भारतीय रेल का निजीकरण करने की शासक वर्ग की योजना जोरों से आगे बढ़ रही है। केंद्र सरकार ने इस कार्यक्रम को तेज़ी से लागू करने के लिए कोरोना महामारी का फ़ायदा उठाया है। सभी प्रधानमंत्रियों द्वारा बार-बार किए गए वादे, कि भारतीय रेल का निजीकरण कभी भी नहीं किया जाएगा, ये सरेआम बिलकुल झूठे साबित हुये हैं।
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