्ट शिक्षा की जरूरत
कम्युनिस्ट आन्दोलन की दो खतरनाक धाराओं द्वारा मार्क्स-लेनिनवाद को तोड़-मरोड़ कर पेश किए जाने और मज़दूर-किसान को गुमराहकारी संदेश दिये जाने – इस पर चर्चा करके
हम, अक्तूबर 2010 को हिन्दोस्तान की कम्युनिस्ट ग़दर पार्टी के चौथे महाअधिवेशन में इकट्ठे हुये प्रतिनिधि
केन्द्रीय समिति से आग्रह करते हैं कि सभी संघर्षरत ताकतों को आधुनिक कम्युनिज्म के सिध्दान्त से लैस करने पर तथा सभी सदस्यों व समर्थकों की कम्युनिस्ट शिक्षा पर गंभीरतापूर्वक ध्यान दिया जाए।
4. पार्टी को बनाना और मजबूत करना
हमारी पार्टी को मजदूर वर्ग के हिरावल दस्ते बतौर बनाना और मजबूत करना; ताकि पार्टी पूंजीवादी व्यवस्था का तख्तापलट करने और समाजवादी समाज का निर्माण करने हेतु श्रमजीवी अधिनायकत्व स्थापित करने के कार्य में मजदूर वर्ग की अगुवाई कर सके, इस पर चर्चा करके, और
हमारी पार्टी के कार्यक्रम में पूर्ण भरोसे के साथ,
हम, अक्तूबर 2010 को हिन्दोस्तान की कम्युनिस्ट ग़दर पार्टी के चौथे महाअधिवेशन में इकट्ठे हुये प्रतिनिधि
यह फैसला करते हैं कि मज़दूर वर्ग, क्रान्तिकारी किसानों और बुध्दिजीवियों के बीच में पार्टी का निर्माण करेंगे और उसे मजबूत करेंगे;
पूंजीवादी सरकारों के समाज-विरोधी कार्यक्रम के खिलाफ़ तथा हिन्दोस्तान के नव-निर्माण के कार्यक्रम के इर्द-गिर्द राजनीतिक एकता बनाते रहेंगे;
मज़दूरों, किसानों, महिलाओं और नौजवानों के जन संगठनों का निर्माण करेंगे और उन्हें मजबूत करेंगे;
सामाजिक परिवर्तन के संपूर्ण आन्दोलन को लामबंध करने वाले क्रान्तिकारी संयुक्त मोर्चे को बनायेंगे और मजबूत करेंगे;
हम यह फैसला करते हैं कि पूंजीपति शासक वर्ग के खिलाफ़ मेहनतकश जनसमुदाय के संघर्ष को अगुवाई देने के अपने काम को आगे बढ़ायेंगे तथा इसके लिये पार्टी व गैर पार्टी मीडिया को मजबूत करेंगे।
5. मज़दूर वर्ग के संगठित तबकों के बीच पार्टी की अगुवाई स्थापित करने की जरूरत
क्रान्ति में मज़दूर वर्ग की अगुवाई स्थापित करने की जरूरत पर चर्चा करके, और यह समझते हुए कि हालांकि मज़दूर वर्ग की संख्या बढ़ती जा रही है, लाखों-लाखों जवान मज़दूर इसमें जुड़ रहे हैं, पर मजदूर बंटे हुए हैं, मज़दूरों के सामने एक स्पष्ट नज़रिया और अपने सांझे लक्ष्य के इर्द-गिर्द राजनीतिक एकता नहीं है, और यह मज़दूर वर्ग आन्दोलन के अन्दर पूंजीपति वर्ग और उसके दलालों की दुष्ट कृतियों की वजह से है,
हम, अक्तूबर 2010 को हिन्दोस्तान की कम्युनिस्ट ग़दर पार्टी के चौथे महाअधिवेशन में इकट्ठे हुये प्रतिनिधि
पार्टी की केन्द्रीय समिति से आग्रह करते हैं कि आने वाले समय में मज़दूर वर्ग के सबसे संगठित, सबसे अगुवा तबकों पर पार्टी की अगुवाई स्थापित करने पर गंभीरतापूर्वक ध्यान दिया जाए।
6. दक्षिण एशिया के लोगों की एकता बनाने के लक्ष्य की हिमायत करने की जरूरत
यह समझते हुये, कि अमरीकी साम्राज्यवाद अफगानिस्तान और पाकिस्तान में अपनी फौजी और खुफिया मौजूदगी को खूब बढ़ा रहा है और हिन्दोस्तानी साम्राज्यवाद अपना प्रभाव क्षेत्र विस्तृत करने के उद्देश्य से, एक हमलावर रास्ते पर तेजी से बढ़ रहा है,
हम, अक्तूबर 2010 को हिन्दोस्तान की कम्युनिस्ट ग़दर पार्टी के चौथे महाअधिवेशन में इकट्ठे हुये प्रतिनिधि
पार्टी से आग्रह करते हैं कि साम्राज्यवाद और साम्राज्यवादी जंग के खिलाफ़, दक्षिण एशिया के लोगों की एकता के लक्ष्य की हिमायत की जाए, कि पाकिस्तान के लोगों तथा बाहरी दखलंदाजी से मुक्त अपना भविष्य निर्धारित करने के उनके अधिकारों का समर्थन करने में देश के मज़दूरों, किसानों और इंसाफ पसंद बुध्दिजीवियों को लामबंध करने में अगुवाई दी जाए, कि इस इलाके के सभी साम्राज्यवाद विरोधी और राष्ट्रीय मुक्ति संघर्षों का समर्थन किया जाए, तथा दक्षिण एशिया के सबसे बड़े और सबसे शक्तिशाली देश के प्रधान बतौर हिन्दोस्तानी शासक की खतरनाक भूमिका का बहादुरी से पर्दाफाश किया जाए।