20 नवम्बर, 2024 को किसानों ने अपनी मांगों को लेकर अखिल भारतीय किसान सभा की अगुवाई में राजस्थान के जिला हनुमानगढ़ के नोहर उपखंड अधिकारी को ज्ञापन देकर आन्दोलन की शुरूआत की।
विभिन्न गांव–गांव से आये किसानों के प्रतिनिधि नोहर अनाज मंडी में एकत्रित हुये। वहां पर सभा का आयोजन किया गया। सभा के बाद सभी किसान जुलूस में अपनी मांगों को लेकर नारेबाजी करते हुए उपखंड कार्यालय पहुंचे और उपखंड अधिकारी को नौ–सूत्री मांग पत्र सौंपा।
किसानों की मांगों में शामिल हैं – नोहर फीडर में 332 क्यूसेक पूरा पानी दिया जाए। नेहराना हेड से फेफाना तक नहर का पुनःनिर्माण किया जाये। हरियाणा में पानी चोरी रोकने के लिए राजस्थान पुलिस की गश्त लगाई जाये। हरियाणा में चल रहे अवैध मोघों पर रोक लगाई जाए। खालों का पुनःनिर्माण किया जाए। इलेक्ट्रोनिक गेज लगाया जाए। नई नहर के निर्माण में सीपी 4 हेड राजस्थान की सीमा में बनाया जाये। सीपी 5 से राजस्थान के हिस्से के पानी को अनुपात में चलाया जाये। एस.सी.का चार्ज नोहर में रखा जाए।
विदित रहे कि नोहर फीडर के किसान अपनी उपरोक्त मांगों के लिये पिछले 20 सालों से लगातार संघर्ष करते आ रहे हैं। इस बार किसान आर पार की लड़ाई लड़ने की तैयारी कर रहे हैं।
उन्होंने प्रशासन को चेतावनी दी कि 11 दिसंबर को भादरा मोड़ पर किसान महापंचायत करेंगे। सभी किसान प्रतिनिधियों ने किसान महापंचायत में हजारों किसानों को शामिल करने की शपथ ली।
सभा को संबोधित करते हुये किसानों के प्रतिनिधियों और नेताओं ने नोहर फीडर की समस्याओं पर गुस्सा प्रकट किया और उन्होंने ज़िम्मेदार अधिकारियों व सरकार की किसान–विरोधी रुख़ पर कड़ी नाराजगी जाहिर की।
सभा को संबोधित करते हुए वक्ताओं ने बताया कि नोहर फीडर, जिसका सिंचाई पानी 332 क्यूसेक व 45 क्यूसेक पेयजल है, उसमें मात्र 125 क्यूसेक पानी चल रहा है। यह किसानों के साथ सरासर अन्याय है।
वक्तओं ने ऐलान किया अब रावला घड़साना की तरह आर–पार की लड़ाई लड़ेंगे और मांगों को मनवाकर ही दम लेंगे। इसके लिए किसानों को एकजुट कर संघर्ष का प्रण लिया गया। सभा में शामिल किसानों ने भी हाथ उठाकर संघर्ष का ऐलान कर समर्थन किया। इसके लिए गांव–गांव में कमेटियां बनाकर किसानों को एकजुट किया जायेगा।
वक्ताओं ने कहाकि जनता के चुने गए प्रतिनिधि किसानों को गुमराह करते आ रहे हैंै। यहां के किसानों को सिंचाई की पानी की कमी की समस्या से जूझना पड़ता है। इसके समाधान के लिए जनप्रतिनिधि आगे नहीं आते हैं। बेशक, इस समस्या को हल करने के नाम पर जनप्रतिनिधि बन जाते हैं।
सभा को संबोधित करने वालों में शामिल थे – किसानसभा के मंगेज चैधरी, लोक राज संगठन के सर्वहिन्द उपाध्यक्ष कामरेड हनुमान प्रसाद शर्मा, मज़दूर नेता कामरेड रिद्धकरण कस्वां, बसंत बेनीवाल, पंचायत समिति सदस्य राजेश डूडी, भाला राम स्वामी, पवन देहडू, आदि।