शौचालय हमारे सम्मान का मसला है
लोक राज समिति (संजय कालोनी) ने अपने क्षेत्र में शौच व्यवस्था को सुचारू करने और नये शौचालय बनाने के अभियान को तेज करते हुए, 2जुलाई, 2011 से तीन दिवसीय धरने का आयोजन किया। यह धरना एक सांकेतिक धरना था। धरने का आयोजन दक्षिण दिल्ली के ओखला औद्योगिक क्षेत्र फेस 2में स्थित संजय कालोनी के पास किया गया।
शौचालय हमारे सम्मान का मसला है
लोक राज समिति (संजय कालोनी) ने अपने क्षेत्र में शौच व्यवस्था को सुचारू करने और नये शौचालय बनाने के अभियान को तेज करते हुए, 2जुलाई, 2011 से तीन दिवसीय धरने का आयोजन किया। यह धरना एक सांकेतिक धरना था। धरने का आयोजन दक्षिण दिल्ली के ओखला औद्योगिक क्षेत्र फेस 2में स्थित संजय कालोनी के पास किया गया।
धरने में कालोनी के निवासियों सहित आस-पास की कालोनियों के निवासी समितियों ने भी हिस्सा लिया। कालोनी के निवासियों ने धरने की सराहना करते हुए बताया कि यह एक बहुत ही सराहनीय कदम है।
विदित है कि पिछले कई वर्षों से यहां पर सार्वजनिक शौचालयों का बहुत ही अभाव है। लोगों – महिलाओं, पुरुषों, बुजुर्गों, बच्चों को अपने नित्यकर्म निबटाने के लिये खुले में जाना पड़ता है। खासकर महिलाओं और लड़कियों को बहुत ही अपमानजनक स्थिति से दो-चार होना पड़ता है, क्योंकि उन्हें खुले में शौच जाने की मजबूरी के चलते, असामाजिक तत्वों का सामना करना पड़ता है।
पिछले 7-8 वर्षों से लोक राज समिति ने शौचालय की मांग को लेकर संबंधित सभी विभागों में अपनी शिकायत दर्ज की है। समिति के प्रतिनिधियों ने विभागों के अधिकारियों से मुलाकात की है। साथ ही साथ समिति ने शौचालय की मांग को लेकर दिल्ली सचिवालय पर धरना आयोजित करके, मुख्यमंत्री शीला दिक्षित को ज्ञापन भी सौंपा है। इसके अलावा स्थानीय पार्षद, विधायक, और सांसद को भी ज्ञापन व पत्र दिये हैं। इन सभी कार्यवाहियों के बावजूद कालोनी के लोगों के लिये किसी भी प्रकार के शौचालय की व्यवस्था नहीं की गई है।
पिछले 7-8 वर्षों से जारी इस संघर्ष को लोक राज समिति ने जारी रखते हुये धरने का आयोजन किया।
धरने पर तीनों दिन लोगों का तांता लगा रहा और लोगों ने शौचालय की मांग के संघर्ष के साथ अपनी सहमति जताई। धरने के दौरान 3जुलाई को एक सभा का आयोजन किया गया जिसमें हिन्दोस्तान की कम्युनिस्ट ग़दर पार्टी के सदस्यों, लोक राज संगठन के दिल्ली प्रदेश के नेताओं और कार्यकर्ताओं तथा पुरोगामी महिला संगठन के कार्यकर्ताओं ने हिस्सा लिया।
सभा को संबोधित करते हुए वक्ताओं ने कहा कि सरकार के अधिकतर मुख्य पदों पर महिलायें हैं, लेकिन फिर भी देशभर में महिलाओं को बदतर हालतों में जीना पड़ रहा है।
वक्ताओं ने बताया कि हमारे देश की राजनीतिक प्रक्रिया पर लोगों का कोई नियंत्रण नहीं है। इसलिये देश के किसी भी फैसले में जनता की कोई भागीदारी नहीं होती। इसलिये कोई भी नौकरशाह या नेता अपनी मनमानी करते हैं, और लोगों को अपने जन्मसिद्ध अधिकारों से वंचित रखकर खुलेआम घूमते हैं। जब तक देष की राजनीतिक प्रक्रिया को लोगों के नियंत्रण में नहीं लाया जायेगा तब तक लोगों के अधिकारों को पूरी तरह से सुनिश्चित करना नामुमकिन है।
वक्ताओं ने कार्यक्रम की सराहना करते हुए कहा कि लोक राज समिति अधिकारों के संघर्ष को जारी रखते हुए, ऐसी समिति के रूप में विकसित हो रही है जो लोगों के हाथों में राजनीतिक सत्ता लाने के तंत्र का एक रूप होगी।
सभा के दौरान एक छोटी-प्रस्तुति पेश की गई जिसमें बताया गया कि लोक राज समिति ने अभी तक कहां-कहां पर अपनी ओर से ज्ञापन दिये हैं। धरन का समापन एक सभा के दौरान किया गया और सभा ने संकल्प लिया कि हम अपने सम्मान के संघर्ष को लगातार जारी रखेंगे।