पैरिस कम्यून की सालगिरह :
श्रमजीवी लोकतंत्र ही असली लोकतंत्र है

18 मार्च 2025, दुनिया में सर्वप्रथम श्रमजीवी लोकतंत्र के राज्य, 1871 के पेरिस कम्यून, की स्थापना की सालगिरह है।

पेरिस कम्यून दुनिया के श्रमजीवी वर्ग और उत्पीड़ित लोगों के लिए बहुत महत्व रखता है। उसने पूंजीवादी लोकतंत्र पर श्रमजीवी लोकतंत्र की श्रेष्ठता को अभ्यास में दर्शाया था। आज जब मज़दूर वर्ग और सभी शोषित लोग पूंजीवाद और पूंजीवादी लोकतंत्र की व्यवस्था के विकल्प के लिए प्रयास कर रहे हैं, तो पेरिस कम्यून के अनुभव में उनके लिए अनमोल सबक हैं।

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मणिपुर में जारी हिंसा के लिए केंद्र सरकार दोषी

मई 2023 में शुरू हुई सामुदायिक हिंसा का उद्देश्य, मणिपुर के लोगों की एकता को नष्ट करना है। इसका उद्देश्य लोगों के विभिन्न वर्गों को एक-दूसरे के खि़लाफ़ खड़ा करना और उन सभी को, उनके सांझा दुश्मन, जो कि हिन्दोस्तानी शासक वर्ग है, उसके खि़लाफ़ उनके सांझे संघर्ष से विचलित करना है।

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महाराष्ट्र में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस बड़े उत्साह के साथ मनाया गया

8 मार्च को भिवंडी जन संघर्ष समिति (बीजेएसएस) ने पुरोगामी महिला संगठन, ऑल इंडिया डेमोक्रेटिक विमेंस एसोसिएशन (एडवा), भारतीय महिला फेडरेशन (बीएमएफ़), एआईयूटीयूसी, हालात एकता फोरम और जमात-ए-इस्लामी हिंद गर्ल्स आर्गेनाईजेशन के प्रतिनिधियों के साथ मिलकर एक उत्साहपूर्ण बैठक आयोजित की।

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International Women’s Day 2025


अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर उत्साहपूर्ण समारोह

अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस, 8 मार्च, 2025, नई दिल्ली में एक दर्जन से अधिक महिला संगठनों द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित एक विशाल रैली में मनाया गया।

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KITU


काम की अमानवीय हालातों के खि़लाफ़ आईटी मज़दूरों का संघर्ष

सैकड़ों आईटी मज़दूर अपने भयंकर शोषण, काम के लंबे घंटों, असंभव कार्य लक्ष्यों और नौकरी की गंभीर असुरक्षा के ख़िलाफ़ आवाज़ उठाने के लिए इकट्ठा हुए।

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ट्रम्प शासन के जन-विरोधी क़दमों का अमरीका में व्यापक विरोध

अमरीका में ट्रम्प शासन द्वारा घोषित जन-विरोधी क़दमों का पूरे अमरीका में सभी क्षेत्रों के मेहनतकश लोगों द्वारा कड़ा विरोध किया जा रहा है। विभिन्न राष्ट्रीयताओं और सामाजिक तबकों के लोग, युवा और वृद्ध, सभी क्षेत्रों के लोग, चाहे वे किसी भी राजनीतिक संबद्धता से जुड़े हों, एकजुट होकर व्यापक विरोध करने के लिए आगे आ रहे हैं।

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एमएसपी की क़ानूनी गारंटी के लिए किसानों का आंदोलन जारी

पूरे देश में किसान सभी फ़सलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की क़ानूनी गारंटी के लिए अपना आंदोलन जारी रखे हुए हैं। इस आंदोलन के तहत उन्होंने अलग-अलग जिला मुख्यालयों पर ट्रैक्टर रैलियां निकालीं। केंद्र और राज्य सरकारों ने आंदोलनकारी किसानों पर पुलिसिया दमन का इस्तेमाल किया, ताकि उन्हें अपनी विरोध रैलियों को निकालने से रोका जा सके।

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केंद्रीय बजट 2025:
निजीकरण के कार्यक्रम को आगे बढ़ाना जारी

1 फरवरी को 2025-26 के लिए केंद्रीय बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बिजली और बीमा सहित कई क्षेत्रों में निजीकरण के कार्यक्रम के कार्यान्वयन को आगे बढ़ाने के उद्देश्य से कई नीतिगत घोषणाएं कीं।

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Nagpur_stage

‌बिजली क्षेत्र के मज़दूरों का राष्ट्रीय सम्मेलन:
निजीकरण का विरोध करने के लिए एक साहसिक कार्य योजना

कामगार एकता कमेटी के संवाददाता की रिपोर्ट

23 फरवरी, 2025 को नागपुर में आयोजित बिजली क्षेत्र के कर्मचारियों और इंजीनियरों की सभी यूनियनों और एसोसिएशनों के राष्ट्रीय अधिवेशन में, पूरे हिन्दोस्तान से उनके 250 से अधिक प्रतिनिधियों ने संयुक्त रूप से बिजली के निजीकरण के खि़लाफ़ लड़ने का दृढ़ संकल्प व्यक्त किया। यह अधिवेशन राष्ट्रीय विद्युत कर्मचारी और इंजीनियर समन्वय समिति (एनसीसीओईईई) की पहल पर आयोजित किया गया था, जो हिन्दोस्तान के बिजली क्षेत्र के अधिकांश मज़दूरों को एकजुट करने वाली एक छत्र संस्था है।

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गुजरात जनसंहार के 23 साल बाद:
हुक्मरानों के अपराधों को कभी भुलाया या माफ़ नहीं किया जाएगा!
गुनहगारों को सज़ा दिलाने का संघर्ष जारी रहेगा!

सभी ज़मीर वाले महिलाओं और पुरुषों को एक ऐसी नई व्यवस्था स्थापित करने के नज़रिए से इस संघर्ष में आगे आना होगा, जिस व्यवस्था में सभी के ज़मीर के अधिकार सहित सभी मानवाधिकारों की गारंटी सुनिश्चित की जा सके और इन अधिकारों का उल्लंघन करने वालों को कड़ी से कड़ी सज़ा दिलाने के लिए उपयुक्त तंत्र बनाए जाएं।

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