हिन्दोस्तान की कम्युनिस्ट ग़दर पार्टी यह मांग करती है कि फासीवादी सशस्त्र बल (विशेष अधिकार) अधिनियम (ए.एफ.एस.पी.ए.) को रद्द किया जाये।
ए.एफ.एस.पी.ए.
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आगे पढ़ेंमजदूर वर्ग और मेहनतकशों की हिमायत करने वाले अखबार और संगठन बतौर, हम मेहनतकशों के नेताओं से यह सवाल कर रहे हैं कि 20 वर्ष पहले शुरू किये गये सुधारों के परिणामों के बारे में मेहनतकश हिन्दोस्तान के क्या विचार हैं। क्या उन सुधारों से मजदूर वर्ग और मेहनतकश जनसमुदाय को फायदा हुआ है या नुकसान?
आगे पढ़ेंम.ए.ल.: क्या आप अपनी यूनियन के बारे में हमें बतायेंगे? पिछले 15-20 वर्षों में नौकरियों में नई भरती के बारे मे क्या अनुभव रहा है?
आगे पढ़ें16 अक्तूबर, 2011 को लोक राज समिति संजय कालोनी की अगुवाई में, पानी और शौच जैसे बुनियादी अधिकारों पर समिति द्वारा की गई कार्यवाहियों पर प्रकाश डालने के लिए, दक्षिणी दिल्ली के ओखला औद्योगिक क्षेत्र में स्थित संजय कालोनी में सार्वजनिक सभा आयोजित की गई।
आगे पढ़ें3 अक्तूबर, 2011 को सड़क परिवहन मजदूरों के राष्ट्रीय फेडरेशन, नेशनल फेडरेशन ऑफ रोड ट्रांसपोर्ट वर्कर्स (एन.एफ.आर.टी.डब्ल्यू.) ने अंतर्राष्ट्रीय संघर्ष दिवस मनाया, यह उनके महासचिव कामरेड एम.एल. यादव ने बताया। एन.एफ.आर.टी.डब्ल्यू. ट्रेड यूनियन इंटरनेशनल-ट्रांसपोर्ट से संबंधित है।
आगे पढ़ेंएशियन हार्ट इंस्टिट्यूट अस्पताल के प्रबंधन की बर्बरता से तंग आकर आखिरकार 250 से ज्यादा नर्सों ने बगावत कर ही दी। हड़ताल के तीसरे दिन 21 अक्तूबर को पुलिस ने उन पर लाठियां बरसाईं, जिसमें 4नर्सें घायल हुईं। अस्पताल का मैनेजमेंट जब उन्हें ट्रेनिंग पर रखता है तब उनसे 2 साल का बाँड लिखवा लेता है और साथ-साथ उनके सभी ओरिजिनल सर्टिफिकेट अपने पास रख लेता है। काम के हालात से परेशान कोई नर्स अगर काम छोड
आगे पढ़ेंयह बयान संयुक्त रूप से भारतीय रेल के इंजन चालकों के समर्थन में हिन्दोस्तान की कम्युनिस्ट ग़दर पार्टी सहित लोक राज संगठन, ऑल इंडिया लोको रनिंग स्टाफ एसोसिएशन, ऑल इंडिया रेलवे एम्प्लॉइज फेडरेषन, वेस्टर्न रेलवे मोटरमैन्स एसोसिएशन, एयर इंडिया एयरक्राफ्ट इंजीनियर्स एसोसिएशन, एयर इंडिया एम्प्लॉइज यूनियन, एयरपोर्ट अथारिटी ऑल इंडिया एम्प्लॉइज यूनियन, ऑल इंडिया सर्विस इंजीनियर्स एसोसिएशन, ऑल इंडिया व
आगे पढ़ेंअखबारों में छपी हाल की रिपोर्टों के अनुसार, किसी ठेकेदार ने 15 मजदूरों को ओडिसा से दक्षिण अफ्रीका भेजने का समझौता किया और अकुशल श्रमिकों को प्रति माह 15000 रुपये तथा अर्धकुशल श्रमिकों, जैसे बेलदार और प्लंबर, को प्रतिमाह 16000 रुपये देने का वादा किया। परंतु मजदूरों को युगांडा भेज दिया गया और वहां उन्हें अत्यधिक शोषण का सामना करना पड़ा।
आगे पढ़ें14 दिन के लंबे संघर्ष के उपरांत मारूती-सुजुकी इंप्लाइज यूनियन और उनके समर्थन में उतरी सुजुकी पावरट्रेन इंप्लाईज यूनियन तथा सुजुकी मोटरसाईकिल इंप्लाईज यूनियन के साथ, प्रबंधन को 20 अक्तूबर, 2011 को हरियाणा सरकार की मध्यस्थता में समझौता करना पड़ा।
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17 अक्तूबर, 2011 को मारूती-सुजुकी के मजदूरों के समर्थन में गुड़गांव स्थित नेहरू पार्क में एक विशाल रैली आयोजित की गई। गुड़गांव तथा मानेसर स्थित औद्योगिक क्षेत्र की कई कंपनियों के मजदूरों ने इस रैली में शामिल होकर केन्द्र और राज्य सरकार क