संपादक महोदय,
मैंने मजदूर एकता लहर के 16-31 जनवरी के अंक में छपे लेख 'लोक पाल बिल पर संसदीय वाद-विवाद का नाटक' को पढ़ा। इस लेख में इस संसदीय व्यवस्था की सच्चाई को साफ-साफ बताया गया है। इस लेख को प्रकाशित करने के लिये मैं आपका धन्यवाद करता हूं।
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