चाय बाग़ान मज़दूरों का संघर्ष

मज़दूर एकता कमेटी के संवाददाता की रिपोर्ट

हिल प्लांटेशनस् इंम्पलाईज़ यूनियन की अगुवाई में दार्जिलिंग क्षेत्र के चाय बाग़ान मज़दूरों का रिले अनशन 8 अक्तूबर से जारी है। चाय बाग़ान मज़दूर बोनस की न्यायसंगत मांग को लेकर जुझारू संघर्ष कर रहे हैं। हर दिन मज़दूरों का नया समूह भूख हड़ताल पर बैठ रहा है। पूरे संघर्ष और अनशन में महिला मज़दूरों की भागीदारी ज़ोरदार और जुझारू है।

Darjeeling_Tea_workersगौरतलब है कि इससे कुछ दिनों पूर्व चाय बाग़ान मालिक के अत्याचार व लूट के खि़लाफ़ दार्जिलिंग स्थित लॉन्गव्यू चाय बाग़ान के श्रमिक-कर्मचारियों ने महत्वपूर्ण संघर्ष के माध्यम से प्राथमिक जीत हासिल की थी।

इस जीत में हासिल किये गये मुख्य मुद्दे हैं – वर्तमान वेतन का नियमित भुगतान; पीएफ पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित कमेटी के निर्देशों का पालन करना; पीएफ पर अतिरिक्त श्रम आयुक्त हस्तक्षेप करेंगे; 58़ आयु वर्ग के कर्मचारियों की पीएफ-राशि कटौती बंद होगी; बाग़ान के सुचारू संचालन पर सभी पक्षों द्वारा सहमति; कर्मचारी-वेतन, श्रमिक-मज़दूरी, पिछले वर्ष के बोनस का बकाया, पुरानी दो बार वेतन वृद्धि का बकाया और सेवानिवृत्त लोगों की ग्रेच्युटी का कुल बकाया, जो लगभग 2 करोड़ तक पहुंच गया है, देने होंगे, आदि।

इसी बीच चाय बाग़ान में बोनस भुगतान की मनमानी के विरोध में पहाड़ और तराई के सभी चाय बाग़ान मज़दूर आंदोलन की राह पर निकल पड़े हैं।

उल्लेखनीय है कि पूरे पश्चिम बंगाल सहित दार्जिलिंग क्षेत्र के चाय बाग़ान मज़दूरों को भी दुर्गा पूजा से पहले बोनस का भुगतान होता है। बेहद कम वेतन में गुजारा करने वाले चाय बाग़ान मज़दूरों के लिए यह बोनस अहम होता है। लेकिन हर बार मालिक इसमें बेईमानी करते हैं और मज़दूरों को संघर्ष करने के बाद ही उन्हें अपना हक़ मिलता है।

इस बार मालिक सत्ता के संरक्षण में और भी खुली बेईमानी पर उतारू हो गए हैं। 20 फीसदी बोनस की मांग को ठुकराकर वे न्यूनतम बोनस भी देने को तैयार नहीं थे। इसके बाद मज़दूरों ने संघर्ष की राह चुनी।

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