मजदूर एकता कमेटी के संवाददाता की रिपोर्ट
इन दिनों पंजाब में धान की खरीदी की मांग को लेकर किसान आंदोलित हैं। भारतीय किसान यूनियन एकता उग्राहां की अगुवाई में 17 अक्तूबर, 2024 को पंजाब के अलग-अलग जिलों में सड़कों पर पक्का मोर्चा लगाकर टोल फ्री किया गया। पंजाब और केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी की गई।
किसानों ने हाइवे पर धरना देकर, अबोहर में श्री गंगानगर रोड पर बने गिदडांवाली टोल प्लाजा, लुधियाना में चैकीमान टोल प्लाजा, मुक्तसर में लंबी मलोट हाईवे पर अबुलखुराना टोल प्लाजा आदि को फ्री कर दिया है। इसके साथ ही 18 अक्तूबर से भाजपा के नेताओं सहित आम आदमी पार्टी सरकार के विधायकों, सांसदों और मंत्रियों के घरों के सामने पक्के मोर्चे लगाने की घोषणा की गई है।
विदित है कि मंडियों में धान की खरीदी बेहाल है। खरीद के प्रबंध अधूरे साबित हो रहे हैं। किसान मंडियों में 17 दिनों से परेशान हो रहे हैं, जबकि खरीद 1 अक्तूबर से शुरू होनी थी।
किसानों की मांग है कि पंजाब और केन्द्र सरकार मंडियों में पड़ी फसल को एमएसपी रेट पर खरीदे। इसके अलावा, सरकार की सिफारिश अनुसार, किसानों द्वारा बुआई की गई धान की फसल पीनार 126 और पूसा 144 के कम उत्पादन तथा एमएसपी से कम मिले दाम की पूर्ति सरकार करे। धान की नमी की सीमा कम से कम 22 प्रतिशत की जाए। पराली जलाए बिना उसका निपटारा करने के लिए किसानों को 200 रुपए प्रति क्विंटल दिया जाए।
लुधियाना में चैकीमान टोल प्लाजा पर धरना दे रहे किसानों का कहना है कि सरकार जानबूझकर किसानों को परेशान कर रही है। किसान मंडियों में धान लेकर बैठे हैं। लेकिन धान अभी तक उठाया नहीं जा रहा है।
किसान नेताओं का कहना है कि अगर जल्द ही किसानों की समस्या का समाधान नहीं हुआ तो किसान हाईवे को अनिश्चित काल के लिए जाम करेंगे।