15 दिसम्बर, 2008 को दुनियाभर के लोगों ने एक कभी न भुलाए जाने वाला नज़ारा देखा जब एक इराकी पत्रकार ने अमरीकी राष्ट्रपति जार्ज बुश पर जूते फेंके। कायरो स्थित सैटेलाइट टी.वी.
15 दिसम्बर, 2008 को दुनियाभर के लोगों ने एक कभी न भुलाए जाने वाला नज़ारा देखा जब एक इराकी पत्रकार ने अमरीकी राष्ट्रपति जार्ज बुश पर जूते फेंके। कायरो स्थित सैटेलाइट टी.वी. नेटवर्क अल-बगदादिया के साथ काम करने वाले 29 वर्ष के इस पत्रकार मुंतदर-अल-जैदी का यह कारनामा सभी अरब देशों में अमरीकी राज्य के प्रति गुस्से को दर्शाता है। अमरीका ने इराक पर कब्जा जमाया है और वहां लाखों लोगों के कत्लेआम के लिए जिम्मेदार है।
जैदी ने पहला जूता फेंकते हुए चिल्लाया – ''यह तोहफा इराक के लोगों की ओर से है, कुत्तो!'' दूसरा जूता फेंकते हुए वह चिल्लाया – ''यह जूता विधवाओं और अनाथों और उन सभी की तरफ से है जो इराक में मारे गये!'' उसके यह दो बयान बहुत ही थोड़े शब्दों में इराक के अधिकतम लोगों की भावनाओं को दर्शाते हैं जिन्होंने अपने देश, परिवार और अपने समाज को अमरीकी कब्जाकारियों के हाथों बर्बाद होते देखा है। इराक के लोगों ने एक पल के लिए भी यह नहीं स्वीकार किया है कि अमरीकी हस्तक्षेप से उनके देश में शांति और सुरक्षा आयेगी। साम्राज्यवादी चाहे जितना भी झूठा प्रचार करें, परन्तु इराक की जनता प्रतिदिन वहां अमरीकी कब्जे की हकीकत को भुगत रही है।
मार्च 2003 से, जब से अमरीका ने इराक द्वारा जनसंहार के हथियार छुपाये जाने का झूठा बहाना बनाकर इराक पर हमला किया, तब से अमरीकी कब्जे का विरोध इराक में लगातार बढ़ता ही जा रहा है और इसके चलते कई बार अमरीकी सैनिक टुकड़ियों और छावनियों पर हमले होते रहे हैं। ऐसे वक्त पर जब अमरीकी साम्राज्यवादी मुखिया जार्ज बुश और इराक की कठपुतली सरकार के प्रधानमंत्री प्रेस कांफ्रेंस में यह दावा कर रहे थे कि इराक पर अमरीकी हमले से देश में शांति की स्थापना हुई है और ''नौजवानों के लिए एक उज्जवल भविष्य है'', उसी वक्त अल जैदी ने उन पर जूता फेंककर उनके इस बडे झूठ को चुनौती दी है। यह एक इराकी नौजवान का बहादुरी भरा कारनामा था जो साम्राज्यवादियों के झूठ को बर्दाश्त नहीं कर सकता था और यह नहीं भूल सकता था कि अमरीकी आक्रमण के चलते हजारों-लाखों बेगुनाह इराकियों ने अपनी जान गंवाई है। इसमें कोई आश्चर्य की बात नहीं है कि उसके इस कारनामे की इराक, सीरिया, लेबनान, सऊदी-अरब, लिबिया और दुनियाभर में लोगों ने तारीफ की और उसका समर्थन किया। दुनियाभर में इराकी लोगों और तमाम साम्राज्यवाद विरोधी लोगों ने उसके गिरफ्तार किये जाने के खिलाफ़ जुलूस निकाले।
कुछ लोग इस कारनामें का यह कहकर विरोध कर रहे हैं कि यह इराक की परंपरा पर धब्बा है, जिसके मुताबिक मेहमान की इज्ज़त की जानी चाहिये। उन्हें यह याद दिलाना होगा कि बुश कोई मेहमान नहीं है। जार्ज बुश अमरीकी राज्य का प्रतिनिधित्व करता है जिसने इराक पर हमला किया और लोगों के प्रतिरोध के बावजूद उनकी मर्जी के खिलाफ़ इराक पर कब्जा जमाया हुआ है। उसका इराक में कोई स्वागत नहीं करने वाला था, इसलिये उसे इराक में छुपकर आना पड़ा। यदि बुश का दावा कि अमरीकी आक्रमण से इराक में शांति आई, सही है तो फिर क्यों हर रोज सैकड़ों बेगुनाह इराकी मारे जा रहे हैं? क्यों पूरा देश एक युध्द भूमि में तब्दील हो गया है? इसका जवाब यह है कि जब तक इराक से साम्राज्यवादी चले नहीं जाते तब तक इराक में शांति नहीं हो सकती। जैदी की यही पुकार थी जब उसने जार्ज बुश पर अपना जूता फेंका!