किसानों की आय बढ़ाने के नाम पर इजारेदार पूंजीपतियों द्वारा लूट को बढ़ावा

15 मई को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कृषि को बढ़ावा देने के लिए सहायता के नाम पर “एक लाख पचास हजार करोड़ रुपये” के पैकेज के साथ तमाम कई नीतियों में बदलाव का ऐलान किया। प्रधानमंत्री ने दावा किया कि इससे किसानों की आय में बढ़ोतरी होगी। लेकिन इन घोषणाओं का नजदीकी से मूल्यांकन करने से यह नज़र आता है कि इससे किसानों को तुरंत राहत देने की ज़रूरत बिलकुल भी पूरी नहीं होती है। इसके ठीक विपरीत, वित्तीय पैकेज और नीतिगत बदलाव पूंजीवादी कंपनियों द्वारा किसानों की लूट के दायरे को और अधिक विस्तृत करने के मक़सद से किये जा रहे है।

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