31 जुलाई, 2011 को पंजाब के जिला नवांशहर में लोक राज संगठन की जिला परिषद की अगुवाई में “लोक राज क्यों” विषय पर गोष्ठी आयोजित की गई।
31 जुलाई, 2011 को पंजाब के जिला नवांशहर में लोक राज संगठन की जिला परिषद की अगुवाई में “लोक राज क्यों” विषय पर गोष्ठी आयोजित की गई।
गोष्ठी की तैयारी में परिषद सदस्य महीने भर जुटे रहे। पूरे शहर में पोस्टर लगाये गए। नवांशहर के बाजार में गोष्ठी का प्रचार किया गया और लोगों से धन एकत्रित किया गया। बैगमपुर सहित आसपास के गांव में किसान व उनके संगठनों के प्रतिनिधियों को गोष्ठी में आमंत्रित किया गया।
इस गोष्ठी में मजदूर, किसान, महिलाएं, दुकानदार और छोटे व्यवसायी शामिल हुए। इसके अलावा अनेक प्रदेश परिषद के प्रतिनिधि भी शामिल हुए।
गोष्ठी को का.हनुमान प्रसाद शर्मा, का.तरसेम लाल, विजय कुमार तथा बिरजू नायक की अध्यक्षता में चलाया गया।
सभा की शुरूआत करते हुए, नवांशहर परिषद के सचिव शिवराज ने लोक राज संगठन के उद्देश्य पर प्रकाश डालते हुए, संगठन के काम का विस्तार से उल्लेख किया। उन्होंने नगर में लोक-निर्माण, सड़क व जनसुविधाओं के चलते असुविधाओं का जिक्र किया।
लोक राज संगठन के उपाध्यक्ष व राजस्थान परिषद के अध्यक्ष हनुमान प्रसाद शर्मा ने हिन्दोस्तान में पार्टीवादी राजनीति की आलोचना करते हुए कहा कि पार्टियों की सरकारें मात्र देशी-विदेशी पूंजीपतियों के मुनाफों को सुनिश्चित करने वाले मैनेजर की भूमिका निभाती रही हैं। हमें सदैव याद रखना चाहिए कि वोट बैंक से सरकार बदली जा सकती है लेकिन वोट बैंक को पूंजीपतियों की मीडिया ही तैयार करती है। अतः मात्र पांच साल में आपके द्वारा इस या उस सरमायदारी पार्टियों के प्रतिनिधियों को चुनने से आपकी जिंदगी और समस्या बदलने वाली नहीं है। वोट देने के बाद आपके सारे अधिकार खत्म हो जाते हैं। उन्होंने देश में लोक राज लाने के संघर्ष में शामिल होने के आह्वान के साथ अपनी बात खत्म की।
गोष्ठी को संबोधित करते हुए, लोक राज संगठन की दिल्ली परिषद के प्रतिनिधि बिरजू नायक ने देश में भ्रष्टाचार के मुद्दे पर विस्तारपूर्वक अपनी राय रखी। उन्होंने आजादी के बाद से आज तक हुए घोटालों की घटनाओं का विवरणात्मक उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार की समस्या आज की राजनीतिक और आर्थिक व्यवस्था से जुड़ी हुयी है। अतः इसका हल वर्तमान संविधान और इसके द्वारा स्थापित संस्थानों की मर्यादा के अंदर नहीं हो सकता है।
हरियाणा परिषद के प्रदेश सचिव का.दूनीचंद ने लोक राज संगठन की स्थापना की जरूरत के बारे में गोष्ठी को अवगत कराया। उन्होंने कहा कि आज लोगों के हाथ में सत्ता न होना ही देश की मूल समस्या है। लोगों के नाम पर राज करने वाले पूंजीपतियों के वफादार हैं। हमें देश में मजदूर-मेहनतकश का राज स्थापित करने की दिशा में काम को आगे बढ़ाना होगा। संविधान और इस पूंजीवादी लोकतंत्र की मर्यादा के अंदर लोगों की समस्याओं का समधान नहीं हो सकता है, ऐसा हमें 64साल से लोगों के लंबे संघर्ष का अनुभव दिखाता है।
श्री जरनैल सिंह ने किसानों की समस्याओं पर प्रकाश डालते हुए पंजाब में किसान आंदोलन के बारे में विस्तार से बताया।
श्री जितेन्दर सिंह ने फौजियों और सुरक्षा कर्मियों को संगठन के साथ जोड़ने के औचित्य के संबंध में सवाल किया।
हिमाचल से आये बिपिन भारद्वाज ने प्रदेश भर में जल-बिजली परियोजनाओं की स्थापना और इससे पैदा होने वाले पर्यावरण की समस्याओं पर गोष्ठी का ध्यान आकर्षित किया।
परमबीर सिंह, जिला परिषद सदस्य ने सभा में संगठन के काम और इसकी मजबूती पर जोर दिया।
भठिंडा जिला परिषद के प्रतिनिधि की तरफ से आये गुलाब ने पंजाब रोडवेज में चल रहे मजदूरों के संघर्ष के बारे में गोष्ठी को अवगत कराया।
सभा में उपस्थित लोगों द्वारा पूछे गए प्रश्नों का उत्तर का.हनुमान प्रसाद शर्मा ने दिया। मुख्य प्रश्न यह आया कि क्या राजनीतिक पार्टियां नहीं होनी चाहिए? का.हनुमान प्रसाद शर्मा ने कहा कि राजनीतिक पार्टी बहुत जरूरी है। लेकिन उसे लोगों के नाम पर खुद सत्ता में नहीं आना चाहिये बल्कि लोगों को सत्ता में आने व सत्ता चलाने के काबिल बनाना चाहिये। गोष्ठी का अंत उनके समापन भाषण के साथ हुआ।