वोलटास लिमिटेड (एक टाटा समूह कंपनी) के मजदूर, अपने यूनियन, वोलटास एम्पलाइज़ यूनियन की अगुवाई में, अपनी शिकायतोंको लेकर मुम्बई में कंपनी के मुख्यालय पर कई महीनों से श्रृंखलाबध्द भूख हड़ताल कर रहे हैं।
वोलटास लिमिटेड (एक टाटा समूह कंपनी) के मजदूर, अपने यूनियन, वोलटास एम्पलाइज़ यूनियन की अगुवाई में, अपनी शिकायतोंको लेकर मुम्बई में कंपनी के मुख्यालय पर कई महीनों से श्रृंखलाबध्द भूख हड़ताल कर रहे हैं।
जैसा कि मजदूर एकता लहर में पहले रिपोर्ट किया गया है, यह मजदूर ठेकेदारी और यूनियन पर हमलों के खिलाफ़ संघर्ष कर रहे हैं। वोलटास में मजदूर गिने जाने वाले लोगों की संख्या मात्र कुछ हजार है, जबकि कंपनी में प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से दसों-हजारों लोग काम करते हैं। ज्यादातर कर्मचारियों को ''प्रबंधक'' का दर्जा दिया गया है, और बहुत कम को ''मजदूर'' का दर्जा दिया गया है। इसके अलावा, हजारों मजदूर ठेके पर काम करते हैं। ये सारे कदम यूनियन को नष्ट करने की सोची-समझी चाल के हिस्से हैं।
16 अगस्त, 2011 को यूनियन की अगुवाई में सैकड़ों मजदूर अपना विरोध जताने के लिये, वोलटास लि. की वार्षिक जनरल बॉडी मीटिंग पर पहुंचे। वे देश के अलग-अलग भागों से, वोलटास लि. के अलग-अलग विभागों से आये थे। वे बड़े-बड़े बैज पहने हुये थे, जिन पर उनकी मुख्य मांगें लिखी थीं।
वोलटास के मजदूरों ने अपना आंदोलन बढ़ाने का फैसला किया है। वे जहां पहले प्रति दिन 12घंटे भूख हड़ताल करते थे, अब प्रतिदिन 24घंटे भूख हड़ताल करेंगे।