दुनियाभर के कलाकार, बुद्धिजीवी, राजनीतिक नेता, जन आंदोलन, ट्रेड यूनियन और राजनीतिक दल एक ऐतिहासिक अभियान में साथ आए हैं। उन्होंने मांग की है कि अमरीकी राष्ट्रपति जो बाइडन क्यूबा को आतंकवाद के तथाकथित प्रायोजक राज्य की अपने देश की सूची से हटा दें।
इस अभियान को आयोजित करने वाले संगठन इंटरनेशनल पीपुल्स असेंबली (आईपीए), एएलबीए मोविमिएंटोस, फोरो डी साओ पाउलो, ट्रेड यूनियन कन्फेडरेशन ऑफ द अमेरिकाज, जोर्नडा कॉन्टिनेंटल पोर ला डेमोक्रेशिया वाई कॉन्ट्रा एल नियोलिबरलिस्मो, वर्ल्ड मार्च ऑफ विमेन, कॉन्टिनेंटल लैटिन अमरीकन तथा क्यूबा के साथ एकजुटता में कैरेबियन नेटवर्क और ला विया कैम्पेसिना भी हैं। इस अभियान के आयोजकों ने क्यूबा को आतंकवाद के प्रायोजक राज्यों की सूची से हटाने की मांग की करते हुए, अमरीकी राष्ट्रपति के नाम से एक पत्र लिखा है और उस पत्र पर दस लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर इकट्ठा करने के लिए काम कर रहे हैं। योजना यह है कि इस पत्र को 10 दिसंबर, 2023 को अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार दिवस के मौके पर राष्ट्रपति बाइडन को दिया जाये।
पत्र में कहा गया है कि क्यूबा को इस सूची में शामिल करने से, “क्यूबा के लिए अंतरराष्ट्रीय बैंकिंग प्रणालियों का उपयोग करके लेनदेन करने और अंतरराष्ट्रीय बाज़ार में ईंधन, भोजन, निर्माण आपूर्ति, स्वच्छता उत्पाद और दवा जैसे आवश्यक सामान प्राप्त करना बहुत कठिन हो गया है।”
जिन जाने-माने व्यक्तियों ने अभियान पत्र पर पहले ही हस्ताक्षर कर दिए हैं। उनमें शामिल हैं प्रसिद्ध ब्राजीलियाई संगीतकार चिको बुर्के सहित मैक्सिकन मुरैना पार्टी के सीनेटर और महासचिव सिटाल्ली हर्नांडेज; बेल्जियम वर्कर्स पार्टी के अध्यक्षय पीटर मर्टेंस; विद्वान और महिला अधिकार कार्यकर्ता जूडिथ बटलर; पूर्व कोलंबियाई राष्ट्रपति अर्नेस्टो सैम्पर; और बोलीविया के पूर्व राष्ट्रपति इवो मोरालेस शामिल हैं।
यह विदित है कि अमरीकी विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ ने 11 जनवरी, 2021 को घोषणा की थी कि “राज्य विभाग ने क्यूबा को आतंकवाद के प्रायोजक के रूप में नामित किया है”। क्यूबा के साथ ऐसा इसलिये किया गया है क्योंकि वेनेजुएला की उचित तरीके़ से चुनी गई सरकार को गिराने और उस देश के ख़िलाफ़ व्यापार के बहिष्कार को लागू करने के अमरीका के प्रयासों का क्यूबा ने विरोध किया था।। अमरीका ने क्यूबा पर “आतंकवादियों को सुरक्षित आश्रय देने में अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद की कार्यवाहियों को समर्थन प्रदान करने” का आरोप लगाया।
आंतकवाद के प्रायोजक के नाम पर अमरीका ने क्यूबा पर नए प्रतिबंध लगाए हैं, जिनमें शामिल है, अमरीका से क्यूबा की यात्रा और दोनों देशों के बीच धन के हस्तांतरण पर प्रतिबंध, जिसकी वजह से क्यूबा के कई परिवार प्रभावित हुए हैं, जिनके रिश्तेदार अमरीका में रहते हैं।
क्यूबा में 1959 में हुई क्रांति की जीत ने अपने देश से अमरीका समर्थित सत्ता को उखाड़ फेंका था। तब से अमरीका ने क्यूबा के साथ समान संबंध स्थापित करने से इनकार किया है। उसने क्यूबा के लोगों की संप्रभुता और अपनी पसंद की सामाजिक, राजनीतिक और आर्थिक व्यवस्था अपनाने के उनके अधिकार का सम्मान करने से इनकार किया है। अमरीकी साम्राज्यवादी राज्य ने क्यूबा के लोगों के ख़िलाफ़ लगातार आर्थिक और सैनिक हमले किए हैं, जिनमें शामिल हैं हस्तक्षेप करना, क्यूबा के नेताओं की हत्या करने के प्रयास, नागरिकों के ख़िलाफ़ आतंकवादी हमले, आर्थिक प्रतिबंध लगाना और व्यवस्थित रूप से आर्थिक तोड़फोड़।
अमरीकी राज्य ने क्यूबा के ख़िलाफ़ अपनी आर्थिक नाकेबंदी और नीतियों के ज़रिए, क्यूबा की अर्थव्यवस्था को भारी नुक़सान पहुंचाया है। अन्य बातों के अलावा, गंभीर रूप से बीमार लोगों के लिए जीवन रक्षक दवाओं और चिकित्सा उपकरणों को देने से इनकार करने के लिए भी अमरीका ज़िम्मेदार है।
जबकि दूसरी ओर, पूरी दुनिया क्यूबा के डॉक्टरों और स्वास्थ्य कर्मियों के वीरतापूर्ण प्रयासों की गवाह है। जिन्होंने 2020 में कोविड-19 महामारी सहित प्राकृतिक आपदाओं, भूकंप और महामारी आदि के संकट का सामना कर रहे, अन्य देशों में जाकर लोगों की सहायता की है।
अमरीका दुनिया का सबसे प्रमुख आतंकवादी देश है। जिन देशों ने अमरीकी साम्राज्यवाद की लाइन के अनुसार चलने से इनकार किया है, उसने उन देशों के ख़िलाफ़ क्रूर हस्तक्षेप के साथ-साथ सशस्त्र हमला और क़ब्ज़ा किया है, उनके बारे में झूठ फैलाया है और उन्हें बदनाम किया है। अमरीकी राज्य ने क्यूबा के अलावा, ईरान, उत्तर कोरिया और सीरिया को “आतंकवाद के प्रायोजक” के रूप में बदनाम किया है। दुनियाभर में होने वाले विरोध के बावजूद, अमरीका ने क्यूबा के ख़िलाफ़ अपनी नाकेबंदी और प्रतिबंध जारी रखे हैं, जो स्पष्ट रूप से “लोकतंत्र” और “मानवाधिकार” और “नियम-आधारित आदेश” के रक्षक होने का दावा करने के उसके ढोंग का पर्दाफाश करता है।
क्यूबा के लोगों को अपनी पसंद की आर्थिक और राजनीतिक व्यवस्था अपनाने का पूरा अधिकार है। इससे किसी दूसरे देश के लोगों को कोई नुक़सान नहीं पहुंचता है। क्यूबा ने अन्य देशों के ख़िलाफ़ अमरीकी साम्राज्यवाद की हमलावर गतिविधियों का निडरतापूर्वक विरोध किया है।
गौरवशाली और बहादुर क्यूबाई लोगों के ख़िलाफ़ अमरीकी साम्राज्यवादियों द्वारा की गई अन्यायपूर्ण नाकाबंदी, प्रतिबंध और अन्य शत्रुतापूर्ण क़दमों की कड़ी निंदा की जानी चाहिए।