28 नवंबर, 2016 को मुंबई के रोजी चर्चगेट रेलवे स्टेशन पर मोदी सरकार के द्वारा की गई नोटबंदी के खिलाफ़ आक्रोश प्रदर्शन आयोजित किया गया। इस प्रदर्शन में कई कम्युनिस्ट पार्टियों के 400 से भी ज्यादा कार्यकर्ता शामिल हुये। इसमें भाकपा, माकपा, कम्युनिस्ट ग़दर पार्टी, एस.यू.सी.आई. (कम्युनिस्ट), रिपब्लिकन पार्टी, समता विद्यार्थी आघाड़ी, लाल निशाण पक्ष तथा शेतकरी कामगार पक्ष शामिल हुए। नोटबंदी से होने वाली तकलीफों के लिये जिम्मेदार मोदी सरकार के विरोध में लाल झंडे और बैनर लेकर लोगों ने गुस्से से नारेबाज़ी की।
वक्ताओं ने कहा कि नोटबंदी यानी आम जनता को गुमराह करने के लिये, पूंजीपतियों का काला धन बढ़ाने के लिये और पूंजीपतियों के काले धन को सफेद करने के लिये यह साज़िश मोदी सरकार कर रही है। कालेधन से ही इलेक्शन जीतने वाली मोदी सरकार जनता को बता रही है कि नोटबंदी करके कालाधन खत्म करना है।
वक्ताओं ने बताया कि यह प्रचार किया जा रहा है कि इस मुहिम में जो साथ देगा वह देशभक्त है और जो इसका विरोध करेगा वह देशद्रोही है। नोटबंदी की वजह से किसानों की फसल के दाम गिर गये हैं। इसकी वजह से किसान खेती के लिये खाद व बीज, आदि ज़रूरी चीजें नहीं खरीद पा रहे हैं। यह सब बडे़ पूंजीपतियों के कर्जे़ माफ करने के लिये किया जा रहा है।
सरकार को पहले पूंजीपतियों के द्वारा लिया गया कर्ज़ा वसूलना चाहिये, नोटबंदी का निर्णय बाद में लेना चाहिये, यह मांग लेकर यह विरोध प्रदर्शन आयोजित किया गया था।