हिन्दोस्तान भर में मज़दूरों ने जोश के साथ मई दिवस मनाया

हिन्दोस्तान की कम्युनिस्ट ग़दर पार्टी के साथियों और समर्थकों ने 2011का मई दिवस दिल्ली स्थित पार्टी ऑफिस में जोशीले उत्साह के साथ मनाया। सुबह-सुबह जोशीले नारों के बीच पार्टी के एक साथी द्वारा लाल झंडा फहराने के साथ जश्न शुरू हुआ। पार्टी के मज़द

हिन्दोस्तान की कम्युनिस्ट ग़दर पार्टी के साथियों और समर्थकों ने 2011का मई दिवस दिल्ली स्थित पार्टी ऑफिस में जोशीले उत्साह के साथ मनाया। सुबह-सुबह जोशीले नारों के बीच पार्टी के एक साथी द्वारा लाल झंडा फहराने के साथ जश्न शुरू हुआ। पार्टी के मज़दूरों और कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुये हिन्दोस्तान की कम्युनिस्ट ग़दर पार्टी के एक वरिष्ठ साथी ने पार्टी के साथियों और समर्थकों को बुलावा दिया कि पूंजीवाद व उसकी रक्षा करने वाली राज्य व्यवस्था को उखाड़ फैंक कर, एक नये हिन्दोस्तान की रचना के लिये, जिसमें राजनीतिक सत्ता मज़दूर वर्ग के हाथ में होगी, इसके लिये मज़दूर वर्ग को एकजुट करने के काम को बिना थके जी-जान से करें। दूसरे साथियों ने इस बात पर ध्यान दिलाया कि कैसे समाज की सारी समस्याओं की जड़ वर्तमान पूंजीवादी व्यवस्था है और इस व्यवस्था का जल्द ही अंत करके समाजवाद और कम्युनिज्म को प्रस्थापित करने की जरूरत पर उन्होंने जोर दिया। मई दिवस की सच्ची भावना में, साथियों ने मज़दूरों और मेहनतकशों के क्रांतिकारी गीत गाये। कार्यक्रम का समापन इंटरनेशनल गीत के साथ किया गया।

पार्टी के साथियों और कार्यकर्ताओं ने बड़ी संख्या में दिल्ली के संयुक्त मई दिवस प्रदर्शन में हिस्सा लिया। यह प्रदर्शन रामलीला मैदान से शुरु हुआ और पुरानी दिल्ली के घनी आबादी वाले इलाकों से गुजर कर टाऊन हाॅल पर, एक रैली में, समाप्त हुआ। मज़दूरों ने, अपनी मांगों वाली तख्तियों और बैनरों के साथ, जोशीले नारे लगाये – “मज़दूर एकता जिन्दाबाद!”, “मई दिवस जिन्दाबाद!”, “देश की दौलत पैदा करने वालों को, देश का मालिक बनना होगा!”, “सर्वाधिक लूट-खसौट वाली पूंजीवादी व्यवस्था के खिलाफ एक हों!”, “मज़दूर वर्ग को शासक वर्ग बनने का संघर्ष करना होगा।”, “मज़दूरों पर सबतरफा हमला मुर्दाबाद!”, “निजीकरण, उदारीकरण और वैश्वीकरण मुर्दाबाद!”, आदि।

दिल्ली की मई दिवस रैली को मज़दूर एकता कमेटी, ए.आई.टी.यू.सी., ए.आई.सी.सी.टी.यू., ए.आई.यू.टी.यू.सी., सी.आई.टी.यू., एच.एम.एस., टी.यू.सी.सी., यू.टी.यू.सी., ए.आई.बी.ई.ए., ए.आई.आर.एफ., बी.ई.एफ.आई., जी.आई.ई.ए.आई.ए., एन.जेड.आई.ई.ए., एन.आर.एम.यू. तथा दूसरे संगठनों ने आयोजित किया था।

भाग लेने वाले संगठनों ने, श्रम कानूनों के खुल्लम-खुल्ला उल्लंघन, झटपट छंटनी, तालाबंदी, ठेका श्रम, सामाजिक सुरक्षा के कार्यक्रमों में कटौती, जैसे पूंजीपतियों के हमलों की निंदा की। उन्होंने सरकार की निजीकरण, उदारीकरण और वैश्वीकरण की नीति को धिक्कारा, जिससे मज़दूरों और किसानों का शोषण बढ़ता है और उन्हें बर्बादी और मुसीबतों का सामना करना पड़ता है। उन्होंने जरूरी वस्तुओं की जबरदस्त महंगाई पर काबू न पाने के लिये और सार्वजनिक वितरण प्रणाली का नाश करने के लिये सरकार की भत्र्सना की।

मज़दूर एकता कमेटी के कॉमरेड बिरजू नायक ने एयर इंडिया के विमान चालकों की बहादुर हड़ताल की सराहना की और ध्यान दिलाया कि, माडर्न फूड्स के जैसे, पहले के कुछ मामलों की तरह, कैसे सरकार नियोजित तौर पर राष्ट्रीय विमान सेवा के मालमत्ते को बरबाद कर रही है ताकि उसे सबसे ऊंची बोली लगाने वाली निजी कंपनी को सौंपने की तैयारी की जा सके। पूंजीवादी व्यवस्था और उसकी बहुपार्टी प्रतिनिधित्व लोकतंत्र की राजनीतिक प्रक्रिया का पर्दाफाश करते हुये उन्होंने पूंजीवाद को खत्म करके मज़दूरों, किसानों व दबे-कुचले लोगों के राज तथा समाजवाद बनाने के कार्यक्रम के इर्द-गिर्द एकता बनाने का मज़दूरों को आह्वान दिया।

हिन्दोस्तान की कम्युनिस्ट ग़दर पार्टी द्वारा निकाले गए मई दिवस के बयान की सैकड़ों प्रतियां रैली में मज़दूरों के बीच बांटी गयी, जिन्हें उन्होंने उत्साह से लिया और पढ़ा।

मुंबई में हजारों मज़दूरों ने मई दिवस के दादर से माटुंगा प्रदर्शन रैली में उत्साहपूर्वक भाग लिया। माटुंगा में एक जनसभा की गयी। रैली का आयोजन मिलजुल कर कामगार एकता चलवल, ए.आई.टी.यू.सी., सी.आई.टी.यू., एन.आर.एम.यू., वोल्टास एम्प्लोईज़ यूनियन, बोम्बे यूनिवर्सिटी एंड एंड कॉलेज  टीचर्स यूनियन, बी.एफ.आई. व अन्य संगठनों ने किया था।

रैली का संबोधन करते हुये कामगार एकता चलवल के वक्ता ने ध्यान दिलाया कि सभी बड़े घोटाले जो, हाल में सामने आये हैं, दिखाते हैं कि अपने देश में पूंजीपतियों का अधिनायकत्व स्थापित है।

सभी मेहनतकश लोगों के सामने मज़दूर वर्ग को अपना स्वतंत्र कार्यक्रम पेश करना चाहिये। इस कार्यक्रम का लक्ष्य है कि राजनीतिक सत्ता मज़दूर वर्ग के हाथों में हो, ताकि अर्थव्यवस्था को मेहनतकश लोगों के हित में चलाया जा सके। उन्होंने साफ किया कि दो ही कार्यक्रम संभव हैं – या तो कार्यक्रम पूंजीपतियों के हित में हो सकता है और या मेहनतकश लोगों के हित में। जो भी कार्यक्रम दोनों, पूंजीपति और मेहनतकश लोगों, के हितों की रक्षा करने का दावा करते हैं, वह मेहनतकश लोगों को उल्लू बनायेगा और वह सिर्फ पूंजीपतियों के हितों का ही रक्षण करेगा। उन्होंने मज़दूरों को बुलावा दिया कि उदारीकरण और निजीकरण के खिलाफ डटकर संघर्ष करें। उनके वक्तव्य का मज़दूरों ने बार-बार तालियों से स्वागत किया।

रैली के अंत में, एयर इंडिया के विमान चालकों के समर्थन में एक प्रस्ताव पारित किया गया। महाराष्ट्र राज्य बिजली बोर्ड के वितरण जाल को निजी हाथों में सौंपने के कदमों के विरोध में भी एक प्रस्ताव पारित किया गया।

चेन्नई में पार्टी के कार्यकर्ताओं  ने पार्टी के मई दिवस बयान को कारखानों के गेटों पर, आम जगहों और आवासीय इलाकों में बांटा। वहां साथियों ने मई दिवस की सभा और मानव श्रखंला बनाने के कार्यक्रम में भाग लिया। इनका आयोजन लोक राज संगठन, असंगठित मज़दूर फेडरेशन, निर्माण मज़दूर संगम, एन.ए,पी.एम., चेन्नई महानगरपालिका मज़दूर यूनियन, मछुयारा यूनियन और पेन्नूरीमई इयक्कम ने किया था। वक्ताओं ने मज़दूर वर्ग के मांगों को और मज़दूर वर्ग के द्वारा राजनीतिक सत्ता हासिल करने की अविलंब जरूरत पर बात की।

जैसे हम छपाई के लिये जा रहे हैं, देश के अलग-अलग जगहों से मई दिवस की रैलियों की ख़बरें आती जा रही हैं।

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