गुजरात जनसंहार के 23 साल बाद:
हुक्मरानों के अपराधों को कभी भुलाया या माफ़ नहीं किया जाएगा!
गुनहगारों को सज़ा दिलाने का संघर्ष जारी रहेगा!

सभी ज़मीर वाले महिलाओं और पुरुषों को एक ऐसी नई व्यवस्था स्थापित करने के नज़रिए से इस संघर्ष में आगे आना होगा, जिस व्यवस्था में सभी के ज़मीर के अधिकार सहित सभी मानवाधिकारों की गारंटी सुनिश्चित की जा सके और इन अधिकारों का उल्लंघन करने वालों को कड़ी से कड़ी सज़ा दिलाने के लिए उपयुक्त तंत्र बनाए जाएं।

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बिलकीस बानो मामले के मुजरिमों की रिहाई :
हिन्दोस्तानी राज्य पूरी तरह से सांप्रदायिक है – आइए हम सब मिलकर इंसाफ हासिल करने के अपने संघर्ष को आगे बढ़ाएं!


15 अगस्त को आज़ादी की 75वीं वर्षगांठ पर, 2002 के गुजरात जनसंहार के दौरान सामूहिक बलात्कार और हत्याओं के लिए ज़िम्मेदार अपराधियों में से 11 लोगों को रिहा कर दिया गया। 2008 में उन सभी को एक गर्भवती महिला बिलकीस बानो के साथ सामूहिक बलात्कार और उसके परिवार के 14 सदस्यों की हत्या के जघन्य अपराध के लिए आजीवन कारावास की सज़ा सुनाई गई थी। उन्होंने उसके परिवार के अन्य सदस्यों के साथ भी बलात्कार किया था और उसके तीन साल के बच्चे का सिर पत्थर पर पटककर उसकी हत्या कर दी थी।

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