सामाजिक परिवर्तन के लिये नौजवानों का रंगारंग मेला

अपने देश के स्कूल व कॉलेज के छात्र-छात्रायें सामाजिक परिवर्तन के लिये एक बड़ी ताकत हैं। वे अपनी समस्याओं के साथ-साथ समाज की समस्याओं के स्थायी समाधान के लिये आतुर रहते हैं। पढ़े-लिखे मज़दूर वर्ग नौजवानों के इस सामर्थ्य से पूंजीपतियों को डर लगता है। पूंजीपतियों की पूरी कोशिश रहती है कि समाज की समस्याओं की जड़ों के बारे में, अलग-अलग तरह से, नौजवानों को संभ्रमित व दिशाहीन रखें। सभी समस्याओं के लिये

अपने देश के स्कूल व कॉलेज के छात्र-छात्रायें सामाजिक परिवर्तन के लिये एक बड़ी ताकत हैं। वे अपनी समस्याओं के साथ-साथ समाज की समस्याओं के स्थायी समाधान के लिये आतुर रहते हैं। पढ़े-लिखे मज़दूर वर्ग नौजवानों के इस सामर्थ्य से पूंजीपतियों को डर लगता है। पूंजीपतियों की पूरी कोशिश रहती है कि समाज की समस्याओं की जड़ों के बारे में, अलग-अलग तरह से, नौजवानों को संभ्रमित व दिशाहीन रखें। सभी समस्याओं के लिये, चाहे वह बेरोज़गारी की समस्या हो या आतंकवाद की, नौजवानों पर प्रचार की बमबारी की जाती है कि इन समस्याओं के लिये मेहनतकश लोगों का ही एक हिस्सा जिम्मेदार है जबकि पूंजीपति और उनकी राज्यव्यवस्था दोषमुक्त हैं।

इन परिस्थितिओं में यह बेहद अहम और जरूरी काम है कि नौजवानों को खुद को संगठित होने और अपने व सभी दबे कुचले लोगों के उज्ज्वल भविष्य की राह के बारे में सचेत होने के लिये परिस्थिति तैयार की जाये। लोक राज संगठन की उल्हासनगर समिति द्वारा लगातार दूसरे वर्ष आयोजित किये गये नौजवानों के मेले (यूथ फेस्टिवल-2008) जिसमें सैकड़ों नौजवान शामिल थे, का यही उद्देश्य था। यह मेला उल्हासनगर स्थित सी.एच.एम. कॉलेज परिसर में  27-28 दिसम्बर 2008 को किया गया और इसका शीर्षक था – परिवर्तन: समाज बदलने के लिये नौजवान! इस रंगारंग कार्यक्रम में नौजवानों को सताने वाली समाज की अनेक समस्याओं पर कार्यशालायें भी थी, जैसे कि आतंकवाद, बेरोजगारी व आर्थिक मंदी, आदि।

मेले में एक दृढ़ता और आत्मविश्वास का वातावरण था कि नौजवान कुछ भी कर सकते हैं, अगर वे मन में ठान लें तो। मेले में लगे स्टालों में अनेक नौजवान, व्यक्तिगत तौर पर और समूहों में, लगी प्रदर्शनियों को देख रहे थे और संगठन के कार्यकर्ताओं से आज की परिस्थिति पर चर्चायें कर रहे थे। कुछ नौजवानों ने तुरंत लोक राज संगठन की सदस्यता लेकर 'परिवर्तन' के कार्य में जुटने का भी निर्णय लिया। अन्य स्टालों में पोस्टरों की प्रदर्शनियां थी जैसे कि 'सामाजिक समस्यायें', 'बेरोजगारी के कारण', 'अंग्रेजी शासन में हिन्दोस्तान की बर्बादी' तथा 'ग़दर जारी है' पत्रिका, आदि।

नौजवानों ने बड़ी संख्या में कार्यशालाओं में भाग लिया। 'आतंकवाद' पर कार्यशाला के दौरान हॉल खचाखच भरा था। इसको संचालित करने वाले साथियों ने ऐसे तथ्य सामने रखे जिनसे नौजवान सोचने पर बाध्य हुये कि आतंकवाद के पीछे किसका हाथ है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि आंतकवाद के लिये जिम्मेदार वे ही हो सकते हैं जिनका इससे मकसद पूरा होता है और आतंकवाद को खत्म करने में अमरीकी साम्राज्यवाद की कोई सकारात्मक भूमिका हो ही नहीं सकती है, बल्कि इसकी दखलंदाजी से दक्षिण एशिया के सब लोगों की बर्बादी ही सुनिश्चित होगी।

सैकड़ों नौजवानों ने प्रतियोगिताओं में जमकर हिस्सा लिया तथा सबसे अच्छे गीतोंव नृत्यों को, मेले के अंतिम समारोह में, दोबारा अपने हुनर को लोगों के सामने पेश करने का मौका मिला। पूरा मेला 'मैत्री पहले, स्पर्धा बाद में' की भावना से लिप्त था। अंतिम सामारोह में, लोक राज संगठन की एक आडियो-विजुवल प्रस्तुति थी जिसमें आज के संदर्भ में लोगों के हाथ में सत्ता लाने की जरूरत की पुष्टि की गयी। इसमें दिखाया गया कि हिन्दोस्तान एक नहीं बल्कि दो है – एक तरफ वे मुट्ठीभर पूंजीपति, जिनके हित में राज्य व्यवस्था काम करती है और जिसकी गिनती दुनिया के सबसे अमीरों में होने लगी है तथा दूसरी तरफ, आम लोग जिनका शोषण बढ़ रहा है और जिनकी ज़िन्दगी बद से बदतर होती जा रही है। इस परिस्थिति को बदलने के लिये जरूरी है कि लोग अपने-अपने कार्यस्थलों पर और मोहल्लों तथा गांवों में अपनी लोक राज समितियां बनायें। पुणे तथा दिल्ली से आये लोक राज संगठन के सदस्यों ने अपने वक्तव्य रखे, जिनमें आतंकवाद के बहाने दक्षिण एशिया में जंगखोरी तथा हिन्दोस्तानी सरकार द्वारा अमरीकी साम्राज्यवाद जैसी बदनाम ताकत के साथ नजदीकी के रिश्ते बनाने के प्रयासों का धिक्कार किया गया। साथ ही, हाल में हुये दिल्ली विधान सभा चुनाव में लोक राज संगठन द्वारा एक नयी राजनीतिक प्रक्रिया की रूपरेखा पेश करने के अनुभव को प्रस्तुत किया गया। पुरस्कार वितरण सामारोह में सी.एच.एम. कॉलेज के साथ-साथ अन्य स्थानीय कॉलेज के प्राध्यापकों के कर-कमलों से पुरस्कार बांटे गये। अंत में 'ये देश है वीर जवानों का …' के गाने पर नौजवान मंच पर थिरकते नज़र आये।

नई पीढ़ी को आज की समस्याओं के प्रति सचेत करने वाले ऐसे मेले को आयोजित करने के लिये मज़दूर एकता लहर, लोक राज संगठन को बधाई देता है।

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