संप्रग सरकार की मजदूर विरोधी नीतियों के खिलाफ़, 5 मार्च 2010 को देश के कोने-कोने में लाखों-लाखों मजदूरों ने विरोध प्रदर्शन किये।

अलग-अलग पार्टियों के ट्रेड यूनियनों ने एकजुट होकर, खाद्य की आसमान छूती महंगाई और मेहनतकशों पर अन्य हमलों का विरोध किया। उन्होंने खाद्य की बढ़ती महंगाई को फौरन रोकने के कदम मांगे, सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों के निजीकरण का विरोध किया, श्रम कानूनों के उल्लंघन की कड़ी सज़ा मांगी, कृषि मजदूरों तथा मौजूदे श्रम कानूनों के तहत सुरक्षा से वंचित अन्य क्षेत्रों के मजदूरों के लिए सुरक्षा मांगी और एक रा

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खाद्य पदार्थों के प्रापण और वितरण का राष्ट्रीकरण और समाजीकरण किया जाए!

आधुनिक सर्वव्यापक सार्वजनिक वितरण व्यवस्था के लिये खाद्य सबसिडी बढ़ाया जाए!

हथियारों पर खर्च घटाया जाए और ब्याज भुगतान रोका जाए!

वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी 26 फरवरी को केन्द्रीय बजट पेश करने जा रहे हैं, ऐसे समय पर जब मजदूर वर्ग अप्रत्याशित खाद्य पदार्थों की महंगाई के बोझ के तले कराह रहा है। राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल ने, बजट सत्र के आरंभिक दिन पर संसद को संबोधित करते

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5 मार्च को मज़दूर वर्ग के प्रदर्शन को सफल बनायें!

भारी मंहगाई तथा मेहनतकशों व लोगों पर दूसरे हमलों का सामना करने के लिये अपने देश के ट्रेड यूनियनों व मज़दूर वर्ग संगठनों ने 5 मार्च, 2010 को सर्व हिन्द विरोध के दिन का आयोजन किया है।

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यूरोप में आर्थिक संकट

यूरोज़ोन के चार देषों – ग्रीस, स्पेन, पुर्तगाल और इताली – की अर्थव्यवस्थायें घोर संकट में हैं। बाकी यूरोपीय देशों पर भी इस संकट का असर होने की आशंका है। यूरो का मूल्य डालर की तुलना में गिर गया है। सकल घरेलू उत्पाद के आंकड़ों से जाना जाता है कि 2009के आखिरी तीन महीनों में इन चारों देषों की अर्थव्यवस्थाओं में षून्य या नकारात्मक संवर्धन हुआ है।

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अमरीका द्वारा अफगानिस्तान पर नये हमले की निंदा करें!

आज दुनिया में मौजूद सबसे खतरनाक हथियारों से लैस, हजारों अमरीकी सैनिकों ने फरवरी 2010 के दूसरे सप्ताह में अफगानिस्तान में फिर से हमला शुरू किया है। इस हमले का उद्देश्य है कब्जाकारी सेनाओं का विरोध करने वाले अफ़गान योद्धाओं के केन्द्रों को मिटा देना। अमरीका और नाटो की कब्जाकारी ताकतों के मुताबिक, उनका मकसद है अफगानिस्तान के तमाम क्षेत्रों को “तालिबानी नियंत्रण” से “मुक्त&rdqu

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गुजरात जनसंहार के बाद आठ साल

28 फरवरी, 2002 के दिन 50 से भी अधिक कार सेवक, जो अयोध्या से साबरमती एक्सप्रेस में गुजरात आ रहे थे, बहुत ही दुखद रूप से गोधरा में आग लगने से जिन्दा जल गये।

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पुणे में आतंकवादी हमले की भर्त्सना करें!

पुणे में 13 फरवरी, 2010 को एक खाने की जगह पर आतंकवादी हमले में 16 लोग मारे गये तथा दर्जनों अन्य बुरी तरह घायल हुए। मजदूर एकता लहर, इस आतंकवादी हमले पर अपना क्रोध प्रकट करती है और मृतकों तथा घायल लोगों के परिजनों के साथ हमदर्दी जताती है।

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राशन कार्ड की मांग को लेकर एक दिवसीय धरना

17 फरवरी, 2010 को लोक राज संगठन की दिल्ली परिषद की अगुवाई में, गरीबी रेखा के नीचे रहने वालों के लिए बीपीएल राशन कार्ड बनाने की मांग को लेकर दिल्ली सार्वजनिक खाद्य वितरण विभाग के मुख्यालय के समक्ष एक दिवसीय धरना दिया गया।

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महिलाओं के उद्धार का संघर्ष हमेशा ही समाजवाद के लिये मजदूर वर्ग के संघर्ष के साथ जुड़ा रहा है

यह वर्ष एक महत्वपूर्ण घटना – अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस की घोषणा – की शताब्दी है। 1910में, कोपेनहेगन, डेनमार्क में, समाजवादी महिलाओं की अंतर्राष्ट्रीय गोष्ठी में जर्मनी की समाजवादी नेता क्लारा जे़टकिन ने यह प्रस्ताव रखा था कि महिलाओं के अधिकारों और महिला उद्धार के संघर्ष को मान्यता देने के लिये, एक अंतर्राष्ट्रीय दिवस मनाया जाये। गोष्ठी में इस प्रस्ताव को बडे़ जोश के साथ स्वीकार किया गया था।

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महंगाई के खिलाफ़ मशाल जुलूस

9 फरवरी, 2010 को महंगाई विरोधी संयुक्त संघर्ष समिति की अगुवाई में, दक्षिणी दिल्ली के तेहखंड गांव के चैक से कालकाजी बस डिपो तक, शाम 4 बजे से महंगाई के खिलाफ़ मशाल जुलूस निकाली गयी।

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