हमारे इलाके के देशों की संप्रभुता का घोर हनन करने के लिये अमरीका की कड़ी निन्दा करें!

बर्तानवी-अमरीकी सेना व खुफिया एजेंट दक्षिण एशिया से बाहर निकलो!

हिन्दोस्तान की कम्युनिस्ट ग़दर पार्टी की केन्द्रीय समिति का बयान, 5 मई, 2011

अमरीकी खुफिया दलों और सेनाओं द्वारा पाकिस्तान की धरती पर की गई सैनिक कार्यवाही, जिसमें समाचार सू़त्रों के अनुसार, ओसामा बिन लादेन को घेर कर मार डाला गया, यह हमारे पड़ौसी देश की संप्रभुता का घोर हनन है। पर बड़ी-बड़ी इजारेदार कंपनियों द्वारा नियंत्रित अंतर्राष्ट्रीय मीडिया यह हकीकत नहीं बता रही है कि ओसामा को तथाकथित मार गिराने वाली इस कार्यवाही के लगभग एक हफ्ते पहले से, पाकिस्तान में अमरीकी साम्राज्यवादियों द्वारा उस देश की संप्रभुता के हनन के खिलाफ़ जनसामूहिक विरोध बहुत ज्यादा बढ़ गया था।

बर्तानवी-अमरीकी सेना व खुफिया एजेंट दक्षिण एशिया से बाहर निकलो!

हिन्दोस्तान की कम्युनिस्ट ग़दर पार्टी की केन्द्रीय समिति का बयान, 5 मई, 2011

अमरीकी खुफिया दलों और सेनाओं द्वारा पाकिस्तान की धरती पर की गई सैनिक कार्यवाही, जिसमें समाचार सू़त्रों के अनुसार, ओसामा बिन लादेन को घेर कर मार डाला गया, यह हमारे पड़ौसी देश की संप्रभुता का घोर हनन है। पर बड़ी-बड़ी इजारेदार कंपनियों द्वारा नियंत्रित अंतर्राष्ट्रीय मीडिया यह हकीकत नहीं बता रही है कि ओसामा को तथाकथित मार गिराने वाली इस कार्यवाही के लगभग एक हफ्ते पहले से, पाकिस्तान में अमरीकी साम्राज्यवादियों द्वारा उस देश की संप्रभुता के हनन के खिलाफ़ जनसामूहिक विरोध बहुत ज्यादा बढ़ गया था।

समाचार सूत्रों से जाना जाता है कि 23 अप्रैल से पाकिस्तान के उत्तर पश्चिमी भाग में हजारों लोग प्रदर्शन करने लगे थे। वे उन जनजाति बहुल इलाकों में अमरीकी सेनाओं द्वारा किये जा रहे ड्रोन विमान हमलों को बंद करने की मांग कर रहे थे, जिनकी वजह से अनगिनत बेकसूर लोग मारे गये हैं। शनिवार की पूरी रात तथा अगले दिन तक प्रदर्शनकारियों ने खैबर पास को बंद करके रखा, जिसके अन्दर से अफगानिस्तान स्थित नाटो फौजों के लिये सप्लाई भेजी जाती है। जाना जाता है कि तहरीक-ए-इंसाफ नामक आन्दोलन के नेता असद कैसर ने कहा कि बहुत से इलाकों के लोग और राजनीतिक पार्टियों के नेता विरोध प्रदर्शन में भाग ले रहे हैं।

खबरों के अनुसार, पाकिस्तान क्रिकेट टीम के भूतपूर्व कप्तान एवं तहरीक-ए-इंसाफ के अगुवा कार्यकर्ता इमरान खान ने प्रदर्शन के पहले दिन हजारों लोगों को संबोधित करते हुये कहा कि “महिलाओं और बच्चों समेत बेकसूर लोगों को मार डालने वाले अमरीकी हमलों को रोकने में सरकार नाकामयाब रही है।” उसके अगले दिन कई आन्दोलनकारियों ने दोहराया कि अगर ड्रोन हमलों को फौरन न रोका गया तो नाटो सेनाओं की सप्लाइयों को बंद कर दिया जाएगा।

जब यह खबर मिली कि ओसामा बिन लादेन इस्लामाबाद के इतने पास छुपा था, तो कई प्रतिक्रियावादी और उग्रराष्ट्रवादी हिन्दोस्तानी नेता और विशेषज्ञ टी.वी. शो पर यह सवाल पूछने लगे कि “क्या यह पाकिस्तानी खुफिया संस्थान और सेना की जानकारी और सहमति के बिना संभव हो सकता था?”

पर यह सवाल भी पूछा जा सकता है कि “क्या यह अमरीकी प्रशासन की जानकारी और सहमति के बिना संभव हो सकता था?” शायद उन दोनों को ही इसकी जानकारी थी और उन्हें सिर्फ कार्यवाही शुरु करने के इशारे का इंतज़ार था।

लोगों को सतर्क रहना चाहिये और साम्राज्यवाद नियंत्रित मीडिया द्वारा फैलायी जा रही कहानियों पर यकीन नहीं करना चाहिये। झूठी मनगढ़ंत कहानियां फैलाना अमरीकी साम्राज्यवाद की पुरानी आदत है, जैसा कि उसने इराक के बारे में किया था। यह कहानी कि 11 सितंबर, 2001 के आतंकवादी हमले के पीछे ओसामा का हाथ था, यह अमरीकी प्रशासन द्वारा फैलायी गई कहानी है जिसके जरिये उन्होंने अफगानिस्तान पर हमले और कब्जे़ को जायज ठहराया था। इसी तरह, 1 मई को ओसामा के पकड़े और मारे जाने की कहानी को भी उन्होंने ही फैलाया है।

पूंजीवादी सरकारों द्वारा आतंकवादी गिरोहों का इस्तेमाल करके आपस में लड़ना और अपने-अपने देशों के लोगों के संघर्षों को कुचलना, यह कोई अपवाद नहीं बल्कि आम अभ्यास बन गया है। आतंकवादी गिरोहों को प्रश्रय देने वाले सिर्फ पाकिस्तानी प्रशासन और उनका खुफिया संस्थान आई-एस-आई-ही नहीं हैं। हिन्दोस्तानी सरकार और उसका खुफिया संस्थान रॉ (आर.ए.डब्ल्यू.) भी देश के अंदर तथा पड़ौसी देशों में ऐसा ही करते हैं। विश्व स्तर पर, आतंकवादी अपराधों को अंजाम देने में अमरीकी साम्राज्यवाद सबसे आगे है।

साम्राज्यवादी भू-राजनीति में आतंकवाद के प्रयोग को एक मनपसंद हथकंडे के रूप में, इस इलाके में दोनों महाशक्तियों अमरीकी साम्राज्यवाद और सोवियत सामाजिक साम्राज्यवाद ने शुरु किया। सोवियत सेना को अफगानिस्तान से निकालने के बाद, अमरीकी और ब्रिटिश साम्राज्यवादी और उनके खुफिया दल, सी.आई.ए.और एम.आई.5पश्चिम और दक्षिण एशिया में आतंकवादी गिरोहों के मुख्य निर्माता और प्रेरक बन गये। पूरी दुनिया पर अपनी दादागिरी जमाने के इरादे से उन्होंने इन आतंकवादी गिरोहों के जरिये अलग-अगल देशों की सरकारों को गिराने, जन आन्दोलनों में हस्तक्षेप करने और राष्ट्रों का विनाश करने का घिनावना काम किया।

पाकिस्तान में बढ़ती साम्राज्यवादी दादागिरी और दखलंदाजी के खिलाफ़ जनता का गुस्सा और विरोध तेज़ी से फैल रहा है। अनेक जनमतसंग्रहों से पता चलता है कि पाकिस्तान के अधिकतम लोग अमरीकी साम्राज्यवाद को पाकिस्तान का सबसे बड़ा खतरा और दुश्मन मानते हैं। प्रतिक्रियावादी साम्राज्यवादी प्रचार का मकसद है पाकिस्तानी लोगों के साम्राज्यवाद-विरोधी संघर्षों को “इस्लामी रूढ़ीवाद” बतौर पेश करना तथा उन्हें इस तरह बदनाम करना। इन परिस्थितियों में, सभी साम्राज्यवाद-विरोधी ताकतों को पाकिस्तानी लोगों का समर्थन करना चाहिये।

साम्राज्यवादी ताकतें यह प्रचार कर रही हैं कि “आतंकवाद पर जंग” को जीतने के लिये अमरीका को अफगानिस्तान और पाकिस्तान की धरती पर किसी को भी मार गिराने की छूट दी जानी चाहिये। इस शर्त को स्वीकार करने का मतलब है हमारे इलाके के हर देश की संप्रभुता को खो देना, विदेशी दखलंदाजी से मुक्त होकर अपने मामलों को हल करने के अपने अधिकार को खो देना।

आज दक्षिण एशिया के सभी लोग इस विषय पर बहुत चिंतित हैं कि नाटो सेनाओं ने, अमरीका की अगुवाई में, अफगानिस्तान पर कब्ज़ा कर रखा है तथा उस देश को नष्ट कर दिया है, कि अमरीकी सेना पाकिस्तान के खास इलाकों में नियमित तौर पर लोगों को मार गिरा रही है। यह मनगढ़ंत बहाना देकर, कि इराक में जनसंहार के हथियार हैं, अमरीकी साम्राज्यवाद और उसके मित्रों ने इराक पर भयंकर कब्ज़ाकारी जंग छेड़ा और उस देश को पूरी तरह तहस-नहस कर दिया।

साम्राज्यवादी हैवानों और उनके जनसंहार से हमारे इलाके को बचाने के लिये, सभी प्रकार की साम्राज्यवादी दखलंदाज़ी और हमले के खिलाफ़ दक्षिण एशिया के विभिन्न राष्ट्रों व लोगों की एकता अत्यावश्यक है।

हिन्दोस्तान की कम्युनिस्ट ग़दर पार्टी देश के सभी इंसाफ पसंद लोगों से आह्वान करती है कि अमरीकी साम्राज्यवाद द्वारा अपनी संप्रभुता के हनन के खिलाफ़ पाकिस्तान के लोगों के संघर्ष का पूरा समर्थन करें। हम सब मिलकर यह आवाज़ बुलंद करें कि दक्षिण एशिया के किसी भी देश के इलाके पर सैनिक कार्यवाही करने का अमरीका को कोई अधिकार नहीं है! एक पर हमला सभी पर हमला है! दक्षिण एशिया की धरती से सभी बर्तानवी-अमरीकी फौजों और खुफिया दलों को खदेड़ने के लिये हम मिलकर संघर्ष करें! 

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