कोयला सम्पन्न क्षेत्र (अधिग्रहण और विकास) अधिनियम 1957 में 2021 का संशोधन निजी मुनाफ़ा बनाने के लिए भूमि अधिग्रहण करने को सुगम बनाने का हिन्दोस्तानी राज्य का एक स्पष्ट कदम है। हिन्दोस्तान में बड़े इजारेदार पूंजीपति चाहते हैं कि हिन्दोस्तानी राज्य न्यूनतम संभव दर पर भूमि अधिग्रहण की सुविधा प्रदान करे, और इसके उपयोग पर किसी भी प्रतिबंध के बिना इसका स्वतंत्र रूप से इसका इस्तेमाल करने का अधिकार हो।
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कोयला क्षेत्र के निजीकरण का असली उद्देश्य
जिस समय कोयला क्षेत्र कम मुनाफ़ेदार था उस समय उसमें राज्य की इजारेदारी स्थापित की गयी
आज जब यह बेहद मुनाफ़ेदार हो गया है तो इसका निजीकरण किया जा रहा है
आज हिन्दोस्तान में कोयला खनन बेहद मुनाफ़ेदार उद्योग बन गया है। ऐसा अनुमान लगाया गया है कि विभिन्न उद्योगों के लिए कोयले की मांग लगातार बढ़ती जा रही है।
आगे पढ़ेंकोयला क्षेत्र को वाणिज्यिक खनन के लिए खोले जाने का विरोध
18 जून को केंद्र सरकार ने कोयला खदानों को वाणिज्यिक खनन के लिए नीलाम करने की घोषणा की। छत्तीसगढ़, झारखंड और देश की कोयला पट्टी के अन्य राज्यों में केंद्र सरकार को इस घोषणा के लिये जबरदस्त विरोध का सामना करना पड़ रहा है। कोयला क्षेत्र को निजी वाणिज्यिक खनन के लिए खोलने के केंद्र के फैसले के खि़लाफ़, लोगों
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