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गाज़ा में जनसंहार – मानवता के ख़िलाफ़ एक गंभीर अपराध!

अमरीकी साम्राज्यवाद और उसके सहयोगियों के समर्थन के साथ, इज़राइल द्वारा गाज़ा में लगातार जारी अपराधी हमलों की वजह से, वहां पर लोग तबाही, अकाल और मौत से जूझने के लिये मजबूर हैं।

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18वीं लोकसभा चुनाव :
मौजूदा व्यवस्था अति-धनवान अल्पसंख्यकों की क्रूर हुक्मशाही है

हिन्दोस्तान की कम्युनिस्ट ग़दर पार्टी की केंद्रीय समिति का बयान, 30 मार्च 2024


2024 के लोकसभा चुनावों की तारीख़ों की घोषणा के बाद, पूरे देश में लोगों पर हुक्मरान वर्ग की प्रतिस्पर्धी पार्टियों के झूठे प्रचार बरसाए जा रहे हैं।

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उत्तरी बंगाल के चाय बागानों के मज़दूर अपनी ज़मीन पर अधिकार की मांग कर रहे हैं

उत्तरी बंगाल में चाय बगानों के मज़दूर राज्य सरकार द्वारा उन्हें उनकी ज़मीन के अधिकार से वंचित करने के प्रयासों का विरोध कर रहे हैं। उनके संघर्ष के लिए समर्थन जुटाने के लिए ग्राम संसद की बैठकों का ज़ोरदार अभियान चलाया जा रहा है।

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जोमैटो डिलीवरी मज़दूर भेदभाव का कड़ा विरोध किया

डिलीवरी मज़दूरों की “रंग-कोडिंग” से उन्हें “भेदभाव का सामना करना पड़ सकता है और यहां तक कि अपने ख़िलाफ़ हिंसा के होने की संभावानाएं पैदा हो जायेंगी… मज़दूरों के बीच इस आधार पर भेदभाव नहीं किया जाना चाहिये कि वे किस प्रकार की डिलीवरी कर रहे हैं”।

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दिल्ली के होम गार्ड्स का आन्दोलन


दिल्ली के होम गार्ड्स इन दिनों अपनी नौकरियों को बचाने के लिए आन्दोलन कर रहे हैं। हाल में दिल्ली होम गार्ड महानिदेशालय द्वारा जारी की गयी एक अधिसूचना से होम गार्ड बहुत चिंतित हैं। यह अधिसूचना दिल्ली में 10,285 होम गार्डों की भर्तियों के लिये निकाली गयी है। ऑन-लाइन आवेदन देने की अंतिम तारीख 13 फरवरी थी और नयी भर्तियां 31 मार्च तक होनी हैं। मौजूदा होम गार्ड, जो संख्या में 8,624 हैं, को इस बात की शंका है कि इस बड़े पैमाने पर नयी भर्तियां किये जाने के बाद, उनकी अब तक चल रही नौकरियां ख़त्म हो जायेंगी।

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Kisan_mahapanchayat


दिल्ली में किसान-मज़दूर महापंचायत

मज़दूर एकता कमेटी के संवाददाता की रिपोर्ट


14 मार्च, 2024 को नई दिल्ली के रामलीला मैदान में संयुक्त किसान मोर्चा की अगुवाई में विशाल किसान-मज़दूर महापंचायत आयोजित की गई। अनुमान है कि इसमें 40 हजार से ज्यादा किसानों ने हिस्सा लिया।

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पूरे यूरोप में किसानों के शक्तिशाली विरोध प्रदर्शन

यूरोपीय आयोग लगातार किसानों को दी जाने वाली सब्सिडी में कटौती कर रहा है। ऊर्जा की बढ़ती लागत और बढ़ते ख़र्चों के साथ-साथ कृषि के लिए राज्य द्वारा दी जा रही सब्सिडी में कटौती, किसानों और कृषि मज़दूरों की आय को कम से कम कर रही है।

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फ़िलिस्तीनी लोगों के जनसंहार को उचित ठहराने के लिए झूठे प्रचारों की मुहिम

गाज़ा में जो कुछ चल रहा है, उसके बारे में सच्चाई को सामने लाने के लिए प्रतिबद्ध पत्रकारों द्वारा की गई जांच ने, फ़िलिस्तीनी मुक्ति सेनानियों के बारे में झूठ फैलाकर, फ़िलिस्तीनी लोगों के जनसंहार को उचित ठहराने की इज़रायल और अमरीकी साम्राज्यवादियों की पैशाचिक योजनाओं का पर्दाफ़ाश किया है।

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महाराष्ट्र में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस मनाया गया

8 मार्च, 2024 को भिवंडी जन संघर्ष समिति (बीजेएसएस) ने अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस मनाने के लिए एक सभा का आयोजन किया। … ठाणे में पुरोगामी महिला संगठन (पीएमएस), भारतीय महिला फेडरेशन (बीएमएफ), जमात-ए-इस्लामी हिंद, और फातिमा शेख स्टडी सर्कल (एफएसएससी, मुंब्रा) ने संयुक्त रूप से अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस मनाने के लिए एक सभा की। कार्यक्रम रविवार 10 मार्च को आयोजित किया गया था।

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गाज़ा जनसंहार में ब्रिटिश विश्वविद्यालयों की मिलीभगत के खि़लाफ़ प्रदर्शन

ब्रिटेन के छात्रों ने गाज़ा में हजारों फ़िलिस्तीनी लोगों को मारने के लिये जारी जनसंहार में  उनके विश्वविद्यालयों की भागीदारी पर ध्यान आकर्षित करने के लिए, हाल के हफ़्तों में, तीन विश्वविद्यालयों में क़ब्ज़ा किया। ”विश्वविद्यालय तत्काल युद्धविराम का आह्वान करें“, ”हथियार कंपनियों के साथ संबंध तोड़ दें“ और ”विस्थापित फ़िलिस्तीनी छात्रों को छात्रवृत्ति प्रदान करें“ – इन मांगों को लेकर, दक्षिण-पश्चिम इंग्लैंड में स्थित ब्रिस्टल विश्वविद्यालय के छात्रों ने शहर के केंद्र में विश्वविद्यालय एक प्रतिष्ठित भवन, विक्टोरिया रूम्स, पर क़ब्ज़ा किया था।

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