31/07/2020 hindi_cgpiadmin बैंकों का विलय और मज़दूरों का विरोध बैंक के मज़दूरों के लिये बड़े पैमाने पर उनकी नौकरयों को खोने का ख़तरा है।वे जानते हैं कि बैंकों का विलय निजीकरण की दिशा में एक क़दम है। 1 अप्रैल, 2020 को 10 सार्वजनिक बैंकों का विलय करके उन्हें 4 बड़े बैंकों में गठित किया गया है। इस विलय के प्रस्ताव का ऐलान अगस्त 2019 में किया गया था। बैंक मज़दूरों की यूनियनों ने इस प्रस्ताव का जमकर विरोध किया था। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 4 मार्च, 2020 को इस प्रस्ताव को मंजूरी दी और लॉकडाउन के दौरान इसको लागू किया। आगे पढ़ें