निजीकरण के साथ कोई समझौता नहीं!
10 वर्ष पहले फरवरी, 2000 को माडर्न फूड्स इंडिया लिमिटेड (एम.एफ.आई.एल.) के मजदूरों ने संसद सत्र के पहले ही दिन एक बहादुर प्रदर्षन आयोजित किया था। एम.एफ.आई.एल. के मजदूर सरकार द्वारा इस सार्वजनिक कंपनी को हिन्दुस्तान लीवर लिमिटेड (एच.एल.एल.) नामक निजी बहुराष्ट्रीय कंपनी के हाथों बेचने का विरोध कर रहे थे। एम.एफ.आई.एल.
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