समाज के उत्पादन से प्राप्त अतिरिक्त मूल्य पर मजदूरों के अधिकार को स्थापित करने का संघर्ष तेज़ करें!

हिन्दोस्तान की कम्युनिस्ट ग़दर पार्टी की केन्द्रीय समिति का बयान, 22 मार्च, 2010

मजदूर साथियों!

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23 मार्च, शहीदी दिवस के अवसर पर जनसभा: संगठित हो, हुक्मरान बनो और समाज को बदल डालो!

23 मार्च, 2010 को भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव के शहादत दिवस के अवसर पर दिल्ली में, ‘क्रांतिकारी शहीदों के सपनों को साकार करने के लिए, हिन्दोस्तान के नौजवानों, मजदूर वर्ग के नेता बनो!’ शीर्षक पर हिन्द नौजवान एकता सभा ने जनसभा आयोजित की। हिन्दोस्तान की कम्युनिस्ट ग़दर पार्टी, लोक राज सगठन, पुरोगामी महिला संगठन, स्थानीय लोक राज समिति आदि संगठनों ने इसमें भाग लिया। सैकड़ों की संख्या

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दुनिया भर में महिला दिवस जोर-शोर से मनाया गया

अंतर्राष्ट्रीय मेहनतकश महिला दिवस की शताब्दी, महिलाओं व मेहनतकश लोगों ने दुनिया भर में, मोर्चा, प्रदर्शनों, गोष्ठियों, नाटकों और तरह-तरह के दूसरे तरीकों से बड़े जोर-शोर से मनाई। जिन मुद्दों को उठाया गया था वे सभी सिर्फ महिलाओं पर प्रभाव डालने वाले मुद्दों तक सीमित नहीं थे बल्कि कई मुद्दे, मानवों, मेहनतकश लोगों व राष्ट्रों के अधिकारों से जुड़े थे।

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महिलायें एक नई राज्य सत्ता एक नये संविधान और एक नई राजनीतिक व्यवस्था व प्रक्रिया की मांग करती हैं!

8 मार्च 2010 पर हिन्दोस्तान की कम्युनिस्ट ग़दर पार्टी की केन्द्रीय समिति का आह्वान

अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के शताब्दी वर्ष की शुरुआत में, 8 मार्च 2010 के अवसर पर, कांग्रेस पार्टी नीत संप्रग सरकार हिन्दोस्तान की महिलाओं को तोहफा बतौर, महिला आरक्षण विधेयक को संसद में पेश करने जा रही है। इस विधेयक का मकसद है प्रत्येक लोक सभा व विधान सभा चुनाव में महिलाओं के लिये आरक्षित निर्वाचन

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मुंबई में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस उत्साहपूर्वक मनाया गया

बहुत ही उत्साह और जोश से सैकड़ों स्त्री और पुरुषों ने मुंबई के मज़दूर वर्ग इलाके में एक जन रैली में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस मनाया।

7 मार्च 2010 के दिन यह जन रैली अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के सौवें वर्षगांठ की शुरुआत को मनाने के लिये वरली की बी.डी.डी. चाल के मैदान में की गयी।

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पैरिस कम्यून की 139वीं सालगिरह: जब मजदूर वर्ग ने आसमान को हिला दिया!

इस वर्ष के 18 मार्च को पैरिस कम्यून की 139वीं सालगिरह होगी। मजदूर वर्ग के इतिहास में यह एक बहुत ही महान और प्रेरक घटना थी। बहादुर क्रान्तिकारी ब़गावत के जरिये, पैरिस के मेहनतकशों ने राज्य सत्ता को अपने हाथ में ले लिया और पैरिस कम्यून के रूप में अपना शासन स्थापित किया। 26 मार्च से 30 मई, 1871 तक उन्होंने अपनी राज्य सत्ता को कायम रखा, पर अंत में उन्हें बेरहमी से कुचल डाला गया। उन्होंने पूंजीवा

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अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस की शताब्दी सालगिरह पर दिल्ली में जोशीली रैली

अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के सौ साल मनाने के लिये इस वर्ष 8 मार्च के दिन तकरीबन 30 संगठनों से जुड़े एक हजार से भी अधिक महिलायें व पुरुष दिल्ली के केन्द्र में, मंडी हाऊस से जंतर-मंतर तक, एक जोशीली रैली में शामिल हुये। इस प्रदर्शन का आयोजन अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस मनाने के लिये गठित शताब्दी समिति ने किया था।

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अफ्रीका में हिन्दोस्तान की बढ़ती मौजूदगी

अपने मुनाफे को निरंतर बढ़ाने के प्रयास के एक हिस्सा बतौर हिन्दोस्तानी पूंजीपति देश में और विदेशों में भी अपनी पहुंच बढ़ा रहे हैं। पूंजी के लिये लाभकारी क्षेत्रों में निवेश के साथ-साथ, वे नये बाजारों, उर्जा के स्रोतों व कच्चे माल की खोज में रहते हैं। हाल के वर्षों में ऐसे क्षेत्रों में एक क्षेत्र, जिसमें उनकी मौजूदगी तेजी से बढ़ी है, नाना संसाधन संपन्न अफ्रीका है।

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निजीकरण विरोधी-संघर्ष में एक मील पत्थर

संपादक महोदय,

माडर्न फूड्स संघर्ष की 10वीं सालगिरह के अवसर पर मजदूर एकता लहर की फरवरी 16-28, 2010 के अंक में लेख छापने पर मैं आपका आभारी हूं। माडर्न फूड्स का संघर्ष हमारे देश में चल रहे वर्ग संघर्ष में एक महत्वपूर्ण मील पत्थर है जिसे याद करना जरूरी है।

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