काम की दमनकारी परिस्थितियों के खि़लाफ़ लोको रनिंग स्टाफ का संघर्ष सभी मेहनतकश लोगों के समर्थन का हक़दार है!

कामगार एकता कमेटी के संवाददाता की रिपोर्ट

3 अक्तूबर, 2024 को गांधीधाम पश्चिम रेलवे के 410 लोको पायलट (एलपी) और सहायक लोको पायलट (एएलपी) ने 82 घंटे के बाद अपनी अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल समाप्त कर दी। उन्होंने ऑल इंडिया लोको रनिंग स्टाफ एसोसिएशन (एआईएलआरएसए) के नेतृत्व में अपना आंदोलन शुरू किया था। उनके संघर्ष ने कांडला और मुंदरा बंदरगाहों के महत्वपूर्ण क्षेत्र में माल यातायात को ठप्प कर दिया था। संघर्ष को तोड़ने के सभी प्रयास विफल होने के बाद, रेलवे अधिकारियों को मज़दूरों की मुख्य मांगों को स्वीकार करना पड़ा।

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भारतीय रेलवेस टेक्निकल सुपरवायसर्स एसोसिएशन के वरिष्ठ संयुक्त महासचिव के साथ साक्षात्कार

मजदूर एकता लहर (म.ए.ल.) भारतीय रेलवे में कई श्रेणी-वार एसोसिएशनों के नेताओं के साथ जैसे कि रेल चालकों, गार्डों, ट्रेन नियंत्रकों, सिग्नल और रखरखाव कर्मचारियों, रेल की पटरियों के अनुरक्षकों, पॉइंटमैन, आदि के साक्षात्कार कर रही है और छापती रही है। इस श्रृंखला के आठवें भाग में भारतीय रेलवेस टेक्निकल सुपरवायसर्स एसोसिएशन (आई.आर.टी.एस.ए.) के वरिष्ठ संयुक्त महासचिव के. वी. रमेश (के.वी.आर.) का साक्षात्कार हम यहां प्रस्तुत कर रहे हैं।

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भारतीय रेल का निजीकरण हमें मंजूर नहीं

रेल_निजीकरण_पुस्तिकाप्रथम प्रकाशन अक्तूबर 2021

हिन्दोस्तान के रेल मज़दूर दृढ़तापूर्वक भारतीय रेल के निजीकरण के ख़िलाफ़ संघर्ष कर रहे हैं। निजीकरण के ख़िलाफ़ इस संघर्ष में रेलवे की सभी फैडरेशन और यूनियन एक झंडे तले इकट्ठे हुए हैं – नेशनल कोओर्डिनेशन कमेटी ऑफ़ रेलवेमेन्स स्ट्रगल।

पी.डी.एफ. डाउनलोड करनें के लिये चित्र पर क्लिक करें

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ज्यादा से ज्यादा ट्रैक मेन्टेनर करोना के शिकार हो रहे हैं!

रेल अधिकारियों को आवश्यक निवारक उपाय लेकर ट्रैक मेन्टेनरों की रक्षा करनी चाहिए! 

ऑल इंडिया गार्ड्स काउंसिल (ए.आई.जी.सी.) ऑल इंडिया लोको रनिंग स्टाफ एसोसिएशन (ए.आई.एल.आर.एस.ए.) ऑल इंडिया स्टेशन मास्टर्स एसोसिएशन (ए.आई.एस.एम.ए.) ऑल इंडिया ट्रेफिक कंट्रोलर्स एसोसिएशन (ए.आई.टी.सी.ए.) ऑल इंडिया रेल ट्रैक मेंटेनर्स यूनियन (ए.आई.आर.टी.यू.) ऑल इंडिया रेलवे एंप्लाइज कन्फेडरेशन (ए.आई.आर.ई.सी.)-वेस्टर्न रेलवे, सेंट्रल रेलवे ट्रैक मेंटेनर्स यूनियन (सी.आर.टी.यू.) इंडियन रेलवे सिग्नल एंड टेलीकॉम मेंटेनर्स एसोसिएशन (आई.आर.एस. एंड ई.एम.ए.) कामगार एकता कमेटी (के.ई.सी.) के द्वारा जारी बयान।

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हमारे पाठकों से : 30 घंटे का सफर 90 घंटे में – भारतीय रेल और राज्य की मेहरबानी

लाखों लोग सड़कों पर उतर पड़े थे, पैसों और काम के अभाव ने उन्हें पैदल चलने के लिए विवश कर दिया था। महाराष्ट्र-मध्य प्रदेश की सीमाओं पर पचासों किलोमीटर लम्बा ट्रकों का जाम लगा जिसमे सिर्फ मज़दूर और उनके परिवार भरे थे। मज़दूर परिवारों की बड़ी तादाद अभी भी बाकी थी जिन्होंने सब्र का लिबास ओढ़ रखा था, उनकी आशाएं भारतीय रेल की ओर टिकी थीं। आखिरकार भारतीय रेल का मौन टूटा परन्तु मज़दूर परिवारों को सिर्फ निराशा ही हाथ लगी।

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दिल्ली में रेल चालकों का जुलूस और सभा : निजीकरण को ख़त्म करने के लिये संघर्ष को तेज़ करेंगे

आल इंडिया लोको रनिंग स्टाफ एसोसियेशन (ए.आई.एल.आर.एस.ए.) की अगुवाई में हजारों रेल चालकों ने 19 फरवरी को दिल्ली के अम्बेडकर भवन से जंतर-मंतर तक जुलूस निकाला। जंतर-मंतर पर एक जुझारू सभा की गई। इसमें अनेक रेल चालक अपने परिवार सहित शामिल हुये। इससे एक दिन पहले ए.आई.एल.आर.एस.ए. की सेंट्रल वर्किंग कमेटी के अधिवेशन का आयोजन भी किया गया। इस पूरे

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Trackmen's meeting in Junagarh

भारतीय रेल के ट्रेक-मेन्टेनरों का निजीकरण के खि़लाफ़ प्रदर्शन

ऑल इंडिया ट्रेक-मेन्टेनर्स यूनियन (ए.आई.आर.टी.यू.) ने 2 दिसम्बर, 2019 को जूनागढ़, गुजरात में अपनी डिविजनल मीटिंग आयोजित की। मीटिंग को ए.आई.आर.टी.यू. के नेताओं और कामगार एकता कमेटी के प्रतिनिधियों ने संबोधित किया। मज़दूर एकता ज़िंदाबाद और महिला शक्ति ज़िंदाबाद के लड़ाकू नारों से स्टेशन गूंज रहा था।

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भारतीय रेल के रेल चालकों का प्रदर्शन

चार हज़ार से अधिक भारतीय रेल के रेल चालकों ने, अपने परिजनों सहित, 18 फरवरी को नई दिल्ली के रानी झांसी रोड पर स्थित अम्बेडकर भवन से जंतर-मंतर तक विरोध प्रदर्शन किया। आल इंडिया लोको रनिंग स्टाफ एसोसियेशन (ए.आई.एल.आर.एस.ए.) की अगुवाई में, रेल चालकों की लंबित मांगों को लेकर यह प्रदर्शन आयोजित किया गया था। जंतर-मंतर पर आंदोलित रेल चालकों

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