12 सितम्बर, 2011 को मारूती-सुजुकी इम्प्लाईज यूनियन ने गुड कंडक्ट बांड की शर्त को हटाने, यूनियन के पदाधिकारियों सहित अन्य सभी मजदूरों को काम पर वापस लेने, यूनियन को मान्यता देने की मांग को लेकर गुड़गांव के कमला नेहरू पार्क से लेकर सचिवालय तक एक विशाल रैली निकाली। इस रैली में गुड़गांव और मानेसर स्थित अलग-अलग कंपनियों की यूनियनों और उनके कार्यकर्ताओं ने भाग लिया।
आगे पढ़ेंमारूती सुजकी एम्पलाइज यूनियन की महा रैली
मारूती सुजकी एम्पलाइज यूनियन ने अपनी मांगों को लेकर 5 सितम्बर,2011 को आई.एम.टी.
आगे पढ़ेंभ्रष्ट हिन्दोस्तानी लोकतंत्र के खिलाफ़ जन आंदोलन :
लोगों को सत्ता में लाने के लक्ष्य के इर्द-गिर्द बढ़ती राजनीतिक एकता
वर्तमान भ्रष्ट राजनीतिक और आर्थिक व्यवस्था के खिलाफ़ अपना गुस्सा जाहिर करने के लिये, देश के कोने-कोने में, समाज के सभी तबकों से करोड़ों लोग सड़कों पर उतर आये। वे अन्ना हजारे और उनके सत्याग्रह का समर्थन करने को प्रेरित हुये। कई दूसरे जन संगठनों के साथ मिलकर उन्होंने ऐलान किया कि ''हम हिन्दोस्
आगे पढ़ेंजनता का मत सर्वोच्च है, संसद का मत नहीं!
हिन्दोस्तान की कम्युनिस्ट ग़दर पार्टी की केन्द्रीय समिति का बयान, 28 अगस्त, 2011
जन आंदोलन से जनता में यह जागरुकता बढ़ गयी है कि वर्तमान लोकतंत्र की व्यवस्था में मूल समस्या यह है कि इसमें बड़े-बड़े व्यावसायिक हित और उनकी भ्रष्ट पार्टियां लोक सभा पर नियंत्रण करती हैं। इस बात का भी और ज्यादा पर्दाफाश हुआ है कि बहुपार्टीवादी प्रतिनिधित्ववादी लोकतंत्र एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें बड़े-बड़े शोषकों, भ्रष्ट मंत्रियों और अफसरों को हमारी भूमि और श्रम को लूटने की खुली छूट मिलती है।
हाल की गतिविधियों से मुख्य सवाल यह उठकर आया है कि सर्वोच्च ताकत कहां है और उसे कहां होना चाहिये। कौन संप्रभु है? क्या जनता का मत सर्वोच्च है या संसद का मत और मंत्रीमंडल का मत?
आगे पढ़ेंफैसले लेने की ताकत
हिन्दोस्तान की कम्युनिस्ट ग़दर पार्टी की आवाज़ “फैसले लेने की ताकत” इस प्रकाशन में हिन्दोस्तान की कम्युनिस्ट ग़दर पार्टी की केंद्रीय समिति द्वारा 1,18 और 28 अगस्त 2011 को जारी किये गए तीन बयान है.
(PDF दस्तावेज को डाउनलोड करने के लिए कवर चित्र पर क्लिक करें)
आगे पढ़ें9/11 की दसवीं वर्षगांठ पर
मनगढ़ंत बहानों के आधार पर अन्यायपूर्ण युध्दों और संप्रभुता के उल्लंघनों के दस वर्ष
न्यूयार्क और वाशिंगटन में 11 सितंबर 2001 को हुये आतंकवादी हमलों के बाद के पिछले दस वर्ष, आतंकवाद से लड़ाई के नाम पर लगातार युध्द और बर्बादी के दस वर्ष रहे हैं।
आगे पढ़ेंअसहमति के खिलाफ़ मनमोहन सिंह सरकार की कड़ी कार्यवाही का विरोध करें!
हिन्दोस्तान की कम्युनिस्ट ग़दर पार्टी के केन्द्रीय समिति का बयान, 18 अगस्त, 2011
15 अगस्त की शाम से दिल्ली तथा देश के अन्य अनेक जगहों पर आम जनता की भ्रष्टाचार के ख़िलाफ़ रैलियों पर प्रतिबंध लगाने के लिए हिन्दोस्तान की सरकार ने अपने सुरक्षा बल तैनात किये। 16 अगस्त को सुबह-सुबह, पूर्वनियोजित तरह से, गृह मंत्रालय की कमान में सुरक्षा बलों ने अन्ना हज़ारे तथा आंदोलन के अन्य नेताओं को पकड़ कर ''निरोध हिरासत'' में रखा। उसके साथ समर्थन जताने वालों में से हज़ारों लोगों को भी गिरफ्तार किया गया।
आगे पढ़ेंफैसले लेने की ताकत लोगों द्वारा पुनः प्राप्त करने का वक्त
हिन्दोस्तान की कम्युनिस्ट ग़दर पार्टी की केन्द्रीय समिति का बयान, 1 अगस्त, 2011
हिन्दोस्तान की कम्युनिस्ट ग़दर पार्टी का मानना है कि संसदीय लोकतंत्र और पार्टी आधिपत्य वाली राजनीतिक प्रक्रिया की वर्तमान व्यवस्था आज वक्त से कदम नहीं मिलाती। यह व्यवस्था और इसका आधारभूत सिद्धांत, न केवल यूरोप से आयातित है, बल्कि यह कई सैकड़ों साल पुराना भी है। इसकी बनावट ही ऐसी है कि इसमें फैसले लेने की ताकत मुट्ठीभर विशेषाधिकार प्राप्त लोगों तक सीमित है।लोगों की सहमति से तैयार किये गये लोकपाल विधेयक को संसद में भेजने के आंदोलन और सत्तारूढ़ व विपक्षी पार्टियों द्वारा इस आंदोलन की विरोधता से एक अहम प्रश्न उठता है।
आगे पढ़ेंदेशभर के बैंककर्मी अपनी मांगों को लेकर सर्व हिन्द हड़ताल पर उतरे
5 अगस्त, 2011 को यूनाईटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन्स की अगुवाई में नौ यूनियनों ने प्रमुख मुद्दों व मांगों को लेकर सर्व-हिन्द हड़ताल की।
इस हड़ताल में सार्वजनिक क्षेत्र बैंक, विदेशी बैंक, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक और सहकारी बैंक के 10 लाख श्रमिक हड़ताल में उतरे। इस हड़ताल में पूरे देश के बैंक कर्मचारियों की एकता देखने को मिली है।
आगे पढ़ेंराजस्थान सरकार के खिलाफ़ हनुमानगढ़ में प्रदर्शन
27 जुलाई, 2011 को राजस्थान के जिला हनुमानगढ़ की भादरा पंचायत समिति में, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा सभा में अपनी सरकार का गुणगान करने पर, पत्रकार दीर्घा में बैठे लोक राज संगठन के सर्व-हिन्द उपाध्यक्ष हनुमान प्रसाद ने खड़े होकर, उन्हें बीच में टोकते हुए सड़क, बिजली और पानी की समस्याओं पर ध्यान दिलाया। पुलिस के बीच-बचाव में मुख्यमंत्री द्वारा मांगपत्र पर विचार करके समस्याओं के निराकरण के आश्
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